2 पेतरॉस 1 – HCV & NAV

Hindi Contemporary Version

2 पेतरॉस 1:1-21

1मसीह येशु के दास तथा प्रेरित शिमओन पेतरॉस की ओर से उन्हें,

जिन्होंने हमारे परमेश्वर तथा उद्धारकर्ता मसीह येशु की धार्मिकता के द्वारा हमारे समान बहुमूल्य विश्वास प्राप्‍त किया है:

2तुम्हें हमारे परमेश्वर तथा प्रभु येशु मसीह के संपूर्ण ज्ञान में अनुग्रह तथा शांति बहुतायत में प्राप्‍त हो.

मसीही जीवनशैली के लिए प्रोत्साहन

3परमेश्वर ने हमारी बुलावा स्वयं अपने प्रताप और परम उत्तमता के द्वारा की है. उनके ईश्वरीय सामर्थ्य ने उनके सत्य ज्ञान में हमें जीवन और भक्ति से संबंधित सभी कुछ दे दिया है. 4क्योंकि इन्हीं के द्वारा उन्होंने हमें अपनी विशाल और बहुमूल्य प्रतिज्ञाएं प्रदान की हैं कि तुम संसार में बसी हुई कामासक्ति से प्रेरित भ्रष्टाचार से मुक्त हो ईश्वरीय स्वभाव में सहभागी हो जाओ.

5इसलिये तुम हर संभव कोशिश करते हुए अपने विश्वास में नैतिक सदगुण, नैतिक सदगुण में समझ, 6अपने समझ में आत्मसंयम, आत्मसंयम में धीरज, धीरज में भक्ति, 7भक्ति में भाईचारा तथा भाईचारे में निस्स्वार्थ प्रेम में बढ़ते जाओ. 8यदि तुममें ये गुण मौजूद हैं और यदि तुममें इनका विकास हो रहा है तब इनके कारण तुम हमारे प्रभु येशु मसीह के संपूर्ण ज्ञान में न तो निकम्मे होगे और न ही निष्फल; 9जिस व्यक्ति में ये गुण मौजूद नहीं हैं, वह अंधा है या धुंधला देखता है क्योंकि वह अपने पिछले पापों से शुद्ध होने को भुला चुका है.

10इसलिये, प्रिय भाई बहनो, अपने बुलावे को तथा चुन लिए जाने को साबित करने के लिए भली-भांति प्रयास करते रहो. यदि तुम ऐसा करते रहोगे तो कभी भी मार्ग से न भटकोगे, 11इस प्रकार हमारे प्रभु तथा उद्धारकर्ता मसीह येशु के अनंत काल के राज्य में तुम्हारे प्रवेश पर तुम्हारा भव्य स्वागत होगा.

प्रेरितों की गवाही

12हालांकि तुम इन विषयों से अच्छी तरह से परिचित हो और उस सच्चाई में बने रहते हो तो भी मैं तुम्हें इन बातों की याद दिलाने के लिए हमेशा उत्सुक रहूंगा. 13जब तक मैं इस शरीर रूपी डेरे में हूं, तुम्हें याद दिलाते हुए सावधान रखना सही समझता हूं. 14मैं यह जानता हूं कि मेरे देह छोड़ने का समय बहुत नज़दीक है. परमेश्वर करें कि ठीक वैसा ही हो जैसा हमारे प्रभु येशु मसीह ने मुझ पर प्रकाशित किया है. 15मैं हर संभव कोशिश करूंगा कि मेरे जाने के बाद भी तुम इन बातों को याद रख सको.

16जब हमने तुम पर हमारे प्रभु येशु मसीह के सामर्थ्य और दूसरे आगमन के सत्य प्रकाशित किए, हमने कोई चतुराई से गढ़ी गई कहानियों का सहारा नहीं लिया था—हम स्वयं उनके प्रताप के प्रत्यक्षदर्शी थे. 17जब मसीह येशु ने पिता परमेश्वर से आदर और महिमा प्राप्‍त की, प्रतापमय महिमा ने उन्हें संबोधित करते हुए यह पुकारा, “यह मेरा प्रिय पुत्र है—मेरा अत्यंत प्रिय—जिससे मैं प्रसन्‍न हूं.” 18उनके साथ जब हम पवित्र पर्वत पर थे, स्वर्ग से निकले इस शब्द को हमने स्वयं सुना.

