योएल 1 – HCV & CCBT

Hindi Contemporary Version

योएल 1:1-20

1याहवेह का वह वचन जो पथूएल के पुत्र योएल के पास आया.

टिड्डियों का धावा

2हे अगुओ, यह बात सुनो;

हे देश में रहनेवाले सब लोगों, मेरी बात सुनो.

क्या तुम्हारे समय में

या तुम्हारे पूर्वजों के समय में ऐसी कोई बात कभी हुई?

3अपने बच्चों को यह बात बताओ,

और तुम्हारे बच्‍चे यह बात अपने बच्चों को बताएं,

और वे बच्‍चे उनके अगली पीढ़ी को बताएं.

4टिड्डियों के झुंड ने जो छोड़ दिया था

उसे बड़े टिड्डियों ने खा लिया है;

बड़े टिड्डियों ने जो छोड़ दिया था

उसे छोटे टिड्डियों ने खा लिया है;

और छोटे टिड्डियों ने छोड़ दिया था

उसे दूसरे टिड्डियों ने खा लिया है.

5हे मतवालो, जागो, और रोओ!

हे सब शराब पीने वालों, विलाप करो;

नई दाखमधु के कारण विलाप करो,

क्योंकि इसे तुम्हारे मुंह से छीन लिया गया है.

6मेरे देश पर एक-एक जाति ने आक्रमण कर दिया है,

वह एक शक्तिशाली सेना है और उनकी संख्या अनगिनत है;

उसके दांत सिंह के दांत के समान,

और उसकी दाढ़ें सिंहनी की दाढ़ के समान हैं.

7उसने मेरी अंगूर की लताओं को उजाड़ दिया है

और मेरे अंजीर के पेड़ों को नष्ट कर दिया है.

उसने उनकी छाल को छील दिया है,

और उनकी शाखाओं को सफेद छोड़कर

उनकी छाल को फेंक दिया है.

8तुम ऐसे विलाप करो, जैसे एक कुंवारी टाट के कपड़े पहिने

अपनी युवावस्था के सगाई के पुरुष के लिये शोक करती है.

9याहवेह के भवन में अब

न तो अन्‍नबलि और न ही पेय बलि चढ़ाई जाती है.

याहवेह की सेवा करनेवाले पुरोहित

विलाप कर रहे हैं.

10खेत नष्ट हो गये हैं,

ज़मीन सूख गई है;

अनाज नष्ट हो गया है,

नई दाखमधु सूख गई है,

जैतून का तेल समाप्‍त होता है.

11हे किसानो, निराश हो,

हे अंगूर की लता लगानेवालो, विलाप करो;

गेहूं और जौ के लिये दुःख मनाओ,

क्योंकि खेत की फसल नाश हो गई है.

12अंगूर की लता सूख गई है

और अंजीर का पेड़ मुरझा गया है;

अनार, खजूर तथा सेब के पेड़—

मैदान के सब पेड़—सूख गये हैं.

इसमें संदेह नहीं कि

लोगों का आनंद जाता रहा है.

विलाप करने के लिए आह्वान

13हे पुरोहितो, शोक-वस्त्र पहनकर विलाप करो;

तुम जो वेदी पर सेवा करते हो, विलाप करो.

तुम जो मेरे परमेश्वर की सेवा करते हो,

आओ, और शोक-वस्त्र पहनकर रात बिताओ;

क्योंकि तुम्हारे परमेश्वर के भवन में

अन्‍नबलि और पेय बलि चढ़ाना बंद कर दिया गया है.

14एक पवित्र उपवास की घोषणा करो;

एक विशेष सभा करो.

अगुओं को और उन सबको

जो देश में रहते हैं

याहवेह तुम्हारे परमेश्वर के भवन में बुलाओ,

और याहवेह के सामने गिड़गिड़ाकर विनती करो.

15उस दिन के लिये हाय!

क्योंकि याहवेह का दिन निकट है;

यह सर्वशक्तिमान की ओर से विनाश का दिन होकर आएगा.

