स्तोत्र 121 – Hindi Contemporary Version HCV

Hindi Contemporary Version

स्तोत्र 121:1-8

स्तोत्र 121

आराधना के लिए यात्रियों का गीत.

1मैं अपनी आंखें पर्वतों की ओर उठाता—

क्या मेरी सहायता का स्रोत वहां है?

2मेरी सहायता का स्रोत तो याहवेह हैं,

स्वर्ग और पृथ्वी के कर्ता.

3वह तुम्हारा पैर फिसलने न देंगे;

वह, जो तुम्हें सुरक्षित रखते हैं, झपकी नहीं लेते.

4निश्चयतः इस्राएल के रक्षक न तो झपकी लेंगे

और न सो जाएंगे.

5याहवेह तुम्हें सुरक्षित रखते हैं—

तुम्हारे दायें पक्ष में उपस्थित याहवेह तुम्हारी सुरक्षा की छाया हैं;

6न तो दिन के समय सूर्य से तुम्हारी कोई हानि होगी,

और न रात्रि में चंद्रमा से.

7सभी प्रकार की बुराई से याहवेह तुम्हारी रक्षा करेंगे,

वह तुम्हारे जीवन की रक्षा करेंगे;

8तुम्हारे आने जाने में याहवेह तुम्हें सुरक्षित रखेंगे,

वर्तमान में और सदा-सर्वदा.