स्तोत्र 101 – Hindi Contemporary Version HCV

Hindi Contemporary Version

स्तोत्र 101:1-8

स्तोत्र 101

दावीद की रचना. एक स्तोत्र.

1मेरे गीत का विषय है आपका करुणा-प्रेम तथा आपका न्याय;

याहवेह, मैं आपका स्तवन करूंगा.

2निष्कलंक जीवन मेरा लक्ष्य है,

आप कब मेरे पास आएंगे?

अपने आवास में मेरा आचरण

निष्कलंक रहेगा.

3मैं किसी भी अनुचित वस्तु की

ओर दृष्टि न उठाऊंगा.

मुझे घृणा है भ्रष्टाचारी पुरुषों के आचार-व्यवहार से;

मैं उनसे कोई संबंध नहीं रखूंगा.

4कुटिल हृदय मुझसे दूर रहेगा;

बुराई से मेरा कोई संबंध न होगा.

5जो कोई गुप्‍त में अपने पड़ोसी की निंदा करता है,

मैं उसे नष्ट कर दूंगा;

जिस किसी की आंखें अहंकार से चढ़ी हुई हैं तथा जिसका हृदय घमंडी है,

वह मेरे लिए असह्य होगा.

6पृथ्वी पर मेरी दृष्टि उन्हीं पर रहेगी जो विश्वासयोग्य हैं,

कि वे मेरे साथ निवास कर सकें;

मेरा सेवक वही होगा,

जिसका आचरण निष्कलंक है.

7किसी भी झूठों का निवास

मेरे आवास में न होगा,

कोई भी झूठ बोलने वाला,

मेरी उपस्थिति में ठहर न सकेगा.

8प्रति प्रभात मैं अपने राज्य के

समस्त दुर्जनों को नष्ट करूंगा;

याहवेह के नगर में से

मैं हर एक दुष्ट को मिटा दूंगा.