예레미야 25 – KLB & HCV

Korean Living Bible

예레미야 25:1-38

70년의 포로 생활을 예언함

1요시야의 아들인 유다의 여호야김왕 4년, 곧 바빌로니아의 느부갓네 살왕 원년에 여호와께서 예레미야에게 모든 유다 백성에 관하여 말씀하셨다.

2그래서 예언자 예레미야는 모든 유다 백성과 예루살렘 주민들에게 이렇게 말하였다.

3“아몬의 아들인 유다의 요시야왕 13년부터 지금까지 23년 동안 여호와께서 나에게 말씀을 주셨으므로 내가 그것을 부지런히 전하였으나 여러분은 듣지 않았습니다.

4여호와께서 그의 종 예언자들을 여러분에게 끊임없이 보내셨지만 여러분은 귀를 기울여 들으려고 하지 않았습니다.

5그들은 여호와의 말씀을 이렇게 전했습니다. ‘너희는 모두 악한 길과 악한 행동에서 돌아서라. 그러면 나 여호와가 너희와 너희 조상들에게 영원히 준 그 땅에서 너희가 계속 살 수 있을 것이다.

6너희는 다른 신을 좇아 섬기거나 숭배하지 말며 너희가 손으로 만든 우상을 섬겨 나를 노하게 하지 말아라. 그러면 내가 너희를 벌하지 않을 것이다.’

7“그러나 여호와께서는 여러분이 그의 말씀을 듣지 않고 여러분의 손으로 만든 우상으로 그를 노엽게 하여 스스로 화를 불러들였다고 말씀하셨습니다.

8그러므로 전능하신 여호와께서 이렇게 말씀하셨습니다. ‘너희가 내 말을 듣지 않았으므로

9내가 모든 북쪽 민족들과 나의 종인 바빌로니아의 느부갓네살왕을 불러다가 이 땅과 그 백성과 주변의 모든 인접국들을 쳐서 완전히 없애 버리고 그들이 놀람과 조소의 대상이 되게 하며 그 땅을 영영 폐허가 되게 할 것이다.

10내가 또 그들에게서 기뻐하고 즐거워하는 소리와 신랑 신부의 소리와 맷돌소리와 등불 빛이 사라지게 할 것이니

11이 온 땅이 황폐해지고 온 세상이 그 폐허를 보고 놀랄 것이며 이스라엘과 그 인접국들은 70년 동안 바빌로니아 왕을 섬길 것이다.

1270년이 지난 후에 내가 바빌로니아 왕과 그 백성을 그들의 죄에 대하여 벌하고 그 땅을 영원히 황폐하게 하며

13내가 바빌로니아에 대하여 선언한 모든 것, 곧 예레미야가 여러 나라에 대하여 예언하고 이 책에 기록한 모든 재앙을 그 땅에 내리겠다.

14많은 나라와 대왕들이 그들을 노예로 삼을 것이다. 그들이 내 백성에게 행한 것만큼 내가 그들에게 갚아 주겠다.’ ”

여러 나라에 대한 심판

15이스라엘의 하나님 여호와께서 나에게 말씀하셨다. “너는 내 손에서 나의 분노로 가득 찬 이 잔을 받아 가지고 내가 너를 보내는 모든 나라로 마시게 하라.

16그들은 이것을 마시고 비틀거리며 미치게 될 것이다. 이것은 내가 그들 가운데 전쟁을 일으킬 것이기 때문이다.”

17그래서 나는 여호와의 손에서 그 잔을 받아 가지고 여호와께서 나를 보내신 모든 나라로 마시게 하였다.

18내가 예루살렘과 유다 성들과 그 왕들과 신하들에게 그 잔을 마시게 하였으므로 그들이 오늘날과 같이 파멸하여 두려움과 조소와 저주의 대상이 되었다.

19이 밖에 그 잔을 마시게 될 사람들과 나라는 이집트의 바로 왕과 그의 신하들과 지도자들과 그의 모든 백성들과

20그 땅에 사는 모든 외국인들, 우스의 모든 왕들, 블레셋 사람의 땅에 있는 모든 왕들과 그들의 땅인 아스글론과 가사와 에그론 사람들과 아스돗의 남은 사람들,

21에돔과 모압과 암몬 자손들,

22두로와 시돈의 모든 왕들, 지중해 연안 지역의 모든 왕들,

23드단과 데마와 부스, 옆 머리를 잘라낸 모든 사람들,

24아라비아의 모든 왕들과 사막에서 사는 유목 민족들의 모든 왕들,

25시므리와 엘람과 메디아의 모든 왕들,

26그리고 북쪽 원근 지역의 모든 왕들이다. 지상의 모든 왕들이 그 잔을 마시게 될 것이며 제일 마지막으로 25:26 히 ‘세삭 왕’바빌로니아 왕이 그 잔을 마실 것이다.

