स्तोत्र 141 – Hindi Contemporary Version HCV

Hindi Contemporary Version

स्तोत्र 141:1-10

स्तोत्र 141

दावीद का एक स्तोत्र.

1याहवेह, मैं आपको पुकार रहा हूं, मेरे पास शीघ्र ही आइए;

जब मैं आपको पुकारूं, मेरी पुकार पर ध्यान दीजिए.

2आपके सामने मेरी प्रार्थना सुगंधधूप;

तथा मेरे हाथ उठाना, सान्ध्य बलि समर्पण जैसा हो जाए.

3याहवेह, मेरे मुख पर पहरा बैठा दीजिए;

मेरे होंठों के द्वार की चौकसी कीजिए.

4मेरे हृदय को किसी भी अनाचार की ओर जाने न दीजिए,

मुझे कुकृत्यों में शामिल होने से रोक लीजिए,

मुझे दुष्टों की संगति से बचाइए;

मुझे उनके उत्कृष्ट भोजन को चखने से बचाइए.

5कोई नीतिमान पुरुष मुझे ताड़ना करे, मैं इसे कृपा के रूप में स्वीकार करूंगा;

वह मुझे डांट लगाए, यह मेरे सिर के अभ्यंजन तुल्य है.

इसे अस्वीकार करना मेरे लिए उपयुक्त नहीं,

फिर भी मैं निरंतर दुष्टों की बुराई के कार्यों के विरुद्ध प्रार्थना करता रहूंगा.

6जब उनके प्रधानों को ऊंची चट्टान से नीचे फेंक दिया जाएगा तब उन्हें मेरे इस वक्तव्य पर स्मरण आएगा कि वह व्यर्थ न था,

कि यह कितना सांत्वनापूर्ण एवं सुखदाई वक्तव्य है:

7“जैसे हल चलाने के बाद भूमि टूटकर बिखर जाती है,

वैसे ही हमारी हड्डियों को टूटे अधोलोक के मुख पर बिखरा दिया जाएगा.”

8मेरे प्रभु, मेरे याहवेह, मेरी दृष्टि आप ही पर लगी हुई है;

आप ही मेरा आश्रय हैं, मुझे असुरक्षित न छोड़िएगा.

9मुझे उन फन्दों से सुरक्षा प्रदान कीजिए, जो उन्होंने मेरे लिए बिछाए हैं,

उन फन्दों से, जो दुष्टों द्वारा मेरे लिए तैयार किए गए हैं.

10दुर्जन अपने ही जाल में फंस जाएं,

और मैं सुरक्षित पार निकल जाऊं.