स्तोत्र 64 – HCV & NSP

Hindi Contemporary Version

स्तोत्र 64:1-10

स्तोत्र 64

संगीत निर्देशक के लिये. दावीद का एक स्तोत्र.

1परमेश्वर, मेरी प्रार्थना सुनिए, जब आपके सामने मैं अपनी शिकायत प्रस्तुत कर रहा हूं;

शत्रु के आतंक से मेरे जीवन को सुरक्षित रखिए.

2कुकर्मियों के षड़्‍यंत्र से,

दुष्टों की बुरी युक्ति से सुरक्षा के लिए मुझे अपनी आड़ में ले लीजिए.

3उन्होंने तलवार के समान अपनी जीभ तेज कर रखी है

और अपने शब्दों को वे लक्ष्य पर ऐसे छोड़ते हैं, जैसे घातक बाणों को.

4वे निर्दोष पुरुष की घात में बैठकर बाण चलाते हैं;

वे निडर होकर अचानक रूप से प्रहार करते हैं.

5वे एकजुट हो दुष्ट युक्तियों के लिए एक दूसरे को उकसाते हैं,

वे छिपकर जाल बिछाने की योजना बनाते हैं;

वे कहते हैं, “कौन देख सकेगा हमें?”

6वे कुटिल योजना बनाकर कहते हैं,

“अब हमने सत्य योजना तैयार कर ली है!”

इसमें कोई संदेह नहीं कि मानव हृदय और अंतःकरण को समझ पाना कठिन कार्य है.

7परमेश्वर उन पर अपने बाण छोड़ेंगे;

एकाएक वे घायल हो गिर पड़ेंगे.

8परमेश्वर उनकी जीभ को उन्हीं के विरुद्ध कर देंगे

और उनका विनाश हो जाएगा;

वे सभी, जो उन्हें देखेंगे, घृणा में अपने सिर हिलाएंगे.

9समस्त मनुष्यों पर आतंक छा जाएगा;

वे परमेश्वर के महाकार्य की घोषणा करेंगे,

वे परमेश्वर के महाकार्य पर विचार करते रहेंगे.

10धर्मी याहवेह में हर्षित होकर,

उनका आश्रय लेंगे

और सभी सीधे मनवाले उनका स्तवन करें!

New Serbian Translation

Псалми 64:1-10

Псалам 64

Хоровођи. Псалам Давидов.

1Чуј, о, Боже, глас мој, жалопојку моју;

од страхоте противника живот ми сачувај.

2Заклони ме од сплетки злотвора,

од халабуке починитеља злобе.

3Језике своје попут мача они оштре,

одапињу стреле своје – речи заједљиве –

4да из скривених места

гађају човека без мане;

и наједном гађају га

и страха немају.

5Соколе се међу собом на зле ствари,

договарају се да прикрију клопке,

па говоре: „Ко ће да их види?“

6Сплићу неправду:

„Смислили смо! Сплетка је сплетена.“

Дубоки су човекова нутрина и срце.

7Али Бог ће их стрелом гађати

и наједном рањени ће бити.

8О свој језик саплеће се,

задрхтаће свако ко их гледа;

9препашће се сав род људски,

објавиће дело Божије

и његово дело разматраће.

10Радоваће се праведник у Господу,

у њему ће уточиште наћи,

па ће се хвалити свако срца честитога.