रोमियों 16 – HCV & NAV

Hindi Contemporary Version

रोमियों 16:1-27

उपसंहार

1मैं, हमारी बहन फ़ोइबे को, जो केनख्रेया नगर की कलीसिया की विश्वस्त सेविका है. 2जैसा पवित्र लोगों के लिए सही है, प्रभु में उसे स्वीकार कर उसे जिस किसी रूप में भी सहायता की ज़रूरत हो, प्रदान करो. स्वयं उसने अनेकों की सहायता की है तथा मेरी भी.

3मसीह येशु में मेरे सहसेवकों प्रिस्का तथा अकुलॉस को मेरा नमस्कार. 4उन्होंने मेरे हित में अपने प्राण जोख़िम में डाले थे. न केवल मैं परंतु गैर-यहूदियों की सभी कलीसियाएं उनकी ऋणी हैं.

5उस कलीसिया को नमस्कार, जो उनके घर में इकट्ठा होती है.

मेरे प्रिय मित्र ईपाएनेतॉस को नमस्कार. आसिया प्रदेश में उसी ने सबसे पहले मसीह को स्वीकार किया था.

6मरियम को नमस्कार. उसने तुम्हारे लिए बहुत परिश्रम किया है.

7आन्द्रोनिकॉस तथा यूनियस को नमस्कार. ये मेरे संबंधी तथा सहबंदी हैं. प्रेरितों में इनका स्थान वर्णनीय है. ये भी मुझसे पहले मसीह में आ चुके थे.

8प्रभु में मेरे प्रिय आम्पलियातॉस को नमस्कार.

9मसीह में हमारे सहकर्मी अरबानस को नमस्कार और मेरे प्रिय स्ताख़ुस को भी.

10मसीह में प्रमाणित तथा स्वीकृत अपेल्लेस को नमस्कार.

आरिस्तोबुलस के परिजनों को नमस्कार.

11मेरे संबंधी हेरोदियॉन को नमस्कार.

नारकिसस के परिजनों में से उन्हें, जो प्रभु के अनुगामी हैं, नमस्कार.

12प्रभु के कर्मी त्रिफेना तथा त्रुफ़ोसा को नमस्कार.

मेरे प्रिय परसिस को नमस्कार. उसने प्रभु में अथक परिश्रम किया है.

13प्रभु के चुने हुए व्यक्ति रूफ़ॉस को नमस्कार तथा उसकी माता को भी, जो मेरी भी माता हैं.

14आसुन्क्रितॉस, फ़्लेगॉन, हेर्मेस, पात्रोबस, हेर्मेस तथा उनके सहयोगी भाई बहिनों को नमस्कार.

15फ़िलोलोगॉस तथा यूलिया, नेरेयुस, उसकी बहन तथा ओलुम्पस तथा उनके साथ सभी पवित्र लोगों को नमस्कार.

16तुम्हारा पारस्परिक नमस्कार पवित्र चुंबन के साथ हो.

मसीह की सभी कलीसियाओं की ओर से तुम्हें नमस्कार.

17प्रिय भाई बहिनो, मेरी तुमसे विशेष विनती है कि उन पर विशेष ध्यान दो, जो तुम्हारे बीच फूट डालते तथा तुम्हें दी गई शिक्षा के मार्ग में बाधा उत्पन्‍न करते रहते हैं. उनसे दूर रहो. 18ये लोग हमारे प्रभु येशु मसीह के नहीं परंतु अपनी ही लालसाओं के दास हैं. अपनी चिकनी-चुपड़ी तथा चतुराई से की गई बातचीत के द्वारा वे भोले-भाले लोगों को भटका देते हैं. 19सभी तुम्हारी आज्ञाकारिता के विषय में सुन चुके हैं. यह मेरे लिए आनंद का विषय है. फिर भी मेरी यह इच्छा है कि तुम भलाई के प्रति बुद्धिमान तथा बुराई के प्रति भोले बने रहो.

20शांति के परमेश्वर शीघ्र ही शैतान को तुम्हारे पांवों के नीचे कुचल देंगे.

हमारे प्रभु येशु मसीह का अनुग्रह तुम पर बना रहे.

21मेरे सहकर्मी तिमोथियॉस का नमस्कार. वैसे ही मेरे परिजन लुकियॉस, यासोन तथा सोसिपात्रॉस का भी.

22इस पत्र के लिखनेवाले, तेर्तियॉस का तुम्हें प्रभु में नमस्कार.

23गायॉस का, जिसके यहां मैं अतिथि हूं और जिसके घर पर कलीसिया आराधना करती है, तुम्हें नमस्कार.

