2 शमुएल 23 – Hindi Contemporary Version HCV

Hindi Contemporary Version

2 शमुएल 23:1-39

दावीद द्वारा मुखरित अंतिम उद्गार

1यह दावीद द्वारा भेजा उनका आखिरी वचन है:

“यिशै के पुत्र दावीद की यह घोषणा है,

वह व्यक्ति, जो परमेश्वर द्वारा उन्‍नत किया गया, वह घोषणा कर रहा है,

याकोब के परमेश्वर द्वारा अभिषिक्त,

इस्राएल का लोकप्रिय, मधुर संगीतकार:

2“याहवेह के आत्मा मेरे द्वारा बातें करते रहे हैं.

उनका संदेश मेरी जीभ पर रहता था.

3इस्राएल के परमेश्वर ने,

इस्राएल की चट्टान ने मुझसे कहा,

‘वह, जो मनुष्यों पर न्याय के साथ शासन करता है,

परमेश्वर की श्रद्धा में शासन करता है,

4वह सुबह की आभा के समान है, जब सूर्योदय हो रहा होता है,

ऐसी सुबह, जो बादलों से छाई हुई,

जब भूमि से बारिश के बाद कोमल घास

सूर्य प्रकाश में भूमि से अंकुरित होने लगती है.’

5“क्या यह तथ्य नहीं,

कि मेरे वंश के विषय में परमेश्वर की यही मान्यता है?

क्योंकि उन्होंने मुझसे सदा की वाचा स्थापित की है,

हर एक पक्ष में सुव्यवस्थित और सुरक्षित.

क्या वह मेरे उद्धार और अभिलाषा को उन्‍नत न करेंगे?

6निकम्मे व्यक्ति फेंक दी गई कंटीली झाड़ियों के समान हैं,

उन्हें हाथों से इकट्ठा नहीं किया जा सकता;

7जो व्यक्ति इन्हें इकट्ठा करने का काम करता है,

वह लोहे के दंड और भाले की छड़ को लेकर आता है;

तब उन्हें आग में भस्म किया जा सकता है.”

दावीद के शूर योद्धा

8दावीद द्वारा सेना में शामिल वीर योद्धाओं के नाम:

तहकेमोनवासी योशेब-बश्शेबेथ; वह तीन सेनापतियों में प्रमुख था. उसने अपने भाले से एक ही समय में आठ सौ शत्रुओं का संहार किया था.

9इन तीन शूरवीरों में दूसरा पद था अहोही के पुत्र दोदो के पुत्र एलिएज़र का. वही उस समय दावीद के साथ था, जब वे युद्ध के लिए मोर्चा बांधे फिलिस्तीनियों की ओर बेधड़क आगे बढ़ते गए, जबकि इस्राएली सेना पीछे हट चुकी थी. 10आगे बढ़कर उसने फिलिस्तीनियों का संहार करना शुरू कर दिया, जब तक उसके हाथ थक न गए. उसका हाथ मानो तलवार से चिपक गया था. उस दिन याहवेह द्वारा प्रदान की गई विजय अद्भुत थी. इसके बाद सैनिक वहां आए अवश्य, मगर सिर्फ मृतकों की सामग्री लूटने.

11इसके बाद नामित है हरारी अगी का पुत्र शम्माह. फिलिस्ती सेना लेही नामक स्थल पर मोर्चा बांधे एकत्र थी. वहां मतूर का खेत था. लोग फिलिस्तीनियों से डरकर भाग रहे थे. 12उसने खेत के बीच में रहते हुए उनका सामना किया, उस खेत की रक्षा करते रहे, और फिलिस्तीनियों को मार गिराया. याहवेह ने बड़ी जीत के द्वारा उनकी रक्षा की.

