सर्वश्रेष्ठ गीत 7 – Hindi Contemporary Version HCV

Hindi Contemporary Version

सर्वश्रेष्ठ गीत 7:1-13

1राजकुमारी, कैसे सुंदर लगते हैं,

जूतियों में तुम्हारे पांव!

तुम्हारी जांघों की गोलाई गहनों के समान है,

किसी निपुण शिल्पी की रचना के समान.

2तुम्हारी नाभि गोल कटोरे के समान है,

जो मसाला मिली हुई दाखमधु से कभी खाली नहीं होता,

और तुम्हारा पेट तो गेहूं के ढेर के समान है,

जो चारों ओर से सोसन के फूलों से सजाया गया है.

3तुम्हारी दोनों छातियां हिरणी के दो बच्चों के समान हैं,

हिरणी के जुड़वां बच्‍चे.

4तुम्हारा गला हाथी-दांत के मीनारों के समान है.

तुम्हारी आंखें हेशबोन के तालाबों के समान हैं,

जो बेथ-रब्बीम के फाटकों के पास हैं;

तुम्हारी नाक लबानोन के खंभे के समान,

जो दमेशेक की ओर मुख किए हुए हैं.

5तुम्हारा सिर कर्मेल के गौरव के समान है.

तुम्हारे लंबे-लंबे घुंघराले बाल राजसी धागों का अहसास कराते हैं;

राजा तो तुम्हारी लटों का बंदी होकर रह गया है.

6मेरी प्रिय, अपनी कोमलताओं के साथ,

तुम कैसी सुंदर और मनोहर लगती हो!

7खजूर के पेड़ के समान है तुम्हारा डीलडौल

और तुम्हारी छातियां खजूर के गुच्छों के समान.

8मेरे मन में विचार आया, “मैं खजूर के पेड़ पर चढ़ूंगा

और इसके फलों के गुच्छों को थाम लूंगा.”

कैसा होता यदि तुम्हारी छातियां अंगूर के गुच्छे होते

तुम्हारी सांस की सुगंध सेबों के समान

9तुम्हारा मुख सबसे उत्तम दाखमधु के समान है.

नायिका

जो होंठों से होती हुई, दांतों को छूती हुई,

मेरे प्रेमी की ओर धीरे धीरे बढ़ती जाती है,

10मैं अपने प्रेमी की हो चुकी हूं,

और वह मेरी कामना करता रहता है.

11मेरे प्रिय, चलो, हम बाहर मैदान में चलें,

हमें रात गांवों में बितानी पड़ सकती है.

12चलो, सुबह तड़के उठकर हम अंगूर के बगीचे में चलें;

आओ हम देखें कि लता में कलियां लगी भी हुई हैं या नहीं,

क्या इसके फूल खिले हुए हैं या नहीं.

क्या अनार के फूल खिल चुके हैं या नहीं.

वही वह जगह होगी जहां मैं तुम पर अपना प्रेम दिखाऊंगी.

13विशाखमूल से सुगंध आ रही है,

हमारे दरवाजों पर सभी प्रकार के उत्तम फल सजाए गए हैं,

नए भी पुराने भी.

ये सभी, मेरे प्रेमी, मैंने तुम्हारे लिए बचाकर रखे हैं.