27여호와께서 나에게 말씀하셨다. “너는 전능한 나 여호와 이스라엘의 하나님이 그들에게 이렇게 말한다고 일러 주어라. ‘너희는 취하고 토하며 쓰러져 다시 일어나지 못할 때까지 내 분노의 잔을 마셔라. 내가 너희 가운데 무서운 전쟁을 일으키겠다.’

28“그러나 만일 그들이 네 손에서 잔을 받아 마시기를 거절하면 너는 그들에게 말하라: 전능하신 여호와께서 이렇게 말씀하셨다. ‘너희는 그 잔을 마셔야 한다.

29내가 내 백성이 사는 성에서부터 먼저 재앙을 내리기 시작했는데 너희가 형벌을 면할 수 있겠느냐? 너희는 형벌을 면할 수 없을 것이다. 이것은 내가 지상에 사는 모든 사람들에게 전쟁을 일으켜 그들을 칠 것이기 때문이다. 이것은 전능한 나 여호와의 말이다.’

30“그러므로 너는 그들에게 내가 말한 모든 것을 예언하고 또 그들에게 이렇게 말하라. ‘여호와께서 높은 데서 외치시며 그의 거룩한 처소에서 소리를 높이시고 자기 백성을 향하여 큰 소리를 지르시며 지상에 사는 모든 사람들에게 포도를 밟는 자처럼 외치실 것이다.

31요란한 소리가 땅 끝까지 울려 퍼질 것이니 이것은 여호와께서 세상 나라들과 다투시고 온 인류를 심판하시며 악인들을 죽이실 것이기 때문이다.’ ”

32전능하신 여호와께서는 재앙이 이 나라에서 저 나라로 번질 것이며 태풍이 땅 끝에서 일어날 것이라고 말씀하셨다.

33그 날에 여호와에게 죽음을 당한 자들의 시체가 땅 이 끝에서 저 끝까지 즐비하게 흩어져 있을 것이며 그들을 위해 슬퍼하거나 그들의 시체를 싸서 묻어 주는 자가 없어 그 시체들이 땅바닥에 흩어져 있는 거름더미 같을 것이다.

34너희 목자들아, 슬퍼하고 통곡하라. 너희 지도자들아, 잿더미에서 뒹굴어라. 너희가 무참하게 죽음을 당할 날이 왔다. 너희는 귀한 그릇이 떨어져 깨어지듯 박살이 나고 말 것이다.

35너희가 피할 곳은 아무 데도 없다.

36목자들이 울부짖는 소리를 들어 보아라. 지도자들이 통곡하는 소리를 들어 보아라. 여호와께서 그들의 목장을 황폐하게 하셨다.

37여호와의 분노로 평화로운 목장이 황폐해졌구나.

38그가 사자처럼 숨어 있던 곳에서 나오셨다. 무서운 전쟁과 여호와의 맹렬한 분노로 그들의 땅이 황폐해졌구나.

Hindi Contemporary Version

येरेमियाह 25:1-38

बंधुआई की नबूवत

1योशियाह के पुत्र यहूदिया के राजा यहोइयाकिम के राज्य-काल के चौथे वर्ष में यह बाबेल के राजा नबूकदनेज्ज़र के राज्य-काल का पहला वर्ष था, येरेमियाह को याहवेह का संदेश भेजा गया जो यहूदिया की सारी प्रजा से संबंधित था. 2जो भविष्यद्वक्ता येरेमियाह ने यहूदिया के सारे निवासियों तथा येरूशलेम के सारे निवासियों को प्रगट किया: 3अमोन के पुत्र यहूदिया के राजा योशियाह के राज्य-काल के तेरहवें वर्ष से आज तक इन तेईस वर्षों में मुझे याहवेह का संदेश प्राप्‍त होता आया है, जो मैं बार-बार तुम्हारे समक्ष प्रस्तुत भी करता रहा हूं, किंतु तुमने इसकी अनसुनी ही की है.

