2 शमुएल 1 – HCV & CCB

Hindi Contemporary Version

2 शमुएल 1:1-27

दावीद को शाऊल की मृत्यु की सूचना

1शाऊल की मृत्यु हो चुकी थी और दावीद को अमालेकियों का संहार कर लौटे हुए दो दिन व्यतीत हो चुके थे. 2तीसरे दिन शाऊल के शिविर से एक व्यक्ति वहां आया उसके वस्त्र फटे हुए थे और उसके केशों में धूल समाई हुई थी. जब वह दावीद के निकट पहुंचा, उसने दंडवत हो उनका अभिवादन किया.

3दावीद ने उससे प्रश्न किया, “कहां से आ रहे हो?”

उसने उत्तर दिया, “मैं इस्राएली सेना के शिविर से बच निकल भागकर यहां पहुंचा हूं.”

4दावीद ने उससे आगे पूछा, “मुझे बताओ वहां स्थिति क्या है?”

उसने उत्तर दिया, “इस्राएली सेना पीठ दिखाकर भागी है. अनेक सैनिक घायल हुए, और अनेक मारे गए हैं. शाऊल और उनके पुत्र योनातन भी युद्ध में मारे गये.”

5दावीद ने उस संदेशवाहक युवक से प्रश्न किया, “तुम्हें यह कैसे ज्ञात हुआ कि शाऊल और योनातन की मृत्यु हो चुकी है?”

6उस सूचना देनेवाले युवक ने उन्हें बताया, “संयोगवश में उस समय गिलबोआ पर्वत पर ही था. वहां मैंने देखा कि शाऊल अपने भाले पर झुके हुए थे, घुड़सवार और रथ उनकी ओर बढ़े चले आ रहे थे, 7उन्होंने मुड़कर मेरी ओर देखा और मुझे पुकारा, मैंने उनसे कहा, ‘आज्ञा दीजिए?’

8“उन्होंने ही मुझसे पूछा, ‘कौन हो तुम?’

“मैंने उन्हें उत्तर दिया, ‘मैं अमालेकी हूं.’

9“उन्होंने मुझसे कहा, ‘मेरे निकट आकर मुझे इस पीड़ा से मुक्त कर दो. मेरी मृत्यु की पीड़ा असहनीय हो रही है, परंतु मेरे प्राण निकल नहीं रहे.’

10“तब मैं उनके निकट गया और उन पर वार कर उनकी हत्या कर दी, क्योंकि यह स्पष्ट ही थी कि भाले पर गिरने के बाद उनका जीवित रहना असंभव था. फिर मैंने उनका मुकुट उनके सिर से उठाया, उनकी बांह से उनका कंगन निकाला, और अपने स्वामी के लिए उन्हें ले आया हूं.”

11तब दावीद ने अपने कपड़ों को पकड़कर उन्हें फाड़ दिया, और यही उनके सभी साथियों ने भी किया. 12शाऊल, उनके पुत्र योनातन और तलवार से घात किए गए याहवेह की प्रजा और इस्राएल वंश के लिए वे सांझ तक विलाप करते रहे और उन्होंने उपवास किया.

13दावीद ने उस युवक से जो समाचार लाया था पूछा, “कहां के हो तुम?”

और उसने उन्हें उत्तर दिया था, “मैं एक विदेशी की संतान हूं, एक अमालेकी.”

14दावीद ने इस युवक से प्रश्न किया, “याहवेह के अभिषिक्त पर हाथ उठाते हुए तुम्हें भय क्यों न लगा?”

15दावीद ने अपने एक युवा साथी को बुलाकर उससे कहा, “जाकर उसे समाप्‍त कर दो.” तब उस साथी ने अमालेकी पर वार किया और उसकी मृत्यु हो गई. 16दावीद ने कहा, “तुम्हारा रक्त-दोष तुम्हारे ही सिर पर है, क्योंकि स्वयं तुमने यह कहते हुए अपने मुख से अपने ही विरुद्ध गवाही दी है, ‘मैंने याहवेह के अभिषिक्त की हत्या की है.’ ”

शाऊल के लिए दावीद का शोक गीत

17दावीद ने शाऊल और उनके पुत्र योनातन के लिए यह शोक गीत गाया, 18और उन्होंने यह आदेश प्रसारित किया, कि यह गीत सारे यहूदियावासियों को सिखाया जाए (यह गीत याशर के ग्रंथ में अंकित है):

19“इस्राएल, तुम्हारा गौरव तुम्हारे ही उच्च स्थानों पर घात किया गया है.

कैसे पराक्रमी गिर पड़े हैं!

