ナホム書 3 – JCB & HCV

Japanese Contemporary Bible

ナホム書 3:1-19

3

ニネベの災い

1ああ、流血の町、

偽りと略奪に満ちたニネベは災いだ。

2聞け、むちの音を。

戦車がニネベに向かって進んで来る。

車輪とひづめの音を響かせて、

荒々しく通りを走り抜けて行く。

その音のすさまじいことよ。

3騎兵が振りかざす剣と槍が、きらめいているのを見よ。

死人が通りに横たわっている。

どこもかしこも死体の山だ。

人々はそれにつまずいて転び、ようやく置き上がり、

再び倒れる。

4こうなったのもみな、

ニネベが神の敵に自分を売ったからだ。

美しいが不誠実な町、死に至らせる魅力をもつ女王は、

その美しさで国々の気を引き、

彼らすべてに偽りの神々を拝むことを教えて、

あらゆる場所で人々を魅了した。

5全能の主は言う。

「わたしがおまえに反対するのは当然のことだ。

今、全地がおまえの裸と恥を見ることになる。

6おまえを汚物で覆い、

実際どんなに汚い者であるかを世界に見せよう。」

7おまえを見る者はみな、恐れてしりごみする。

「ニネベは完全に廃墟と化した」と。

それでも、おまえの運命を悲しむ者は一人もいない。

8おまえは、ナイル川の両岸にまたがり、

四方を川で守られていたテーベよりも

すぐれているだろうか。

9エチオピヤとエジプト全土はテーベの力強い同盟者で、

テーベはプテとリビヤからと同様、

彼らからどんな援助でも求めることができた。

10それでもテーベは陥落し、

住民は奴隷となって連れて行かれたのだ。

赤ん坊は道路の石にたたきつけられて死んだ。

高官たちは、くじ引きで兵士たちの召使にされた。

指導者はみな鎖につながれた。

11ニネベも、酔っぱらいのようにふらつき、

おびえて身を隠すようになる。

12要塞はすべて陥落する。

木を揺さぶる人の口の中に落ちる、

初なりのいちじくのように食べられる。

13おまえの軍隊は女のように弱く、頼る相手がいない。

国のすべての門は敵に対して広く開けられ、

火で焼かれる。

14籠城に備えよ。水をたくわえよ。要塞を強固にせよ。

城壁を修理するために、れんがをたくさん用意せよ。

洞窟に入って粘土を足でこね、型に詰めるのだ。

15しかし、準備の最中に、火がおまえを焼き尽くす。

剣がおまえを切り倒す。

若いいなごが目の前にある物を平らげるように、

敵がおまえを食い尽くす。

おまえはばったのように増え広がるが、

逃れることはできない。

16商人は星のように多く、

巨万の富でこの町を満たしたが、

敵はいなごのように群がり、それを持ち去る。

17君主や役人たちは、いなごが寒い季節に

生け垣に群がるように、群がっている。

ところが、日が昇って地が暖まりだすと

いなごも姿を消すように、全員が逃げていなくなる。

18アッシリヤの王よ。

おまえの君主たちは、死んでちりの中に横たわる。

おまえの民は山の向こうに散らされる。

今、彼らを集める牧者はいない。

19おまえの傷は治らない。

あまりにも傷が深いからだ。

おまえの最期を聞く者はみな、手をたたいて喜ぶ。

みな、おまえの残虐なふるまいに苦しんだからだ。

Hindi Contemporary Version

नहूम 3:1-19

नीनवेह के ऊपर दुख

1धिक्कार है उस खून के नगर पर,

जो झूठ से भरा हुआ है,

जो लूटपाट से भरा हुआ है,

और जो पीड़ितों से कभी मुक्त नहीं होता!

2चाबुक के चटकने की आवाज,

पहियों का खड़खड़ाना,

घोड़ों का सरपट भागना

और रथों का झटके से हिलना-डुलना!

3घुड़सवार सेना का आक्रमण करना,

तलवारों का चमकना

बर्छियों की चमक!

मारे गये बहुत सारे लोग,

लाशों का ढेर,

असंख्य मृत शरीर,

लाशों के ऊपर लड़खड़ाते लोग,

4ये सब उस एक वेश्या के लम्पट वासना के कारण से है,

जो लुभानेवाली और जादू-टोने की स्वामिनी है,

जो जाति-जाति के लोगों को अपने वेश्यावृत्ति से

और अपने जादू-टोने से लोगों को गुलाम बना लेती है.

