स्तोत्र 3 – Hindi Contemporary Version HCV

Hindi Contemporary Version

स्तोत्र 3:1-8

स्तोत्र 3

दावीद का एक स्तोत्र. जब वह अपने पुत्र अबशालोम से बचकर भाग रहे थे.

1याहवेह! कितने सारे हैं मेरे शत्रु!

कितने हैं जो मेरे विरोध में उठ खड़े हुए हैं!

2वे मेरे विषय में कहने लगे हैं,

“परमेश्वर उसे उद्धार प्रदान नहीं करेंगे.”

3किंतु, याहवेह, आप सदैव ही जोखिम में मेरी ढाल हैं,

आप ही हैं मेरी महिमा, आप मेरा मस्तक ऊंचा करते हैं.

4याहवेह! मैंने उच्च स्वर में आपको पुकारा है,

और आपने अपने पवित्र पर्वत से मुझे उत्तर दिया.

5मैं लेटता और निश्चिंत सो जाता हूं;

मैं पुनः सकुशल जाग उठता हूं, क्योंकि याहवेह मेरी रक्षा कर रहे थे.

6मुझे उन असंख्य शत्रुओं का कोई भय नहीं

जिन्होंने मुझे चारों ओर से घेर लिया है.

7उठिए याहवेह!

मेरे परमेश्वर, आकर मुझे बचाइए!

निःसंदेह आप मेरे समस्त शत्रुओं के जबड़े पर प्रहार करें;

आप उन दुष्टों के दांत तोड़ डालें.

8उद्धार तो याहवेह में ही है,

आपकी प्रजा पर आपकी कृपादृष्टि बनी रहे!