स्तोत्र 120 – Hindi Contemporary Version HCV

Hindi Contemporary Version

स्तोत्र 120:1-7

स्तोत्र 120

आराधना के लिए यात्रियों का गीत.

1मैंने अपनी पीड़ा में याहवेह को पुकारा,

और उन्होंने मेरी सुन ली.

2याहवेह, मेरी रक्षा कीजिए,

झूठ बोलनेवाले होंठों से,

और छली जीभ से!

3तुम्हारे साथ परमेश्वर क्या करेंगे,

और उसके भी अतिरिक्त और क्या करेंगे,

ओ छली जीभ?

4वह तुझे योद्धा के तीक्ष्ण बाणों से दंड देंगे,

वह तुझे वृक्ष की लकड़ी के प्रज्वलित कोयलों से दंड देंगे.

5धिक्कार है मुझ पर, जो मैं मेशेख देश में जा निवास करूं,

जो मैं केदार देश के मण्डपों में जा रहूं!

6बहुत समय मैंने उनके साथ व्यतीत की है,

जिन्हें शांति से घृणा हैं.

7मैं खड़ा शांति प्रिय पुरुष;

किंतु जब मैं कुछ कहता हूं, वे युद्ध पर उतारू हो जाते हैं.