स्तोत्र 113 – Hindi Contemporary Version HCV

Hindi Contemporary Version

स्तोत्र 113:1-9

स्तोत्र 113

1याहवेह का स्तवन हो.

याहवेह के सेवको, स्तवन करो;

याहवेह की महिमा का स्तवन करो.

2आज से सदा-सर्वदा

याहवेह के नाम का स्तवन होता रहे.

3उपयुक्त है कि सूर्योदय से सूर्यास्त के क्षण तक,

याहवेह के नाम का स्तवन हो.

4याहवेह समस्त राष्ट्रों के ऊपर हैं,

उनका तेज स्वर्ग से भी महान है.

5और कौन है याहवेह हमारे परमेश्वर के तुल्य,

जो सर्वोच्च सिंहासन पर विराजमान हैं,

6जिन्हें स्वर्ग एवं पृथ्वी को देखने के लिए

झुककर दृष्टिपात करना पड़ता है?

7याहवेह ही कंगाल को धूलि से उठाकर बसाते हैं,

वही दरिद्र को राख के ढेर से उठाकर ऊंचा करते हैं.

8वही उन्हें प्रधानों के साथ लाकर,

अपनी प्रजा के प्रधानों के साथ विराजमान करते हैं.

9वही बांझ स्त्री को बच्चों की माता का आनंद प्रदान करके

परिवार में सम्मान प्रदान करते हैं.

याहवेह का स्तवन हो.