नगर कोषाध्यक्ष इरास्तुस तथा संगी विश्वासी क्वार्तोस का भी तुम्हें नमस्कार.

[24हमारे प्रभु येशु मसीह का अनुग्रह तुम पर बना रहे. आमेन.]16:24 कुछ प्राचीनतम मूल हस्तलेखों में यह पाया नहीं जाता

25अब उस परमेश्वर को, जो तुमको मेरे सुसमाचार और मसीह येशु के प्रचार द्वारा और सशक्त कर सकता, उस भेद के प्रकाशन के अनुसार, जो सनातन से छिपाकर रखा गया था; 26जिसे अब परमेश्वर की आज्ञा के अनुसार भविष्यद्वक्ताओं के अभिलेखों द्वारा सभी राष्ट्रों पर प्रकट कर दिया गया है कि इसके द्वारा वे विश्वास की आज्ञाकारिता की ओर आगे बढ़ें. 27मसीह येशु के द्वारा उन एकमात्र ज्ञानी परमेश्वर की महिमा सदा-सर्वदा होती रहे! आमेन.

New Arabic Version

روما 16:1-27

تحيات شخصية

1وَأُوْصِيكُمْ بِفِيبِي أُخْتِنَا الْخَادِمَةِ فِي كَنِيسَةِ كَنْخِرِيَا. 2اقْبَلُوهَا فِي الرَّبِّ قُبُولاً يَلِيقُ بِالْقِدِّيسِينَ وَقَدِّمُوا لَهَا أَيَّ عَوْنٍ تَحْتَاجُ إِلَيْهِ مِنْكُمْ، لأَنَّهَا كَانَتْ مُعِينَةً لِكَثِيرِينَ وَلِي أَنَا أَيْضاً.

3سَلِّمُوا عَلَى بِرِيسْكِلّا وَأَكِيلا، مُعَاوِنَيَّ فِي خِدْمَةِ الْمَسِيحِ يَسُوعَ، 4اللَّذَيْنِ عَرَّضَا عُنُقَيْهِمَا لِلذَّبْحِ إِنْقَاذاً لِحَيَاتِي، وَلَسْتُ أَنَا وَحْدِي شَاكِراً لَهُمَا بَلْ جَمِيعُ كَنَائِسِ الأُمَمِ أَيْضاً. 5وَسَلِّمُوا عَلَى الْكَنِيسَةِ الَّتِي فِي بَيْتِهِمَا. سَلِّمُوا عَلَى أَبَيْنِتُوسَ، حَبِيبِي الَّذِي هُوَ بَاكُورَةٌ لِلْمَسِيحِ مِنْ مُقَاطَعَةِ أَسِيَّا. 6سَلِّمُوا عَلَى مَرْيَمَ الَّتِي أَجْهَدَتْ نَفْسَهَا كَثِيراً فِي خِدْمَتِنَا مِنْ قِبَلِكُمْ. 7سَلِّمُوا عَلَى أَنْدَرُونِيكُوسَ وَيُونِيَاسَ، قَرِيبَيَّ اللَّذَيْنِ سُجِنَا مَعِي، وَهُمَا مَشْهُورَانِ بَيْنَ الرُّسُلِ، وَقَدْ كَانَا فِي الْمَسِيحِ قَبْلِي. 8سَلِّمُوا عَلَى أَمْبِلْيَاسَ، حَبِيبِي فِي الرَّبِّ. 9سَلِّمُوا عَلَى أُورْبَانُوسَ، مُعَاوِنِنَا فِي خِدْمَةِ الْمَسِيحِ، وَعَلَى إِسْتَاخِيسَ، حَبِيبِي. 10سَلِّمُوا عَلَى أَبُلِّسَ، الَّذِي بَرْهَنَ عَنْ ثَبَاتِهِ فِي الْمَسِيحِ. سَلِّمُوا عَلَى ذَوِي أَرِسْتُوبُولُوسَ. 11سَلِّمُوا عَلَى هِيرُودِيُونَ، قَرِيبِي. سَلِّمُوا عَلَى ذَوِي نَرْكِيسُوسَ الَّذِينَ فِي الرَّبِّ. 12سَلِّمُوا عَلَى تَرِيفَيْنَا وَتَرِيفُوسَا اللَّتَيْنِ تُجْهِدَانِ نَفْسَيْهِمَا فِي خِدْمَةِ الرَّبِّ. سَلِّمُوا عَلَى بَرْسِيسَ الْمَحْبُوبَةِ، الَّتِي أَجْهَدَتْ نَفْسَهَا كَثِيراً فِي خِدْمَةِ الرَّبِّ. 13سَلِّمُوا عَلَى رُوفُسَ الْمُخْتَارِ فِي الرَّبِّ، وَعَلَى أُمِّهِ الَّتِي هِيَ أُمٌّ لِي. 14سَلِّمُوا عَلَى أَسِينْكِرِيتُسَ، وَفِلِيغُونَ، وَهَرْمِسَ، وَبَتْرُوبَاسَ، وَهَرْمَاسَ، وَعَلى الإِخْوَةِ الَّذِينَ مَعَهُمْ. 15سَلِّمُوا عَلَى فِيلُولُوغُوسَ، وَجُولِيَا، وَنِيرِيُوسَ، وَأُخْتِهِ، وَأُولُمْبَاسَ، وَعَلَى جَمِيعِ الْقِدِّيسِينَ الَّذِينَ مَعَهُمْ. 16سَلِّمُوا بَعْضُكُمْ عَلَى بَعْضٍ بِقُبْلَةٍ مُقَدَّسَةٍ. تُسَلِّمُ عَلَيْكُمْ جَمِيعُ كَنَائِسِ الْمَسِيحِ.