13कटनी के अवसर पर चट्टान में अदुल्लाम गुफा में तीस प्रमुख अधिकारियों में से तीन दावीद से भेंटकरने गए. इस समय, रेफाइम की फिलिस्तीनी सेना घाटी में शिविर डाले हुए थे. 14इस समय दावीद गढ़ में थे, और फिलिस्तीनी सेना बेथलेहेम में. 15बड़ी इच्छा से दावीद कह उठे, “कैसा सुखद होता अगर कोई बेथलेहेम फाटक के पास के कुएं से मुझे पीने के लिए पानी ला देता!” 16यह सुन ये तीन वीर योद्धा फिलिस्तीनियों के शिविर में से बचते-बचाते जाकर उस कुएं से, जो बेथलेहेम के द्वार के निकट था, दावीद के लिए जल ले आए. मगर दावीद ने वह जल पिया नहीं, उन्होंने उसे याहवेह के सामने उंडेल दिया. 17उन्होंने कहा, “याहवेह, मुझसे यह काम कभी न हो. क्या, यह जल इन वीरों का लहू समान नहीं, जो अपने प्राण जोखिम में डाल मेरे लिए यह लाए हैं?” इसलिये दावीद ने वह जल नहीं पिया.

ऐसे साहसिक थे इन वीरों के कार्य.

18ज़ेरुइयाह का पुत्र, योआब का भाई अबीशाई तीस सैनिकों पर अधिकारी था. उसने तीन सौ पर अपनी बर्छी घुमाई और उनको मार गिराया. उसने भी उन तीनों के समान प्रतिष्ठा प्राप्‍त की. 19तीसों में वही सबसे अधिक प्रख्यात था. वह उनका प्रधान बन गया, मगर वह उन तीनों में से एक न था.

20कबज़ीएल के एक वीर के पोते, यहोयादा के पुत्र, बेनाइयाह ने बड़े-बड़े काम किए थे, उसने मोआब के अरीएल के दो पुत्रों को मार गिराया. उसने ही उस दिन, जब बर्फ गिर रही थी, जाकर एक गड्ढे में बैठे सिंह का वध किया था. 21उसने एक बड़ा सा मिस्री का भी वध किया. उस मिस्री के हाथ में भाला अवश्य था मगर बेनाइयाह ने जाकर अपनी छड़ी से उसके भाले को उससे छीन लिया और उस मिस्र का वध उसी के भाले के कर दिया. 22यहोयादा के पुत्र बेनाइयाह ने ये सारे काम किए, और उन तीन वीरों के समान प्रतिष्ठा प्राप्‍त की. 23वह उन तीसों में ही प्रख्यात हुआ, मगर उन तीन के तुल्य नहीं. दावीद ने उसे अपने अंगरक्षक का अधिकारी नियुक्त कर दिया.

24तीस योद्धाओं के समूह में अन्य व्यक्ति ये थे:

योआब का भाई आसाहेल,

बेथलेहेम के दोदो का पुत्र एलहानन,

25हेरोदी शम्माह,

हेरोदी एलीका,

26पेलेथी हेलेस,

तकोआ निवासी इक्‍केश का पुत्र ईरा,

27अनाथोथी अबीएज़ेर,

हुशाथी मबुन्‍ने,

28अहोही सलमोन,

नेतोफ़ाही माहाराई,

29नेतोफ़ाही के बाअनाह का पुत्र हेलेब,

गिबियाह के बिन्यामिन परिवार समूह रिबाई का पुत्र इथाई,

30पिराथोनी बेनाइयाह,

गाश के नालों का हिद्दै,

31अरबाथवासी अबीअल्बोन,

बहूरीमी अज़मावेथ,

32शालबोनी एलीअहाब,

याशेन के पुत्र;

योनातन 33हरारी शम्माह का पुत्र,

अरारी शारार का अहीयम,

34माकाहथि का अहसबै का पुत्र एलिफेलेत,

गीलोई अहीतोफ़ेल का पुत्र एलियाम,

35कर्मेली हेस्रो,

अराबी पारै,

36ज़ोबाह के नाथान का पुत्र यिगाल;

गादी बानी;23:36 कुछ पाण्डुलिपियों में हागरी का बेटा (देखें 1 इति 11:38)

37अम्मोनवासी सेलेक,

बीरोथवासी नाहाराई, जो ज़ेरुइयाह के पुत्र योआब का हथियार उठानेवाला था;

38इथरी ईरा

इथरी गारेब;

39और हित्ती उरियाह.

सब मिलाकर ये सैंतीस थे.