1 इतिहास 26 – Hindi Contemporary Version HCV

Hindi Contemporary Version

1 इतिहास 26:1-32

द्वारपालों के दल

1द्वारपालों के लिए विभाजन इस प्रकार किया गया:

कोहाथ के वंश से:

आसफ के परिवार में से कोरे का पुत्र मेषेलेमियाह. 2मेषेलेमियाह के पुत्र:

जेठा पुत्र ज़करयाह, दूसरा पुत्र येदिआएल,

तीसरा ज़ेबादिया, चौथा याथनिएल,

3पांचवा एलाम, छठवां येहोहानन

और सातवां एलीहोएनाई.

4ओबेद-एदोम के पुत्र:

जेठा पुत्र शेमायाह, दूसरा योज़ाबाद,

तीसरा योआह, चौथा साकार,

पांचवा नेथानेल, 5छठवां अम्मिएल,

सातवां इस्साखार और आठवां पेउल्लेथाई

(सत्य तो यह है कि ओबेद-एदोम पर परमेश्वर की विशेष कृपादृष्टि थी.)

6उसके पुत्र शेमायाह के भी पुत्र हुए, जो अपने-अपने परिवारों के प्रधान थे, क्योंकि उनमें अद्भुत प्रतिभा थी. 7शेमायाह के पुत्र:

ओथनी, रेफ़ाएल और एलज़ाबाद;

उसके संबंधी एलिहू और सेमाकियाह भी अद्भुत क्षमता के व्यक्ति थे.

8ये सभी ओबेद-एदोम के वंशज थे. वे, उनके पुत्र और संबंधी सम्माननीय व्यक्ति थे. वे अपनी ज़िम्मेदारियों को निभाने में समर्थ थे. ये बासठ व्यक्ति थे, जो ओबेद-एदोम से संबंधित थे,

9मेषेलेमियाह के पुत्र और संबंधी थे—अठारह वीर योद्धा.

10मेरारी के एक वंशज,

होसाह, के पुत्र थे जेठा शिमरी, (जो वास्तव में जेठा नहीं था किंतु उसके पिता ने उसे यह पद दिया था),

11दूसरा पुत्र था हिलकियाह, तीसरा तेबालियाह

और चौथा त्सेरवरियाह.

होसाह के पुत्रों और संबंधियों की कुल संख्या तेरह थी.

12द्वारपालों के इन दलों को उनके अगुओं की अगुवाई में उन्हीं के संबंधियों के समान याहवेह के भवन में सेवा की जवाबदारी सौंपी गई थी. 13हर एक परिवार ने, चाहे वह छोटा था या बड़ा, पासा फेंकने की प्रक्रिया द्वारा यह मालूम किया कि उन्हें किस द्वार पर सेवा करनी होगी.

14पासे के द्वारा पूर्वी द्वार की जवाबदारी शेलेमियाह को सौंपी गई.

तब उसके पुत्र ज़करयाह लिए पासा फेंका गया. वह बुद्धिमान सलाहकार था. पासा फेंकने से मिले निर्णय के अनुसार उसे उत्तरी द्वार पर रखा गया.

15ओबेद-एदोम के लिए पासे का निर्णय दक्षिण द्वार के लिए पड़ा. उसके पुत्रों को भंडार घर के लिए चुना गया.

16शुप्पिम और होसाह को पश्चिमी द्वार के लिए चुना गया; इसके अलावा चढ़ाई के मार्ग के शल्लेकेथ.

द्वार के लिए भी द्वारपालों का काम पहरेदारों के समान था:

17पूर्व में हर रोज़ छः लेवी ठहराए जाते थे,

उत्तर में हर रोज़ चार,

दक्षिण में हर रोज़ चार

और हर एक भंडार घर पर दो-दो.

18पश्चिम ओसारे के लिए चार पहरेदार मार्ग की ओर और दो ओसारे के लिए चुने गए थे.

19द्वारपालों का यह बंटवारा कोराह-वंशजों और मेरारी के पुत्रों के बीच किया गया था.

खजांची और दूसरे अधिकारी

20अहीयाह के नेतृत्व में लेवी वंशज और उनके संबंधी परमेश्वर के भवन के खजाने और चढ़ाई गई वस्तुओं के खजाने के अधिकारी थे.

21लादान-वंशज, जो वस्तुतः गेरशोन से लादान-वंशज थे, गरशोनी लादान के घराने के प्रधान थे, जिनमें येहिएली भी शामिल थे, 22येहिएली का पुत्र ज़ेथम और उसका भाई योएल याहवेह के भवन के खजाने के अधिकारी थे.

23अमरामियों, इज़हारियों, हेब्रोनियों और उत्सिएलियों पर,

24मोशेह का पोता, गेरशोम का पुत्र शुबेल प्रमुख ख़ज़ाना-अधिकारी था. 25एलिएज़र के ओर से उसके संबंधी रेहाबिया, उसका पुत्र येशाइयाह, उसका पुत्र योराम, उसका पुत्र ज़ीकरी और उसका पुत्र शेलोमोथ थे.

26(शेलोमोथ और उसके संबंधी उन सभी खजानों के अधिकारी थे, जिसमें चढ़ाई गई भेंटें इकट्ठा थी, जो राजा दावीद, घराने के प्रधानों, सहस्र पतियों और शतपतियों, सैन्य अधिकारियों द्वारा चढ़ाई गई थी. 27इन्होंने इसमें याहवेह के मंदिर के रख रखाव के उद्देश्य से युद्ध में लूटी हुई सामग्री का भाग बचाकर रखा था. 28शेलोमोथ और उसका परिवार उन सभी वस्तुओं का अधिकारी था जो मंदिर में इस्तेमाल के लिए चढ़ाई जाती थी. इनमें वे भेंट भी शामिल थी, जो भविष्यद्वक्ता शमुएल, राजा शाऊल, नेर के पुत्र अबनेर और ज़ेरुइयाह के पुत्र योआब द्वारा चढ़ाई गई थी.)

29इज़हारियों के बारे में:

केनानियाह और उसके पुत्रों को मंदिर के बाहर इस्राएल के प्रशासकों और न्यायाध्यक्षों के काम का भार सौंपा गया था.

30हेब्रोनियों के विषय में:

हशाबियाह और उसके 1,700 सम्मान्य संबंधियों को यरदन के पश्चिमी ओर बसे इस्राएलियों की जवाबदारी सौंपी गई. वे राजा की सेवा में रहते हुए याहवेह के लिए काम करते थे. 31हेब्रोनियों के विषय में यह भी सच है कि वंशावली की लेख के अनुसार येरिया हेब्रोन-वंशजों का अगुआ था.

(दावीद के शासनकाल के चालीसवें साल में उन्होंने वंशावली के लेखों की जांच की और यह पाया कि गिलआद के याज़र नगर में बहुत सम्मान योग्य व्यक्ति बसे हुए हैं. 32येरिया के 2,700 संबंधी थे, जो परिवारों के सम्मान योग्य प्रधान थे. राजा दावीद ने इन्हें रियूबेन वंशजों, गाद-वंशजों और मनश्शेह के आधे गोत्र पर अधिकारी ठहरा दिया. इनका काम था परमेश्वर और राजा से संबंधित सभी विषयों का ध्यान रखना.)