5यह सर्वशक्तिमान याहवेह की घोषणा है, “मैं तुम्हारे विरुद्ध हूं.

मैं तुम्हारे कपड़े को तुम्हारे चेहरे तक उठा दूंगा.

मैं जाति-जाति के लोगों को तुम्हारा नंगापन दिखाऊंगा

और राज्य-राज्य के लोगों के सामने तुम्हें लज्जित करूंगा.

6मैं तुम्हारे ऊपर गंदगी फेंकूंगा,

मैं तुम्हें अपमानित करूंगा

और तुम्हारा तमाशा बनाऊंगा.

7वे सब जो तुम्हें देखेंगे, वे तुमसे दूर भागेंगे और कहेंगे,

‘नीनवेह नाश हो गई है—कौन उसके लिये विलाप करेगा?’

तुम्हें सांत्वना देनेवाले मुझे कहां मिल सकते हैं?”

8क्या तुम उस थेबेस3:8 थेबेस दूसरा नाम नो-आमोन नगर से बेहतर हो,

जो नील नदी के तट पर बसा है,

और जो चारों ओर से पानी से घिरा हुआ है?

नदी उसकी सुरक्षा थी,

और पानी उसके लिए दीवार के समान था.

9कूश तथा मिस्र देश उसे असीमित शक्ति देते थे;

उसके मित्र राष्ट्रों में पूट और लिबिया थे.

10फिर भी उसे बंधक बनाकर

बंधुआई में ले जाया गया.

हर एक गली के मोड़ पर उसके नन्हे बच्चों को

पटक कर मार डाला गया.

उसके प्रतिष्ठित व्यक्तियों के लिए पासा फेंका गया,

और उसके सब बड़े लोगों को बेड़ियों में जकड़ दिया गया.

11हे नीनवेह नगरी, तुम भी नशे में मतवाली हो जाओगी;

तुम छिपने चली जाओगी

और शत्रु से सुरक्षा के लिए आश्रय खोजोगी.

12तुम्हारे सब गढ़ उन अंजीर वृक्षों के समान हैं,

जिनमें पहिली उपज के पके फल लगे हों;

जब उनको हिलाया जाता है,

तो अंजीर खानेवाले के मुंह में गिरते हैं.

13अपने सैन्य-दलों को देख,

वे सब दुर्बल प्राणी हो गये हैं.

तुम्हारे देश के द्वार

तुम्हारे शत्रुओं के लिये खुले हुए हैं;

आग ने तुम्हारे द्वार छड़ों को जलाकर नष्ट कर दिया है.

14अपने सैनिकों के लिए पानी भर लो,

अपनी सुरक्षा को मजबूत करो!

मिट्टी को इकट्ठा करो,

पैरों से कुचलकर उसका गारा बना डालो,

ईंट बनाने के काम को सुधारो!

15वहां आग तुम्हें जलाकर नष्ट कर देगी;

तलवार तुम्हें घात कर देगी.

वे तुम्हें टिड्डियों के झुंड की तरह खा जाएंगी.

पतंगों के समान अपनी संख्या को बढ़ाओ,

टिड्डियों की तरह अपनी संख्या को बढ़ाओ!

16तुमने अपने व्यापारियों की संख्या

आकाश के तारों की संख्या से भी अधिक बढ़ा ली है,

पर वे टिड्डियों की तरह

देश को नष्ट करके भाग जाते हैं.

17तुम्हारे पहरेदार टिड्डियों के समान हैं,

तुम्हारे अधिकारी टिड्डियों के झुंड के समान हैं

जो ठंडे दिन में दीवारों पर अपना बसेरा बनाते हैं,

पर जब सूर्योदय होता है तो वे उड़ जाते हैं,

और कोई नहीं जानता कि वे कहां जाते हैं.

18हे अश्शूर के राजा, तुम्हारे चरवाहे झपकी ले रहे हैं;

तुम्हारे प्रतिष्ठित लोग आराम करने के लिए लेटे हुए हैं.

तुम्हारे लोग पहाड़ों पर तितर-बितर हो गये हैं

और उन्हें इकट्ठा करनेवाला कोई नहीं है.

19तुम्हारी चंगाई नहीं हो सकती;

तुम्हारा घाव घातक है.

वे सब, जो तुम्हारे बारे में सुनते हैं

वे तुम्हारे पतन पर ताली बजाते हैं,

क्योंकि ऐसा कौन है

जो तुम्हारी खत्म न होनेवाली क्रूरता से बच सका है?