होशेआ 10 – Hindi Contemporary Version HCV

Hindi Contemporary Version

होशेआ 10:1-15

1इस्राएल एक बढ़ने वाली अंगूर की लता थी;

वह अपने लिये फल देती थी.

जैसे जैसे उसके फल बढ़ते गये,

उसने और ज्यादा वेदियां बनाई;

जैसे जैसे उसका देश समृद्ध होता गया,

उसने अपने पवित्र पत्थरों को सजाया.

2उनका हृदय धोखेबाज है,

और अब वे ज़रूर दंड भोगेंगे.

याहवेह उनकी वेदियों को ढहा देंगे

और उनके पवित्र पत्थरों को नष्ट कर देंगे.

3तब वे कहेंगे, “हमारा कोई राजा नहीं है

क्योंकि हमने याहवेह का आदर नहीं किया.

पर यदि हमारा कोई राजा होता भी,

तो वह हमारे लिये क्या करता?”

4वे बहुत सी प्रतिज्ञाएं करते हैं,

झूठी शपथ खाते हैं

और सहमति बनाते हैं;

इसलिये हल चलाये गये खेत में उगे

जहरीले घास-पात के समान मुकदमे होने लगते हैं.

5जो लोग शमरिया में रहते हैं

वे बेथ-आवेन10:5 बेथ-आवेन अर्थ दुष्टता का घर के बछड़े के कारण डरते हैं.

इसके लोग इस पर विलाप करेंगे,

और ऐसा ही इसके मूर्तिपूजक पुरोहित भी करेंगे,

जो पहले इसके वैभव पर आनंदित हुआ करते थे,

क्योंकि इसे उनसे छीनकर बंधुआई में ले लिया गया है.

6इसे बड़े राजा को भेंट स्वरूप देने के लिये

अश्शूर ले जाया जाएगा.

एफ्राईम लज्जित किया जाएगा;

इस्राएल भी बाहरी लोगों से नाता के कारण लज्जित होगा.

7शमरिया के राजा को ऐसे नष्ट किया जाएगा,

जैसे एक छोटी शाखा पानी के बहाव में बहकर नष्ट हो जाती है.

8बुराई के ऊंचे स्थान नष्ट किए जाएंगे—

यह इस्राएल का पाप है.

उनकी इन वेदियों पर

कंटीले पौधे और झाड़ियां उगकर

उनकी वेदियों को ढांप लेंगी.

तब वे पर्वतों से कहेंगे, “हमें ढांप लो!”

और पहाड़ियों से कहेंगे, “हम पर आ गिरो!”

9“हे इस्राएल, तुम गिबियाह के समय से पाप करते आये हो,

और तुम अब भी उसी में बने हुए हो.

क्या बुरे काम करनेवाले गिबियाह में

फिर से युद्ध में नहीं फंसेंगे?

10जब मेरी इच्छा होगी, मैं उन्हें दंड दूंगा;

अन्य जातियां उनके दो गुने पाप के कारण,

उन्हें बंधन में डालने के लिये उनके विरुद्ध इकट्ठा होंगी.

11एफ्राईम एक प्रशिक्षित बछिया है

जिसे अन्‍न दांवना अच्छा लगता है;

इसलिये मैं उसके सुंदर गर्दन पर

एक जूआ रखूंगा.

मैं एफ्राईम को हांकूंगा,

यहूदाह को हल चलाना ज़रूरी है,

और याकोब को मिट्टी तोड़ना ज़रूरी है.

12अपने लिए धर्मीपन का बीज बोओ,

निश्छल प्रेम की फसल काटो,

और न जूते हुए भूमि की मिट्टी को तोड़ो;

क्योंकि यह समय है कि याहवेह की खोज करो,

जब तक कि वह आकर

तुम पर धर्मीपन की वर्षा न करें.

13पर तुमने दुष्टता का रोपण किया है,

और बुराई का फसल काटा है,

तुमने छल-प्रपंच का फल खाया है.

क्योंकि तुम अपने स्वयं के बल

और अपने योद्धाओं की बड़ी संख्या पर निर्भर रहे हो,

14तुम्हारे लोगों के विरुद्ध युद्ध की ललकार होगी,

ताकि तुम्हारे सब गढ़ों को नष्ट कर दिया जाए—

जैसा कि युद्ध के समय में शलमन ने बेथ-आरबेल को नष्ट किया था,

जब माताओं को उनके बच्चों सहित भूमि पर पटक कर मार डाला गया था.

15हे बेथेल तुम्हारे साथ भी ऐसा ही होगा,

क्योंकि तुम्हारी दुष्टता बहुत बड़ी है.

जब उस दिन बड़ी सुबह

इस्राएल के राजा को पूरी तरह नाश कर दिया जाएगा.