स्तोत्र 12 – Hindi Contemporary Version HCV

Hindi Contemporary Version

स्तोत्र 12:1-8

स्तोत्र 12

संगीत निर्देशक के लिये. शेमिनिथ12:0 शीर्षक: शायद संगीत संबंधित एक शब्द पर आधारित. दावीद का एक स्तोत्र.

1याहवेह, हमारी रक्षा कीजिए, कोई भक्त अब शेष न रहा;

मनुष्यों के मध्य से विश्वासयोग्य पुरुष नहीं रहे.

2मनुष्य मनुष्य से झूठी बातें कर रहा है;

वे चापलूसी करते हुए

एक दूसरे का छल करते हैं.

3अच्छा होगा यदि याहवेह चापलूसी होंठों

तथा घमंडी जीभ को काट डालें.

4वे डींग मारते हुए कहते हैं,

“शक्ति हमारी जीभ में मगन है;

ओंठ हमारे वश में हैं. कौन हो सकता है हमारा स्वामी?”

5किंतु अब याहवेह का कहना है, “दुःखितों के प्रति की गई हिंसा के कारण,

निर्धनों की करुण वाणी के कारण मैं उनके पक्ष में उठ खड़ा होऊंगा.

मैं उन्हें वही सुरक्षा प्रदान करूंगा, वे जिसकी कामना कर रहे हैं.”

6याहवेह का वचन शुद्ध है,

उस चांदी-समान हैं,

जिसे भट्टी में सात बार तपा कर शुद्ध किया गया है.

7याहवेह, उन्हें अपनी सुरक्षा में बनाए रखेंगे

उन्हें इस पीढ़ी से सर्वदा सुरक्षा प्रदान करेंगे,

8जब मनुष्यों द्वारा नीचता का आदर किया जाता है,

तब दुष्ट चारों और अकड़ कर चलते फिरते हैं.