होशेआ 4 – Hindi Contemporary Version HCV

Hindi Contemporary Version

होशेआ 4:1-19

इस्राएल के विरुद्ध आरोप

1हे इस्राएली लोगों, याहवेह की बात को सुनो,

क्योंकि तुम जो इस देश में रहते हो,

तुम्हारे ऊपर याहवेह एक दोष लगानेवाला है:

“इस देश के निवासियों में परमेश्वर के प्रति

न तो विश्वासयोग्यता, न प्रेम, और न ही परमेश्वर को माननेवाली बात है.

2यहां सिर्फ शाप, झूठ और हत्या,

चोरी, और व्यभिचार है;

वे सब सीमाओं को लांघ जाते हैं,

और खून के बदले खून बहाते हैं.

3यही कारण है कि यह देश सूख जाता है,

इसमें सब रहनेवाले बेकार हो जाते हैं;

भूमि के जानवर, आकाश के पक्षी

और समुद्र की मछलियां नष्ट हो जाती हैं.

4“पर कोई भी दोष न लगाए,

कोई भी दूसरे पर आरोप न लगाए,

क्योंकि तुम्हारे लोग उनके समान हैं

जो पुरोहित के ऊपर दोष लगाते हैं.

5तुम दिन-रात ठोकर खाते हो,

और तुम्हारे साथ भविष्यवक्ता भी ठोकर खाते हैं.

इसलिये मैं तुम्हारी माता को नाश कर दूंगा—

6मेरे लोग ज्ञान की कमी के कारण नाश होते हैं.

“क्योंकि तुमने ज्ञान को अस्वीकार किया है,

मैं भी तुम्हें पुरोहित के रूप में अस्वीकार करता हूं;

क्योंकि तुमने अपने परमेश्वर के कानून की उपेक्षा की है,

मैं भी तुम्हारे बच्चों की उपेक्षा करूंगा.

7जितने ज्यादा पुरोहित थे,

उतने ज्यादा उन्होंने मेरे विरुद्ध पाप किया;

उन्होंने अपने महिमामय परमेश्वर के बदले में कलंकित चीज़ को अपना लिया.

8मेरे लोगों के पाप इन पुरोहितों के भोजन बन गए हैं

और वे उनके दुष्टता का आनंद लेते हैं.

9और यह ऐसा ही होगा: जैसे लोगों की दशा, वैसे पुरोहितों की दशा.

मैं उन दोनों को उनके चालचलन का दंड दूंगा

और उन्हें उनके कार्यों का बदला दूंगा.

10“वे खाएंगे पर उनके पास पर्याप्‍त भोजन नहीं होगा;

वे व्यभिचार में लिप्‍त होंगे पर बढ़ेंगे नहीं,

क्योंकि उन्होंने याहवेह को छोड़ दिया है

11ताकि वे व्यभिचार कर सकें;

पुरानी एवं नई दाखमधु उनकी समझ भ्रष्‍ट कर देती है.

12मेरे लोग लकड़ी की मूर्तियों से सलाह लेते हैं,

और दैवीय छड़ी उनका भविष्य बताती है.

व्यभिचार की एक आत्मा उन्हें भटका देती है;

वे अपने परमेश्वर से विश्वासघात करते हैं.

13वे पहाड़ों के शिखर पर बलिदान करते हैं

और वे पहाड़ियों पर

बांज, चिनार और एला वृक्षों के नीचे भेंटों को जलाते हैं,

जहां अच्छी छाया होती है.

इसलिये तुम्हारी बेटियां वेश्यावृत्ति करने जाती हैं

और तुम्हारी पुत्रवधुएं व्यभिचार करती हैं.

14“जब तुम्हारी बेटियां वेश्यावृत्ति के लिये जाएंगी

तो मैं उन्हें दंड न दूंगा,

और न ही तुम्हारी पुत्रवधुओं को दंड दूंगा

जब वे व्यभिचार के लिए जाएंगी,

क्योंकि पुरुष स्वयं वेश्याओं के साथ रहते हैं

और मंदिर की वेश्याओं के साथ बलि चढ़ाते हैं—

नासमझ लोग नष्ट हो जाएंगे.

15“हे इस्राएल, हालांकि तुम व्यभिचार करते हो,

पर यहूदिया दोषी न होने पाए.

“न तो गिलगाल जाओ

और न ही ऊपर बेथ-आवेन4:15 बेथ-आवेन अर्थ दुष्टता का घर को जाओ.

और न ही यह शपथ खाना, ‘जीवित याहवेह की शपथ!’

16इस्राएली लोग हठीली कलोर

के समान हठीले हैं.

तब याहवेह उनको चरागाह में

मेमने की तरह कैसे चरा सकते हैं?

17एफ्राईम मूर्तियों से जुड़ गया है;

उसे अकेला छोड़ दो!

18यहां तक कि जब उनकी दाखमधु भी खत्म हो जाती है,

तब भी वे वेश्यावृत्ति में लिप्‍त रहते हैं;

उनके शासक लज्जाजनक कामों से बहुत प्रेम रखते हैं.

19बवंडर उड़ाकर ले जाएगा,

और उनके बलिदानों के कारण उन्हें लज्जित होना पड़ेगा.