स्तोत्र 33 – HCV & CCBT

Hindi Contemporary Version

स्तोत्र 33:1-22

स्तोत्र 33

1धर्मियों, याहवेह के लिए हर्षोल्लास में गाओ;

उनका स्तवन करना सीधे लोगों के लिए शोभनीय होता है.

2किन्‍नोर की संगत पर याहवेह का धन्यवाद करो;

दस तंतुओं के नेबेल पर उनके लिए संगीत गाओ.

3उनके स्तवन में एक नया गीत गाओ;

कुशलतापूर्वक वादन करते हुए तन्मय होकर गाओ.

4क्योंकि याहवेह का वचन सत्य और खरा है;

अपने हर एक कार्य में वह विश्वासयोग्य हैं.

5उन्हें धर्म तथा न्याय प्रिय हैं;

समस्त पृथ्वी में याहवेह का करुणा-प्रेम व्याप्‍त है.

6स्वर्ग याहवेह के आदेश से ही अस्तित्व में आया,

तथा समस्त नक्षत्र उनके ही मुख के उच्छ्वास के द्वारा बनाए गए.

7वे महासागर के जल को एक ढेर जल राशि के रूप में एकत्र कर देते हैं;

और गहिरे सागरों को भण्डारगृह में रखते हैं.

8समस्त पृथ्वी याहवेह को डरे;

पृथ्वी के समस्त वासी उनके भय में निस्तब्ध खड़े हो जाएं.

9क्योंकि उन्हीं के आदेश मात्र से यह पृथ्वी अस्तित्व में आई;

उन्हीं के आदेश से यह स्थिर भी हो गई.

10याहवेह राष्ट्रों की युक्तियां व्यर्थ कर देते हैं;

वह लोगों की योजनाओं को विफल कर देते हैं.

11इसके विपरीत याहवेह की योजनाएं सदा-सर्वदा स्थायी बनी रहती हैं,

उनके हृदय के विचार पीढ़ी से पीढ़ी तक बनी रहते हैं.

12धन्य है वह राष्ट्र, जिसके परमेश्वर याहवेह हैं,

वह प्रजा, जिसे उन्होंने अपना निज भाग चुन लिया.

13याहवेह स्वर्ग से पृथ्वी पर दृष्टि करते हैं,

वह समस्त मनुष्यों को निहारते हैं;

14वह अपने आवास से पृथ्वी के

समस्त निवासियों का निरीक्षण करते रहते हैं.

15उन्हीं ने सब मनुष्यों के हृदय की रचना की,

वही उनके सारे कार्यों को परखते रहते हैं.

16किसी भी राजा का उद्धार उसकी सेना की सामर्थ्य से नहीं होता;

किसी भी शूर योद्धा का शौर्य उसको नहीं बचाता.

17विजय के लिए अश्व पर भरोसा करना निरर्थक है;

वह कितना भी शक्तिशाली हो, उद्धार का कारण नहीं हो सकता.

18सुनो, याहवेह की दृष्टि उन सब पर स्थिर रहती है,

जो उनके श्रद्धालु होते हैं, जिनका भरोसा उनके करुणा-प्रेम में बना रहता है,

19कि वही उन्हें मृत्यु से उद्धार देकर

अकाल में जीवित रखें.

20हम धैर्यपूर्वक याहवेह पर भरोसा रखे हुए हैं;

वही हमारे सहायक एवं ढाल हैं.

21उनमें ही हमारा हृदय आनंदित रहता है,

उनकी पवित्र महिमा में ही हमें भरोसा है.

22याहवेह, आपका करुणा-प्रेम33:22 करुणा-प्रेम मूल में ख़ेसेद इस हिब्री शब्द के अर्थ में अनुग्रह, दया, प्रेम, करुणा ये सब शामिल हैं हम पर बना रहे,

हमने आप पर ही भरोसा रखा है.

Chinese Contemporary Bible 2023 (Traditional)

詩篇 33:1-22

第33篇

頌讚之歌

1義人啊,

你們要歡然歌頌耶和華,

正直的人理應讚美祂。

2你們要彈琴讚美耶和華,

彈奏十弦琴歌頌祂。

3要向祂唱新歌,

琴聲要美妙,歌聲要嘹亮。

4因為耶和華的話正直,

祂的作為信實可靠。

5祂喜愛公義和公正,

大地充滿祂的慈愛。

6諸天靠祂的話被造,

萬象靠祂口中的氣而成。

7祂將海水聚在一處,

把汪洋收進倉庫。

8願普世都敬畏耶和華!

願世人都畏懼祂!

9因為祂一發話,就創造了萬有;

祂一聲命令,便立定了萬物。

10祂挫敗列國的謀算,

攔阻列邦的計劃。

11祂的計劃永不落空,

祂的旨意萬代長存。

12尊祂為上帝的邦國有福了!

蒙揀選做祂子民的人有福了!

13祂從天上俯視人間,

14從祂的居所察看世人。

15祂塑造人心,

洞察人的一切行為。

16君王不能靠兵多取勝,

勇士不能憑力大獲救。

17靠戰馬取勝實屬妄想,

馬雖力大也不能救人。

18但耶和華看顧敬畏祂的人,

祂看顧仰望祂慈愛的人。

19祂救他們脫離死亡,

保護他們度過饑荒。

20我們的心等候耶和華,

祂是我們的幫助,

是我們的盾牌。

21我們信靠祂的聖名,

我們的心因祂而充滿喜樂。

22耶和華啊,我們仰望你,求你向我們施慈愛。