येरेमियाह 8 – HCV & CCB

Hindi Contemporary Version

येरेमियाह 8:1-22

1“ ‘याहवेह की यह घोषणा है, उस समय, वे यहूदिया के राजाओं, उच्च अधिकारियों, पुरोहितों, भविष्यवक्ताओं तथा येरूशलेम वासियों की अस्थियां उनकी कब्रों में से निकालकर लाएंगे. 2वे इन अस्थियों को सूर्य, चंद्रमा, आकाश के तारों को समर्पित कर देंगे, जिनसे उन्होंने प्रेम किया, जिनकी उन्होंने उपासना की, जिनका उन्होंने अनुसरण किया, जिनकी इच्छा इन्होंने ज्ञात करने का उपक्रम किया, जिनकी इन्होंने वंदना की. इन अस्थियों को वे न एकत्र करेंगे और न इन्हें गाड़ देंगे, वे भूमि पर विष्ठा सदृश पड़ी रहेंगी. 3इस अधर्मी परिवार के लोगों द्वारा जीवन की अपेक्षा मृत्यु को ही अधिक पसंद किया जाएगा. यह स्थिति उस हर एक स्थान के लोगों की होगी, जिन्हें मैंने इन स्थानों पर खदेड़ा है, यह सेनाओं के याहवेह की वाणी है.’

पाप और सजा

4“तुम्हें उनसे यह कहना होगा, ‘यह याहवेह का कहना है:

“ ‘क्या मनुष्य गिरते और फिर उठ खड़े नहीं होते?

क्या कोई पूर्व स्थिति को परित्याग कर प्रायश्चित नहीं करता?

5तो येरूशलेम, क्या कारण है

कि ये लोग मुंह मोड़कर चले गये?

उन्होंने छल को दृढतापूर्वक जकड़ रखा है;

वे लौटना तो चाहते ही नहीं.

6मैंने सुना तथा सुनकर इस पर ध्यान दिया है,

उनका वचन ठीक नहीं है.

एक भी व्यक्ति ने बुराई का परित्याग कर प्रायश्चित नहीं किया है,

उनका तर्क है, “मैंने किया ही क्या है?”

हर एक ने अपना अपना मार्ग लिया है

जैसे घोड़ा रणभूमि में द्रुत गति से दौड़ता हुआ जा उतरता है.

7आकाश में उड़ता हुआ

सारस अपनी ऋतु को पहचानता है,

यही सत्य है कपोत, अबाबील तथा सारिका के विषय में

ये सभी अपने आने के समय का ध्यान रखते हैं.

किंतु मेरे अपने लोगों को

मुझ याहवेह के नियमों का ज्ञान ही नहीं है.

8“ ‘तुम यह दावा कैसे कर सकते हो, “हम ज्ञानवान हैं,

हम याहवेह के विधान को उत्तम रीति से जानते हैं,”

ध्यान दो शास्त्रियों की झूठी लेखनी ने विधान को ही

झूठा स्वरूप दे दिया है.

9तुम्हारे बुद्धिमानों को लज्जित कर दिया गया है;

वे विस्मित हो चुके हैं तथा उन्हें पकड़ लिया गया है.

ध्यान दो उन्होंने याहवेह के संदेश को ठुकरा दिया है,

अब उनकी बुद्धिमत्ता के विषय में क्या कहा जाएगा?

10इसलिये मैं अब उनकी पत्नियां अन्यों को दे दूंगा

अब उनके खेतों पर स्वामित्व किसी अन्य का हो जाएगा.

क्योंकि उनमें छोटे से लेकर बड़े तक,

हर एक लाभ के लिए लोभी है;

यहां तक कि भविष्यद्वक्ता से लेकर पुरोहित तक भी,

हर एक अपने व्यवहार में झूठे हैं.

11उन्होंने मेरी प्रजा की पुत्री के घावों को

मात्र गलत उपचार किया है.

वे दावा करते रहे, “शांति है, शांति है,”

किंतु शांति वहां थी ही नहीं. 12क्या अपने घृणास्पद कार्य के लिए उनमें थोड़ी भी लज्जा देखी गई?

निश्चयतः थोड़ी भी नहीं;

उन्हें तो लज्जा में गिर जाना आता ही नहीं.

तब उनकी नियति वही होगी जो समावेश किए जा रहे व्यक्तियों की नियति है;

उन्हें जब दंड दिया जाएगा, घोर होगा उनका पतन,

यह याहवेह की वाणी है.

13“ ‘मैं निश्चयतः उन्हें झपटकर ले उड़ूंगा,

यह याहवेह की वाणी है.

द्राक्षालता में द्राक्षा न होंगे.

अंजीर वृक्ष में अंजीर न होंगे,

पत्तियां मुरझा चुकी होंगी.

जो कुछ मैंने उन्हें दिया है

वह सब निकल जाएगा.’ ”

14हम चुपचाप क्यों बैठे हैं?

एकत्र हो जाओ!

और हम गढ़ नगरों को चलें

तथा हम वहीं युद्ध करते हुए वीरगति को प्राप्‍त हों!

यह याहवेह हमारे परमेश्वर द्वारा निर्धारित दंड है

उन्हीं ने हमें विष से भरा पेय जल दिया है,

क्योंकि हमने याहवेह के विरुद्ध पाप किया है.

