2 इतिहास 12 – HCV & CCBT

Hindi Contemporary Version

2 इतिहास 12:1-16

मिस्र द्वारा येरूशलेम का लूटा जाना

1जब रिहोबोयाम का शासन मजबूत और स्थिर हो गया, उसने और उसके साथ सारे इस्राएल ने याहवेह की व्यवस्था को छोड़ दिया. 2-3याहवेह से उनके विश्वासघात के कारण, रिहोबोयाम के शासनकाल के पांचवें साल में मिस्र के राजा शिशाक ने बारह सौ रथों और साठ हजार घुड़सवारों को लेकर येरूशलेम पर हमला किया. उसके साथ आए लिबिया के, सुक्किईम के और कूश12:2-3 कूश नील नदी का ऊपरी क्षेत्र देशवासी मिस्री सैनिक अनगिनत थे. 4शिशाक ने यहूदिया के गढ़ नगरों को अपने अधीन कर लिया और वह येरूशलेम आ पहुंचा.

5तब भविष्यद्वक्ता शेमायाह रिहोबोयाम और यहूदिया के राजाओं के पास आए, जो इस समय शिशाक के हमले के कारण येरूशलेम में ही इकट्ठा थे. भविष्यद्वक्ता शेमायाह ने उनसे कहा, “यह याहवेह का संदेश है ‘तुमने मुझे छोड़ दिया है इसलिये मैंने भी तुम्हें छोड़कर शिशाक के हाथों में सौंप दिया है.’ ”

6यह सुन इस्राएल के शासकों और राजा ने खुद को नम्र बनाते हुए यह स्वीकार किया, “महान हैं याहवेह.”

7जब याहवेह ने देखा कि वे सब नम्र हो गए हैं, शेमायाह को याहवेह का यह संदेश मिला: “उन्होंने अपने आपको नम्र बना लिया है, इसलिये अब मैं उन्हें नाश होने न दूंगा; मैं उन्हें एक हद्द तक छुड़ौती दूंगा. अब शिशाक द्वारा मेरा क्रोध येरूशलेम पर उंडेला न जाएगा. 8मगर वे शिशाक के दास हो जाएंगे कि वे यह समझ सकें कि मेरी सेवा और अन्य देशों के राज्यों की सेवा में कितना अंतर होता है.”

9तब मिस्र के राजा ने येरूशलेम पर हमला किया और याहवेह के भवन के और राजमहल के खजाने को अपने साथ ले गया. वस्तुतः वह अपने साथ सभी कुछ ले गया. यहां तक कि वे सोने की ढालें भी जिनको शलोमोन ने बनवाया था. 10तब राजा रिहोबोयाम ने उनकी जगह पर कांसे में गढ़ी गई ढालें वहां रख दीं. इनकी जवाबदारी रिहोबोयाम ने राजघराने के पहरेदारों के प्रधान को सौंप दी. 11तब रीति यह बन गई कि जब-जब राजा याहवेह के भवन को जाता था, पहरेदार ये ढालें लेकर चलते थे और राजा के वहां से लौटने पर इन्हें पहरेदारों के कमरों में दोबारा रख दिया जाता था.

12जब रिहोबोयाम ने अपने आपको विनम्र बना लिया, याहवेह का क्रोध शांत हो गया और उसका सर्वनाश नहीं किया गया. इसी समय यहूदिया की कुछ दशा अच्छी भी थी.

13रिहोबोयाम ने राजधानी येरूशलेम में स्वयं को पुनः सुदृढ़ किया, और यहूदिया प्रदेश पर शासन करने लगा. जब रिहोबोयाम ने शासन शुरू किया, उसकी उम्र एकतालीस साल की थी. येरूशलेम में उसने सत्रह साल शासन किया. येरूशलेम वह नगर है, जिसे याहवेह ने सारे इस्राएल में से इसलिये चुना, कि वह इसमें अपनी महिमा करें. उसकी माता का नाम था नामाह जो अम्मोनी थी. 14जीवन में वह वही सब करता रहा, जो गलत है, क्योंकि उसने अपना हृदय याहवेह की इच्छा पता करने की ओर लगाया ही नहीं.

15शुरू से अंत तक रिहोबोयाम के कामों का ब्यौरा भविष्यद्वक्ता शेमायाह और दर्शी इद्दो की पुस्तकों में उपलब्ध है, जो वंशावली का हिसाब भी रखते थे. रिहोबोयाम और यरोबोअम हमेशा आपस में युद्ध में ही लगे रहें. 16रिहोबोयाम अपने पूर्वजों के साथ हमेशा के लिए सो गया. उसका अंतिम संस्कार दावीद के नगर में किया गया; उनका पुत्र अबीयाह उसके स्थान पर राजा हो गया.

Chinese Contemporary Bible 2023 (Traditional)

歷代志下 12:1-16

埃及侵犯猶大

1羅波安王位穩定、國勢強盛後,就離棄耶和華的律法,以色列人也都隨從他。 2羅波安王執政第五年,埃及示撒上來攻打耶路撒冷,因為猶大君民對耶和華不忠。 3示撒率領一千二百輛戰車、六萬騎兵及無數從埃及跟來的利比亞人、蘇基人和古實人。 4他攻陷了猶大的堅城,直逼耶路撒冷

5那時,猶大各首領因為與示撒的戰事都聚集在耶路撒冷示瑪雅先知去見羅波安和眾首領,對他們說:「耶和華說,『你們背棄了我,所以我也要離棄你們,把你們交在示撒手中。』」 6王與以色列的眾首領就謙卑下來,說:「耶和華是公義的。」 7耶和華見他們謙卑下來,就對示瑪雅說:「既然他們謙卑下來,我就不滅絕他們,給他們留一條生路。我也不會藉示撒耶路撒冷傾倒我的憤怒。 8然而,他們必做示撒的僕人,好讓他們體驗事奉我和服侍世上君王的不同。」

9埃及示撒攻陷了耶路撒冷,把耶和華殿裡和王宮裡的財寶擄掠一空,包括所羅門製造的金盾牌。 10羅波安王就造了銅盾牌代替那些金盾牌,交給看守宮門的護衛長看管。 11每次王進耶和華的殿,護衛就帶上盾牌,用完後放回護衛房。 12王謙卑下來後,耶和華便不再向他發怒,沒有將他完全毀滅。況且,在猶大還有一些善事。

羅波安逝世

13羅波安王在耶路撒冷鞏固了自己的勢力,繼續做王。他四十一歲登基,在耶和華從以色列各支派中選來立祂名的耶路撒冷城執政十七年。羅波安的母親是亞捫拿瑪14羅波安行為邪惡,因為他不專心尋求耶和華。

15他執政期間的事自始至終都記在示瑪雅先知和易多先見的史記上。羅波安耶羅波安之間常有爭戰。 16羅波安與祖先同眠後,葬在大衛城。他兒子亞比雅繼位。