19इसलिये भविष्यद्वक्ताओं का वचन और अधिक विश्वसनीय हो गया है. उस पर तुम्हारा ध्यान केंद्रित करना ठीक वैसे ही भला है जैसे जलते हुए दीपक पर ध्यान केंद्रित करना—जब तक पौ नहीं फटती और तुम्हारे हृदयों में भोर का तारा उदित नहीं होता. 20किंतु सबसे पहले यह समझ लो कि पवित्र शास्त्र की कोई भी भविष्यवाणी स्वयं भविष्यद्वक्ताओं का अपना विचार नहीं है. 21क्योंकि कोई भी भविष्यवाणी मनुष्य की इच्छा के आदेश से मुंह से नहीं निकलती, परंतु भविष्यवक्ता पवित्र आत्मा से उत्तेजित किए जाकर परमेश्वर की ओर से घोषणा किया करते थे.

New Arabic Version

بطرس الثانية 1:1-21

1مِنْ سِمْعَانَ بُطْرُسَ، عَبْدِ يَسُوعَ الْمَسِيحِ وَرَسُولِهِ، إِلَى الَّذِينَ يُشَارِكُونَنَا فِي الإِيمَانِ الْوَاحِدِ الثَّمِينِ الَّذِي نَتَسَاوَى جَمِيعاً فِي الْحُصُولِ عَلَيْهِ بِبِرِّ إِلَهِنَا وَمُخَلِّصِنَا يَسُوعَ الْمَسِيحِ!

2لِيَكُنْ لَكُمُ الْمَزِيدُ مِنَ النِّعْمَةِ وَالسَّلامِ بِفَضْلِ مَعْرِفَةِ اللهِ وَيَسُوعَ رَبِّنَا!

يقين الدعوة الإِلهية والاختيار

3إِنَّ اللهَ، بِقُدْرَتِهِ الإِلَهِيَّةِ، قَدْ زَوَّدَنَا بِكُلِّ مَا نَحْتَاجُ إِلَيْهِ فِي الْحَيَاةِ الرُّوحِيَّةِ الْمُتَّصِفَةِ بِالتَّقْوَى. ذَلِكَ أَنَّهُ عَرَّفَنَا بِالْمَسِيحِ الَّذِي دَعَانَا إِلَى مَجْدِهِ وَفَضِيلَتِهِ، 4اللَّذَيْنِ بِهِمَا أَعْطَانَا اللهُ بَرَكَاتِهِ الْعُظْمَى الثَّمِينَةَ الَّتِي كَانَ قَدْ وَعَدَ بِها. وَبِهَذَا صَارَ بِإِمْكَانِكُمْ أَنْ تَتَخَلَّصُوا مِنَ الْفَسَادِ الَّذِي تَنْشُرُهُ الشَّهْوَةُ فِي الْعَالَمِ، وَتَشْتَرِكُوا فِي الطَّبِيعَةِ الإِلَهِيَّةِ. 5فَمِنْ أَجْلِ ذَلِكَ، عَلَيْكُمْ أَنْ تَبْذُلُوا كُلَّ اجْتِهَادٍ وَنَشَاطٍ فِي مُمَارَسَةِ إِيمَانِكُمْ حَتَّى يُؤَدِّيَ بِكُمْ إِلَى الْفَضِيلَةِ. وَأَقْرِنُوا الْفَضِيلَةَ بِالتَّقَدُّمِ فِي الْمَعْرِفَةِ، 6وَالْمَعْرِفَةَ بِضَبْطِ النَّفْسِ، وَضَبْطَ النَّفْسِ بِالصَّبْرِ، وَالصَّبْرَ بِالتَّقْوَى، 7وَالتَّقْوَى بِالْمَوَدَّةِ الأَخَوِيَّةِ، وَالْمَوَدَّةَ الأَخَوِيَّةَ بِالْمَحَبَّةِ. 8فَحِينَ تَكُونُ هَذِهِ الصِّفَاتُ الطَّيِّبَةُ فِي دَاخِلِكُمْ، وَتَزْدَادُ بِوَفْرَةٍ، تَجْعَلُكُمْ مُجْتَهِدِينَ وَمُثْمِرِينَ فِي مَعْرِفَتِكُمْ لِرَبِّنَا يَسُوعَ الْمَسِيحِ. 9أَمَّا الَّذِي لَا يَمْلِكُ هَذِهِ الصِّفَاتِ، فَهُوَ أَعْمَى رُوحِيًّا. إِنَّهُ قَصِيرُ الْبَصَرِ، قَدْ نَسِيَ أَنَّهُ تَطَهَّرَ مِنْ خَطَايَاهُ الْقَدِيمَةِ! 10فَأَحْرَى بِكُمْ إِذَنْ، أَيُّهَا الإِخْوَةُ، أَنْ تَجْتَهِدُوا لِتُثْبِتُوا عَمَلِيًّا أَنَّ اللهَ قَدْ دَعَاكُمْ وَاخْتَارَكُمْ حَقّاً. فَإِنَّكُمْ، إِنْ فَعَلْتُمْ هَذَا، لَنْ تَسْقُطُوا أَبَداً! 11وَهَكَذَا يَفْتَحُ اللهُ لَكُمُ الْبَابَ وَاسِعاً لِلدُّخُولِ إِلَى الْمَلَكُوتِ الأَبَدِيِّ، مَلَكُوتِ رَبِّنَا وَمُخَلِّصِنَا يَسُوعَ الْمَسِيحِ.