15हम शांति की प्रतीक्षा करते रहें

किंतु कल्याण के अनुरूप कुछ न मिला,

हम शांति की पुनःस्थापना की प्रतीक्षा करते रहे,

किंतु हमें प्राप्‍त हुआ आतंक.

16दान प्रदेश में

उनके घोड़ों की फुनफुनाहट सुनाई पड़ रही है;

उनके घोड़ों की हिनहिनाहट से

सारे क्षेत्र कांप उठे हैं.

क्योंकि वे आते हैं

और सारे देश को जो कुछ इसमें है,

उसे सारे नगर एवं उसके निवासियों को नष्ट कर जाते हैं.

17“यह देखना कि, मैं तुम्हारे मध्य नाग छोड़ रहा हूं,

वे सर्प जिन पर मंत्र नहीं किया जा सकता,

वे तुम्हें डसेंगे,” यह याहवेह की वाणी है.

18मेरा शोक असाध्य है,

मेरा हृदय डूब चुका है.

19यहां देखो ध्यान से सुनो,

दूर देश से आ रही मेरी प्रजा की पुत्री की विलाप ध्वनि

“क्या याहवेह ज़ियोन में नहीं हैं?

क्या ज़ियोन का राजा उनके मध्य नहीं है?”

“क्यों उन्होंने मुझे क्रोधित किया अपनी खोदी हुई प्रतिमाओं द्वारा,

विजातीय प्रतिमाओं द्वारा?”

20“कटनी काल समाप्‍त हो चुका,

ग्रीष्मऋतु भी जा चुकी,

फिर भी हमें उद्धार प्राप्‍त नहीं हुआ है.”

ज़ियोन पर शोक गीत

21अपने लोगों की पुत्री की दुःखित अवस्था ने मुझे दुःखित कर रखा है;

मैं शोक से अचंभित हूं, और निराशा में मैं डूब चुका हूं.

22क्या गिलआद में कोई भी औषधि नहीं?

क्या वहां कोई वैद्य भी नहीं?

तब क्या कारण है कि मेरे लोगों की पुत्री

रोगमुक्त नहीं हो पाई है?

Chinese Contemporary Bible 2022 (Simplified)

耶利米书 8:1-22

1耶和华说:“那时,犹大王、首领、祭司、先知及耶路撒冷居民的骸骨都要从坟墓中被取出来, 2抛散在他们昔日恋慕、供奉、追随、求问、祭拜的日月星辰之下,无人收殓和埋葬,他们好像地上的粪便。 3我要把这邪恶民族的余民流放到各地,他们在那里必痛不欲生。这是万军之耶和华说的。”

4耶和华吩咐我对犹大人说:

“人跌倒后难道不站起来吗?

人走错了路难道不回头吗?

5为什么耶路撒冷的居民一味地背叛我?

他们诡诈成性,不肯回头。

6我仔细听,没有人说实话,

没有人为自己的恶行后悔,说,

‘我做了可怕的事!’

人人一意孤行,

像战马直奔战场。

7天空的鹳鸟尚且知道来去的季节,

斑鸠、燕子和白鹤也遵守迁徙的时间,

但我的子民却不知道耶和华的法则。

8“你们怎能说,‘我们有智慧,

因为我们有耶和华的律法’?

诚然,律法教师撒谎的笔把律法篡改了。

9智者必蒙羞辱,受惊吓,

被捉拿。

看啊,他们既弃掉耶和华的话,

哪里还有智慧可言呢?

10因此,我要把他们的妻子交给别人,

把他们的田地交给新主人,

因为他们无论尊卑,

个个贪图不义之财;

无论是先知还是祭司,

都行为诡诈。

11他们敷衍了事地医治我子民的伤痛,说,

‘没事了,没事了!’

其实情况很糟。

12他们做可憎的事会羞愧吗?

不!他们不知廉耻,

毫不脸红。

因此,他们要与灭亡的人一同灭亡,

他们要在我惩罚之时覆灭。

这是耶和华说的。

13我要彻底灭绝他们。

葡萄树不结葡萄,

无花果树不结果子,

树叶也要枯干,

我所赐给他们的都要被夺走。

这是耶和华说的。”

14他们说:“我们为什么还坐在这里?

大家一起进入坚城,死在那里吧!

我们的上帝耶和华要毁灭我们,

给我们毒水喝,

因为我们得罪了祂。

15我们期待平安,

却没有祥和;

渴望得到医治,

却饱受惊吓。

16“从传来敌人战马的鼻息声,

他们的骏马嘶鸣,震动大地。

他们要来吞灭这片土地和地上的一切、城邑和居民。

17“看啊,我要派毒蛇去咬你们,

法术无法制服它们。”

这是耶和华说的。

18我有无限忧愁,伤心欲绝。

19听啊!远处传来我同胞的哀鸣:

“难道耶和华不在锡安了吗?

难道她的王不在她那里了吗?”

耶和华说:“他们为什么供奉雕刻的神像和外族无用的偶像,惹我发怒?”

20他们说:“麦收已完,

夏季已过,

但我们还未得救。”

21我为同胞的创伤而伤心,

我痛苦万分,

惊慌失措。

22难道基列没有药物吗?

难道那里没有医生吗?

为什么我同胞的创伤至今未愈?