16क्या हमारे देखते-देखते

भोजन वस्तुओं की पूर्ति बंद नहीं हुईं—

और इसी प्रकार हमारे परमेश्वर के भवन से

आनंद और खुशी खत्म नहीं हो गई?

17मिट्टी के ढेलों के नीचे

बीज झुलस गये हैं.

भण्डारगृह खंडहर हो रहे हैं,

भण्डारगृह ढहा दिये गये हैं,

क्योंकि उपज हुई ही नहीं.

18पशु कैसे कराह रहे हैं!

पशुओं के झुंड के झुंड विचलित हो भटक रहे हैं

क्योंकि उनके लिए चरागाह नहीं है;

यहां तक कि भेड़ों के झुंड भी कष्ट में हैं.

19हे याहवेह, मैं आपको पुकारता हूं,

क्योंकि सुनसान जगह के चरागाहों को आग ने नष्ट कर दिया है

और आग की ज्वाला ने मैदान के सब पेड़ों को जला डाला है.

20और तो और जंगली जानवर आपकी चाह करते हैं;

जल के सोते सूख चुके हैं

और सुनसान जगह के चरागाहों को आग ने नष्ट कर दिया है.

Chinese Contemporary Bible (Traditional)

約珥書 1:1-20

1以下是耶和華對毗土珥的兒子約珥所說的話。

嚴重的蝗災

2長老們啊,請聽我說!

地上的所有居民啊,要留心聽!

在你們或你們祖先的時代可曾發生過這樣的事?

3要把這事告訴你們的子子孫孫,

傳到世世代代!

4蝗蟲吃剩的,蝻子來吃;

蝻子吃剩的,蚱蜢來吃;

蚱蜢吃剩的,螞蚱來吃1·4 蝗蟲蝻子蚱蜢螞蚱」四個詞希伯來語的確切意思很難考證。

5醉漢啊,醒過來哭泣吧!

貪杯的人啊,哀號吧!

你們再無美酒可飲了。

6有一群兇猛的蝗蟲侵犯我的國土,

牠們不計其數,

有雄獅的獠牙和母獅的利齒。

7牠們毀壞我的葡萄樹和無花果樹,

剝光樹皮,

只留下光禿的樹枝。

8我的子民啊,你們要像死了未婚夫的少女,

穿上喪服痛哭哀號。

9耶和華殿中的素祭1·9 素祭就是獻上五穀、麵粉之類的供物,參見利未記2章。和奠祭1·9 奠祭就是獻上新釀的酒。都停止了,

事奉耶和華的祭司都哀傷。

10田園荒廢,遍地淒涼,

五穀盡毀,

再也沒有新酒和油了。

11農夫啊,你們要憂傷!

照料葡萄園的人啊,

你們要哀號!

因為田間的大麥和小麥全毀了。

12葡萄樹枯死,

無花果樹凋殘,

石榴樹、棕樹、蘋果樹等田野的一切樹木枯乾。

人間的歡樂消逝了。

13祭司啊,穿著喪服痛哭吧;

在祭壇前事奉的人啊,要哀號;

我上帝的僕人啊,要披上麻衣過夜;

因為再無素祭和奠祭獻到你們上帝的殿中了。

14你們要定一個禁食的日子,

舉行莊嚴的聚會,

召集全國的長老和人民,

到你們的上帝耶和華的殿中,

向耶和華呼求。

15太可怕了!耶和華的日子近了,

那是全能者施行毀滅的日子。

16我們的糧食斷絕了,

我們上帝殿中的歡樂消失了。

17種子在土裡腐爛,

五穀乾死,倉庫荒廢,

穀倉被拆毀。

18牲畜哀鳴,

牛群因找不到草場而四處亂竄,

羊群也受苦。

19耶和華啊,我向你呼求,

因為火焰吞滅了曠野的草場,

烈火燒光了田野的樹木。

20田野的走獸向你呼求,

因為溪水已經枯乾,

火也燒盡了曠野的草場。