20“इसका उल्लेख गाथ में न किया जाए,

इसका उल्लेख अश्कलोन की गलियों में भी न किया जाए,

ऐसा न हो कि फिलिस्तीनियों की पुत्रियां इस पर उल्लास मनाने लगें,

ऐसा न हो कि अख़तनितों की पुत्रियां हर्षित होने लगें.

21“गिलबोआ के पर्वतों,

तुम पर न तो ओस पड़े, और न बारिश,

तुम पर उपजाऊ खेत भी न हों.

क्योंकि इसी स्थान पर शूर योद्धा की ढाल दूषित की गई,

शाऊल की ढाल बिना तेल लगाए रह गई.

22“घात किए हुओं के रक्त से,

शूरवीरों की चर्बी से,

योनातन का धनुष कभी खाली न लौटा,

वैसे ही शाऊल की तलवार का वार कभी विफल नहीं हुआ.

23शाऊल और योनातन

अपने जीवनकाल में प्रिय और आकर्षक थे,

मृत्यु में भी वे विभक्त नहीं हुए.

उनमें गरुड़ों सदृश तेज गति,

और सिंहों सदृश बल था.

24“इस्राएल की पुत्रियो,

शाऊल के लिए विलाप करो,

जिन्होंने तुम्हें भव्य बैंगनी वस्त्र पहनाए,

जिन्होंने वस्त्रों के अलावा तुम्हें सोने के आभूषण भी दिए.

25“शूर कैसे घात किए गए युद्ध में!

तुम्हारे उच्च स्थल पर योनातन मृत पड़ा है.

26योनातन, मेरे भाई, तुम्हारे लिए मैं शोकाकुल हूं;

तुम मुझे अत्यंत प्रिय थे.

मेरे लिए तुम्हारा प्रेम,

नारी के प्रेम से कहीं अधिक मधुर था.

27“कैसे शूर मिट गए!

कैसे युद्ध के हथियार नष्ट हो गए!”

Chinese Contemporary Bible 2022 (Simplified)

撒母耳记下 1:1-27

大卫得知扫罗的死讯

1大卫战胜了亚玛力人之后便回到洗革拉,在那里住了两天。那时扫罗已经死了。 2第三天,有一个衣服撕裂、头蒙灰尘的人从扫罗军营中跑到大卫面前,俯伏下拜。 3大卫问他:“你从哪里来?”那人答道:“我是从以色列军营逃出来的。” 4大卫说:“请告诉我那边的情况。”他说:“以色列军溃逃,伤亡惨重,就连扫罗和他儿子约拿单都死了!” 5大卫又问报信的青年:“你怎么知道扫罗和他儿子约拿单死了?” 6青年说:“我偶然到基利波山,看见扫罗在那里倚枪而立,敌人的战车骑兵紧紧追来。 7他回头看到我,便呼唤我。我说,‘我在这里。’ 8他问我是什么人。我告诉他我是亚玛力人。 9扫罗说他痛苦不堪,却又死不掉,要我杀了他。 10我知道他身受重伤,必死无疑,就把他杀了,并取下他头上的王冠和臂上的镯子带来献给我主。”

11大卫就撕裂衣服,他的随从也撕裂衣服。 12他们因扫罗、他的儿子约拿单和耶和华的子民以色列同胞阵亡而悲哀痛哭,禁食直到黄昏。 13大卫又问报信的青年:“你是哪里的人?”他答道:“我是寄居在以色列亚玛力人。” 14大卫说:“你怎么敢下手杀耶和华所膏立的王? 15-16你是咎由自取!因为你亲口承认自己杀了耶和华所膏立的王。”大卫随即命令一个年轻的随从杀死他,随从便杀死了他。

大卫的哀歌

17大卫作了一首挽歌哀悼扫罗和他儿子约拿单18并吩咐人教导犹大人唱这首弓歌。这首歌记在《雅煞珥书》上,歌词说:

19以色列啊,

你荣耀的王伏尸山上,

勇士竟然倒下!

20不要在迦特宣告,

不要在亚实基伦的街上传扬,

免得非利士的妇女幸灾乐祸,

免得未受割礼之人的女子欢喜雀跃。

21基利波山啊,愿你没有雨露,

你的田地不长献祭用的五谷,

因为那里有勇士锈污的盾牌,

扫罗的盾牌没有抹油。

22约拿单的弓射敌无数,

扫罗的剑不杀强敌不收回。

23扫罗约拿单深受爱戴,

生死不分离。

他们比鹰更敏捷,

比狮子还强壮。

24以色列的女子啊,

扫罗哀哭吧!

他曾使你们衣服华美,

穿金戴银。

25“勇士竟战死沙场!

约拿单竟伏尸山上!

26我的兄弟约拿单啊,

我为你悲伤,

你对我情深义重,

你对我的爱胜过女人的恋情。

27“勇士竟然倒下!

兵器竟然耗损!”