4याहवेह ने बार-बार अपने भविष्यवक्ताओं को भेजा जो सभी याहवेह के सेवक थे, किंतु न तो तुमने उनकी और ध्यान दिया और न ही उनकी सुनी. 5भविष्यवक्ताओं का संदेश था, “तुम सभी अपने-अपने अनाचार तथा अपने-अपने दुष्कर्मों को त्याग कर लौट आओ, तथा उस देश में निवास करो जो याहवेह ने तुम्हें तथा तुम्हारे पूर्वजों को सदा-सर्वदा के लिए दे दिया है. 6उन परकीय देवताओं का अनुसरण मत करो न उनकी सेवा करो न उनकी उपासना; अपनी हस्तकृतियों के द्वारा मेरे कोप को मत भड़काओ कि मैं तुम्हारी कोई हानि करूं.”

7“फिर भी तुमने मेरी न सुनी,” यह याहवेह की वाणी है, “तुमने यह सब स्वयं अपनी ही हानि के लिए अपनी हस्तकृतियों के द्वारा मेरे कोप को भड़काने के उद्देश्य से किया है.”

8इसलिये सेनाओं के याहवेह का कहना यह है: “इसलिये कि तुमने मेरे आदेशों का पालन नहीं किया है, 9यह देख लेना कि मैं उत्तर दिशा के सारे परिवारों को बुलाऊंगा,” यह याहवेह की वाणी है, “साथ ही मैं अपने सेवक बाबेल के राजा नबूकदनेज्ज़र को भी बुलाऊंगा कि वह इस देश पर इसके निवासियों तथा इस देश के निकटवर्ती इन सारे देशों पर आक्रमण करे. मैं इन्हें पूर्णतः नष्ट कर दूंगा कि वे आतंक तथा व्यंग्य का प्रतीक बन जाएं, कि उनमें स्थायी उजाड़ व्याप्‍त हो जाए. 10इसके सिवा मैं इन देशों से आनंद का स्वर एवं हर्षोल्लास की ध्वनि ही मिटा दूंगा, न वहां वर का स्वर सुना जा सकेगा न वधू का, न वहां चक्की की ध्वनि होगी न दीप की ज्योति. 11यह संपूर्ण देश एक उजाड़ तथा भयावहता में परिवर्तित हो जाएगा, ये जनता सत्तर वर्षों तक बाबेल के राजा की सेवा करते रहेंगे.

12“तत्पश्चात यह होगा: जब सत्तर वर्ष बीत जाएंगे, मैं बाबेल के राजा एवं राष्ट्र को तथा कसदियों के देश को उनके अधर्म के लिए दंड दूंगा,” यह याहवेह की वाणी है, “मैं उसे चिरस्थायी उजाड़ में परिवर्तित कर दूंगा. 13उस देश से संबंधित मेरे द्वारा उच्चारित सारे शब्द सत्य प्रमाणित होंगे, वे सब जो इस ग्रंथ में बताए गए है जिनकी भविष्यवाणी येरेमियाह ने इन सभी राष्ट्रों के विरुद्ध की थी. 14क्योंकि अनेक राष्ट्र एवं प्रतिष्ठित राजा उन्हें भी अपने दास बना लेंगे; हां, बाबेलवासियों को भी मैं उनके द्वारा किए गए कार्यों के अनुरूप ही प्रतिफल दूंगा.”

याहवेह के कोप का प्याला

15क्योंकि याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर का, मेरे लिए आदेश यह है: “मेरे हाथ से मेरे कोप के द्राक्षारस का प्याला ले लो और उन सभी देशों को जहां मैं तुम्हें भेजने पर हूं, इसे पीने के लिए प्रेरित करो. 16वे उस तलवार के कारण जो मैं उनके मध्य भेजने पर हूं, इसे पिएंगे, लड़खड़ाने लगेंगे तथा उन्मत्त हो जाएंगे.” 17मैंने याहवेह के हाथ से वह प्याला ले लिया और याहवेह ने मुझे जिन-जिन राष्ट्रों में भेजा उन्हें पिला दिया:

18येरूशलेम तथा यहूदिया के नगर, उनके राजा एवं उनके उच्चाधिकारियों को वे अवशेष, आतंक, उपहास तथा शाप बने रह जाएं, जैसा कि आज भी देखा जा सकता है;

19मिस्र का राजा फ़रोह, उसके सेवक, उसके उच्च अधिकारी तथा उसकी सारी प्रजा, 20सभी विदेशी नागरिक;

उज़ देश के सभी राजा;

फिलिस्तिया देश के सभी राजा, यहां तक कि अश्कलोन, अज्जाह25:20 अज्जाह यानी गाज़ा, एक्रोन, तथा अशदोद के लोग;

21एदोम, मोआब तथा अम्मोन के वंशज;

22सोर के सभी राजा, सीदोन के सभी राजा,

तथा उन तटवर्ती क्षेत्रों के राजा जो सागर के परे हैं;

23देदान, तेमा, बुज़ तथा वे सभी जो अपनी कनपटी के बाल क़तर लेते हैं;

24अरेबिया के सभी राजा तथा विदेशियों के सभी राजा जो मरुस्थल में निवास करते हैं;

25ज़िमरी के सभी राजा, एलाम के सभी राजा, मेदिया के सभी राजा;

26उत्तर के सभी राजा दूर अथवा निकट के, एक के बाद एक, तथा पृथ्वी के सभी राज्य, जो पृथ्वी तल पर हैं,

और इन सबके बाद शेशाख का राजा भी यह द्राक्षारस पिएगा.