17وَلكِنْ، أُنَاشِدُكُمْ، أَيُّهَا الإِخْوَةُ، أَنْ تَنْتَبِهُوا إِلَى مُثِيرِي الانْقِسَامَاتِ وَالْعَثَرَاتِ، خِلافاً لِلتَّعْلِيمِ الَّذِي تَعَلَّمْتُمْ، وَأَنْ تَبْتَعِدُوا عَنْهُمْ. 18فَإِنَّ أَمْثَالَ هَؤُلاءِ لَا يَخْدِمُونَ رَبَّنَا يَسُوعَ الْمَسِيحَ بَلْ بُطُونَهُمْ، وَبِكَلِمَاتِهِمِ الطَّيِّبَةِ وَأَقْوَالِهِمِ الْمَعْسُولَةِ يُضَلِّلُونَ قُلُوبَ الْبُسَطَاءِ. 19إِنَّ خَبَرَ طَاعَتِكُمْ قَدْ بَلَغَ الْجَمِيعَ. وَلِذلِكَ أَفْرَحُ بِكُمْ، وَلكِنْ أُرِيدُ لَكُمْ أَنْ تَكُونُوا حُكَمَاءَ فِي مَا هُوَ خَيْرٌ، وَبُسَطَاءَ فِي مَا هُوَ شَرٌّ. 20وَإِلَهُ السَّلامِ سَيَسْحَقُ الشَّيْطَانَ تَحْتَ أَقْدَامِكُمْ سَرِيعاً. لِتَكُنْ نِعْمَةُ رَبِّنَا يَسُوعَ الْمَسِيحِ مَعَكُمْ.

21يُسَلِّمُ عَلَيْكُمْ تِيمُوثَاوُسُ مُعَاوِنِي، وَلُوكِيُوسُ وَيَاسُونُ وسُوسِيبَاتْرُسُ أَقْرِبَائِي.

22وَأَنَا، تَرْتِيُوسَ الَّذِي أَخُطُّ هذِهِ الرِّسَالَةَ، أُسَلِّمُ عَلَيْكُمْ فِي الرَّبِّ.

23يُسَلِّمُ عَلَيْكُمْ غَايُوسُ، الْمُضِيفُ لِي وَلِلْكَنِيسَةِ كُلِّهَا. يُسَلِّمُ عَلَيْكُمْ أَرَاسْتُسُ، أَمِينُ صُنْدُوقِ الْمَدِينَةِ، وَالأَخُ كُوَارْتُسُ. 24«لِتَكُنْ نِعْمَةُ رَبِّنَا يَسُوعَ الْمَسِيحِ مَعَكُمْ. آمِينَ!»

25وَالْمَجْدُ لِلْقَادِرِ أَنْ يُثَبِّتَكُمْ، وَفْقاً لإِنْجِيلِي وَلِلْبِشَارَةِ بِيَسُوعَ الْمَسِيحِ، وَوَفْقاً لإِعْلانِ مَا كَانَ سِرّاً مَكْتُوماً مَدَى الأَزْمِنَةِ الأَزَلِيَّةِ، 26وَلكِنْ أُذِيعَ الآنَ، بِأَمْرِ اللهِ الأَزَلِيِّ فِي الْكِتَابَاتِ النَّبَوِيَّةِ، عَلَى جَمِيعِ الأُمَمِ لأَجْلِ إِطَاعَةِ الإِيمَانِ؛ 27الْمَجْدُ لِلهِ إِلَى الأَبَدِ، الْحَكِيمِ وَحْدَهُ، بِيَسُوعَ الْمَسِيحِ. آمِين!