2 इतिहास 16 – HCV & CCBT

Hindi Contemporary Version

2 इतिहास 16:1-14

आसा के अंतिम वर्ष

1आसा के शासनकाल के छत्तीसवें साल में बाशा ने यहूदिया पर हमला कर दिया और रामाह नगर को बसाया, इसलिये कि इस्राएल का कोई भी व्यक्ति इस्राएल की सीमा से बाहर न जाने पाए और न कोई यहूदिया के राजा आसा के पास जा सके.

2इसलिये आसा ने याहवेह के भवन के खजाने से और राजमहल से चांदी और सोना निकालकर दमेशेक में अराम के राजा बेन-हदद को इस संदेश के साथ भेज दिया. 3“आपके और मेरे बीच एक वाचा बांधी जाए—ठीक जैसी मेरे और आपके पिता के बीच थी. मैं आपके लिए सोना और चांदी भेज रहा हूं. आप इस्राएल के राजा बाशा से अपनी वाचा तोड़ दीजिए, कि वह यहां से अपनी सेनाएं हटा ले.”

4बेन-हदद राजा आसा के प्रस्ताव से राज़ी हो गया. उसने इस्राएल राज्य के नगरों के विरुद्ध अपने सैन्य अधिकारी भेज दिए. इयोन, दान, आबेल-माइम और नफताली क्षेत्र के सभी भंडार नगर अपने अधिकार में कर लिए. 5जब बाशा को यह समाचार प्राप्‍त हुआ, उसने रामाह का गढ़ बनाना रोक कर सारा काम समाप्‍त कर दिया. 6राजा आसा ने सारी यहूदी जनता को वहां ले जाकर रामाह के निर्माण स्थल से सारे पत्थर और लकड़ियां इकट्ठा कर लीं, जिनसे बाशा बनाने का काम कर रहा था. इस सामान को लेकर उसने गेबा और मिज़पाह नगरों की गढ़बन्दी कर दी.

7उसी समय दर्शी हनानी ने यहूदिया के राजा आसा से कहा, “इसलिये कि आपने याहवेह, अपने परमेश्वर पर भरोसा करने की बजाय अराम के राजा पर भरोसा किया है, इस्राएल के राजा की सेना अब आपसे बचकर निकल गई है. 8क्या कूश देश की और लिबिया की सेना बहुत ही बड़ी और अनगिनत सेना न थी, जिसमें बड़ी संख्या में रथ और घुड़सवार थे? फिर भी इसलिये कि उस स्थिति में आपने याहवेह पर भरोसा किया था, याहवेह ने आपको उन पर विजय दी थी. 9क्योंकि याहवेह की आंखें पूरी पृथ्वी पर हर जगह घूमती रहती हैं, कि वह उन्हें मजबूत कर सकें, जिनके मन उनके प्रति पूरी तरह से सच्चे है. इस स्थिति में आपने मूर्खता कर डाली है. इसलिये अब से आप निश्चित ही युद्धों में ही लगे रहेंगे.”

10यह सुनना था कि आसा दर्शी पर इतना गुस्सा हो गया कि उसने दर्शी को जेल में डाल दिया; क्योंकि वह दर्शी की इस बात से बहुत ही गुस्सा हो गया था. इसी समय आसा ने कुछ लोगों को परेशान करना शुरू कर दिया था.

11आसा द्वारा शुरू से अंत तक किए कामों का ब्यौरा यहूदिया और इस्राएल के राजा की पुस्तक में दिया गया है. 12उसके शासनकाल के उनचालीसवें साल में आसा के पैरों में कोई रोग लग गया. यह बहुत गंभीर रोग था; फिर भी अपनी रोगी हालत में उसने याहवेह की खोज नहीं कि वह सिर्फ वैद्यों पर आश्रित रहा. 13तब आसा हमेशा के लिए अपने पूर्वजों से जा मिला. यह उसके शासनकाल का एकतालीसवां साल था. 14उन्होंने उसे दावीद के नगर में उसी की कब्र में रख दिया. यह कब्र उसने खुद अपने लिए बनवाई थी. उन्होंने आसा को इस शांति की जगह में रख दिया, जिसे उसने सुगंध के व्यापारियों के कौशल के द्वारा तरह-तरह के मसालों से मिलाकर भरकर रखा था. उन्होंने आसा के सम्मान में बड़ी आग जलाई.

Chinese Contemporary Bible 2023 (Traditional)

歷代志下 16:1-14

猶大與以色列爭戰

1亞撒執政第三十六年,以色列巴沙上來攻打猶大,並修築拉瑪,不許任何人進出猶大亞撒的地界。 2於是,亞撒取出耶和華殿裡和王宮庫房裡的金銀,送給大馬士革亞蘭便·哈達,說: 3「我們之間應立盟約,像我們的父輩間立約一樣,現在奉上金銀為禮,請你取消與以色列巴沙的盟約。這樣,他就會從我境內退兵。」 4便·哈達接受了亞撒王的提議,派將領攻打以色列的城邑,攻佔了以雲亞伯·瑪音拿弗他利所有的儲貨城。 5巴沙聞訊,就停止修築拉瑪6亞撒王率領全體猶大人,將巴沙修築拉瑪的石頭和木材搬走,用它們修建迦巴米斯巴

哈拿尼先見

7那時,哈拿尼先見晉見猶大亞撒說:「因為你不倚靠你的上帝耶和華,反而倚靠亞蘭王,所以亞蘭王的軍隊已經從你手中逃脫。 8古實人與利比亞人不是一支戰車騎兵極多的強大軍隊嗎?然而,因為你倚靠耶和華,耶和華就把他們交在你手中。 9耶和華的眼目遍察天下,彰顯大能來扶助那些全心歸向祂的人。你做了愚蠢的事!從此以後,你必遭遇戰禍。」 10亞撒聽了就對先見發怒,把他囚禁在監獄裡,同時又壓迫一些民眾。

亞撒逝世

11亞撒的事自始至終都記在《猶大以色列列王史》上。 12亞撒執政第三十九年患了嚴重的腳病。然而,他在病中卻沒有尋求耶和華的幫助,只尋求醫生的幫助。 13亞撒在他執政第四十一年去世,與他祖先同眠, 14葬在大衛城他為自己鑿的墳墓裡。民眾把他放在堆滿精心調製的各種香料的床上,又點了一堆大火向他致哀。