نبوءة الكتاب

12لِذَلِكَ أَنْوِي أَنْ أُذَكِّرَكُمْ دَائِماً بِهذِهِ الأُمُورِ، وَإِنْ كُنْتُمْ عَالِمِينَ بِها، وَرَاسِخِينَ فِي الْحَقِّ الَّذِي عِنْدَكُمْ. 13فَمَادُمْتُ فِي خَيْمَةِ جِسْمِي هَذِهِ، أَرَى مِنْ وَاجِبِي أَنْ أُنَبِّهَكُمْ مُذَكِّراً. 14فَأَنَا أَعْلَمُ أَن خَيْمَتِي سَتُطْوَى بَعْدَ وَقْتٍ قَصِيرٍ، كَمَا سَبَقَ أَنْ أَعْلَنَ لِي رَبُّنَا يَسُوعُ الْمَسِيحُ. 15وَلِهَذَا، أَجْتَهِدُ الآنَ فِي تَذْكِيرِكُمْ بِهَذِهِ الأُمُورِ، حَتَّى تَسْتَطِيعُوا أَنْ تَتَذَكَّرُوهَا دَائِماً بَعْدَ رَحِيلِي.

شهادة الرسل الثابتة

16فَنَحْنُ، عِنْدَمَا أَخْبَرْنَاكُمْ بِقُدْرَةِ رَبِّنَا يَسُوعَ الْمَسِيحِ، وَبِعَوْدَتِهِ الْمَجِيدَةِ، لَمْ نَكُنْ نَنْقُلُ عَنْ أَسَاطِيرَ مُخْتَلَقَةٍ بِمَهَارَةٍ. وَإِنَّمَا، تَكَلَّمْنَا بِاعْتِبَارِنَا شُهُودَ عَيَانٍ لِعَظَمَةِ الْمَسِيحِ. 17فَإِنَّهُ قَدْ نَالَ مِنَ اللهِ الآبِ كَرَامَةً وَمَجْداً، إِذْ جَاءَهُ مِنَ الْمَجْدِ الْفَائِقِ صَوْتٌ يَقُولُ: «هَذَا هُوَ ابْنِي الْحَبِيبُ الَّذِي بِهِ سُرِرْتُ كُلَّ سُرُورٍ!» 18وَنَحْنُ أَنْفُسُنَا قَدْ سَمِعْنَا هَذَا الصَّوْتَ الصَّادِرَ مِنَ السَّمَاءِ لَمَّا كُنَّا مَعَهُ عَلَى الْجَبَلِ الْمُقَدَّسِ. 19وَهَكَذَا، صَارَتِ الْكَلِمَةُ النَّبَوِيَّةُ أَكْثَرَ ثَبَاتاً عِنْدَنَا. فَحَسَناً تَفْعَلُونَ إِنِ انْتَبَهْتُمْ إِلَى هَذِهِ الْكَلِمَةِ فِي قُلُوبِكُمْ. إِذْ إِنَّهَا أَشْبَهُ بِمِصْبَاحٍ يُضِيءُ فِي مَكَانٍ مُظْلِمٍ، إِلَى أَنْ يَطَلَعَ النَّهَارُ وَيَظْهَرَ كَوْكَبُ الصُّبْحِ. 20وَلَكِنْ، قَبْلَ كُلِّ شَيْءٍ، اعْلَمُوا أَنَّ كُلَّ نُبُوءَةٍ وَارِدَةٍ فِي الْكِتَابِ لَا تُفَسَّرُ بِاجْتِهَادٍ خَاصٍّ. 21إِذْ لَمْ تَأْتِ نُبُوءَةٌ قَطُّ بِإِرَادَةٍ بَشَرِيَّةٍ، بَلْ تَكَلَّمَ بِالنُّبُوءاتِ جَمِيعاً رِجَالُ اللهِ الْقِدِّيسُونَ مَدْفُوعِينَ بِوَحْيِ الرُّوحِ الْقُدُسِ.