27“तुम्हें उनसे कहना होगा, ‘इस्राएल के परमेश्वर, सेनाओं के याहवेह का आदेश यह है: पियो, मतवाले हो जाओ, उल्टी करो, गिर पड़ो, फिर खड़े ही न होओ, उस तलवार के कारण जो मैं तुम्हारे मध्य तैयार करने पर हूं.’ 28यदि वे तुम्हारे हाथ से वह प्याला लेकर पीना अस्वीकार कर दें, तब तुम्हें उनसे यह कहना होगा, ‘सेनाओं के याहवेह का संदेश यह है: निश्चयतः पीना तो तुम्हें पड़ेगा ही! 29क्योंकि यह देखना, इस नगर में जो मेरे नाम से प्रतिष्ठित हैं, मैं घोर संकट प्रारंभ करने पर हूं, कैसे संभव है कि तुम दंड से बचे रहोगे? तुम दंड से बच न सकोगे, क्योंकि मैंने सारी पृथ्वी के निवासियों के विरुद्ध तलवार का आह्वान किया हुआ है, यह सेनाओं के याहवेह की वाणी है.’

30“इसलिये तुम्हें उन सबके विरुद्ध यह भविष्यवाणी करनी होगी और तुम उनसे यह कहोगे:

“ ‘याहवेह की गर्जना उनके उच्च स्थान से होगी;

तथा उनके पवित्र आवास से उनका स्वरोच्चार होगा

वह अपनी भेड़-बकरियों पर उच्च स्वर में गरजेंगे.

उनका उच्च स्वर पृथ्वी के सारे निवासियों के विरुद्ध,

उनके सदृश होगा जो द्राक्षा को रौंद रहे हैं.

31पृथ्वी के छोर तक यह आवाज गूंज उठेगी,

क्योंकि याहवेह ने राष्ट्रों पर आरोप लगाया है;

वह सारे मनुष्यों का न्याय करने पर हैं, जहां तक बुराइयों का प्रश्न है,

याहवेह ने उन्हें तलवार से घात होने के लिए तैयार कर दिया है,’ ”

यह याहवेह की वाणी है.

32सेनाओं के याहवेह की यह वाणी है:

“इस ओर ध्यान दो

एक राष्ट्र से दूसरे राष्ट्र में घोर विपत्ति प्रसारित होती चली जा रही है;

और पृथ्वी के दूर-दूर के क्षेत्रों से

एक विशाल बवंडर स्वरूप ले रहा है.”

33उस अवसर पर याहवेह द्वारा घात किए हुए लोग पृथ्वी के एक छोर से दूसरे छोर तक देखे जाएंगे. उनके लिए विलाप नहीं किया जाएगा न ही उन्हें एकत्र करके गाड़ा जाएगा, वे भूमि के ऊपर मल सदृश पड़े रहेंगे.

34चरवाहो, विलाप करो, विलाप करो;

तुम जो भेड़-बकरियों के स्वामी हो, भस्म में लोटते रहो.

क्योंकि तुम्हारे मारे जाने तथा तुम्हारे तितर-बितर होने के दिन आ पहुंचे हैं;

तुम उत्कृष्ट बर्तन के सदृश गिरकर चूर-चूर हो जाओगे.

35चरवाहों के समक्ष पलायन करने का कोई स्थान न होगा,

वही स्थिति होगी पशुओं के झुंड के स्वामियों की.

36चरवाहों के रोने की ध्वनि सुन लो,

साथ ही भेड़-बकरियों के स्वामियों का विलाप भी,

क्योंकि याहवेह उनके चरवाहों को नष्ट कर रहे हैं.

37उनकी शान्तिपूर्ण चरागाहें

याहवेह के प्रचंड कोप के कारण निस्तब्ध हो गई हैं.

38सिंह के सदृश याहवेह अपनी मांद से निकल पड़े हैं,

याहवेह के प्रचंड कोप के कारण

तथा दमनकारी तलवार की प्रचंडता के कारण

उनका देश भयावह हो चुका है.