येरेमियाह 50 – HCV & PCB

Hindi Contemporary Version

येरेमियाह 50:1-46

बाबेल के विरुद्ध नबूवत

1भविष्यद्वक्ता येरेमियाह के द्वारा जो संदेश याहवेह ने कसदियों के देश बाबेल के विषय में दिया, वह यह है:

2“सारे राष्ट्रों में सर्वत्र यह वाणी हो, यह प्रकट किया जाए,

यह घोषणा की जाए और झंडा ऊंचा किया जाए;

कुछ भी छिपाया न जाए बल्कि यह कहा जाए,

‘बाबेल अचंभित हो चुका;

बेल लज्जित कर दिया गया,

मारदुक चूर-चूर कर दिया गया है.

उसकी प्रतिमाएं लज्जित कर दी गई है

और उसकी प्रतिमाएं चूर-चूर कर दी गई हैं.’

3उत्तरी दिशा का एक राष्ट्र उस पर आक्रमण करेगा, वह उसे निर्जन क्षेत्र में परिवर्तित कर देगा,

वहां कोई निवासी न रह जाएगा.

मनुष्य और पशु दोनों ही वहां से पलायन कर गए हैं;

अब वे वहां से दूर चले गए हैं.

4“उन दिनों में, उस अवसर पर,”

यह याहवेह की वाणी है,

“इस्राएल वंशज आ जाएंगे, वे और यहूदाह के वंशज, दोनों ही;

वे साथ साथ विलाप करते हुए जाएंगे, वे याहवेह अपने परमेश्वर की खोज करेंगे.

5वे ज़ियोन के मार्ग के विषय में पूछताछ करेंगे,

वे उसी ओर अभिमुख हो जाएंगे.

वे इस उद्देश्य से आएंगे कि वे याहवेह के साथ

एक चिरकालीन वाचा में सम्बद्ध हो जाएं

जिसे कभी भूलना पसंद न किया जाएगा.

6“मेरी प्रजा खोई भेड़ हो गई है;

उनके चरवाहों ही ने इन्हें दूर किया है,

उन्हीं ने उन्हें पर्वतों पर चले जाने के लिए छोड़ दिया है.

अब वे पर्वतों तथा पहाड़ियों पर भटक रहे हैं

और अब तो उन्हें अपना चैन-स्थल ही स्मरण न रहा है.

7उनकी भेंट जितनों से भी हुई, उन्होंने उन्हें निगल डाला;

उनके शत्रु यह दावा करते रहे, ‘हम दोषी नहीं हैं,

पाप तो उन्होंने किया है याहवेह के विरुद्ध, जो पूर्वजों के आश्रय हरी चरागाह है,

वस्तुतः याहवेह, उनके पूर्वजों की आशा.’

8“बाबेल के मध्य से भाग निकलो;

कसदियों के देश से पलायन करो,

उन बकरों के सदृश बन जाओ, जो पशु समूह के आगे-आगे चलते हैं.

9क्योंकि तुम यह देख लेना कि मैं उत्तरी ओर से सशक्त राष्ट्रों के समूह को

बाबेल पर आक्रमण के लिए प्रेरित करूंगा.

वे उसके विरुद्ध मोर्चा बांधेंगे,

और तब बाबेल बंदी बना लिया जाएगा.

उनका लक्ष्य कर कुशल योद्धा बाण छोड़ेंगे

और उनका प्रहार अचूक ही होगा.

10कसदिया लूट की सामग्री बन जाएगा;

जो इसे लूटेंगे वे इसे यथाशक्ति लूट लेंगे,”

यह याहवेह की वाणी है.

11“मेरे उत्तराधिकार के लुटेरो,

इसलिये कि तुम आनंदित हो, इसलिये कि तुम उल्‍लसित हो,

इसलिये कि तुम चरागाहों में बछिया के समान उछलते हो,

घोड़े सदृश हिनहिनाते हो,

12तुम्हारी माता अत्यंत लज्जित होगी;

तुम्हारी जननी निन्दित हो जाएगी.

तुम देखना कि वह राष्ट्रों में नीच हो जाएगी एक निर्जन क्षेत्र—

एक शुष्क भूखण्ड, एक मरुभूमि.

13याहवेह की अप्रसन्‍नता के कारण वह निर्जन ही रहेगी,

पूर्णतः निर्जन; हर एक,

जो बाबेल के निकट से निकलेगा, भयभीत हो जाएगा;

और उसके घावों को देखकर उपहास करेगा.

14“हर एक ओर से बाबेल के विरुद्ध मोर्चा बांधो,

तुम सभी धनुर्धारियों.

उस पर प्रहार करो कोई भी तुम्हारे बाणों से बचने न पाए,

क्योंकि याहवेह की दृष्टि में बाबेल पापिष्ठ है!

15चारों ओर से उसके विरुद्ध आवाज की जाए!

उसने समर्पण कर दिया है, उसके स्तंभ पृथ्वीशायी हो चुके हैं,

उसकी शहरपनाहें भंग की गई हैं.

यह याहवेह का निरा बदला है; तुम भी उससे बदला लो,

उसने जैसा जैसा अन्यों के साथ किया है;

तुम भी उसके साथ वैसा ही करो.

16बाबेल से रोपक को नष्ट कर दो और उसे भी,

जो कटनी के अवसर पर अपना हंसिया चलाता है.

क्योंकि अत्याचारी की तलवार के कारण

वे लौटकर अपने ही लोगों के पास

भागकर स्वदेश ही चले जाएंगे.

17“इस्राएल तितर-बितर की हुई भेड़-बकरियां हैं,

सिंहों ने उन्हें खदेड़ दिया है.

जिसने उसे सर्वप्रथम निगल डाला था,

वह है अश्शूर का राजा;

जिसने सबसे अंत में उसकी अस्थियां तोड़ दी हैं,

वह है बाबेल का राजा नबूकदनेज्ज़र.”

18इसलिये सेनाओं के याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर का संदेश यह है:

“तुम यह देखना कि मैं बाबेल के राजा तथा उसके देश को दंड देने पर हूं

ठीक जिस प्रकार मैंने अश्शूर के राजा को दंड दिया है.

19तब मैं इस्राएल को उसकी चराइयों में लौटा ले आऊंगा,

तब वह कर्मेल तथा बाशान में चरा करेगा;

और पर्वतीय क्षेत्र एफ्राईम तथा गिलआद में

उसकी अभिलाषा पूर्ण की जाएगी.

20उन दिनों में, उस अवसर पर,”

यह याहवेह की वाणी है,

“इस्राएल में पापिष्ठता की खोज की जाएगी,

किंतु वहां कुछ भी प्राप्‍त न होगा,

वैसे ही यहूदिया में भी पापिष्ठता की खोज की जाएगी,

किंतु वहां भी उनमें कुछ पाया न जाएगा,

क्योंकि मैं बचे हुए लोगों को क्षमा कर दूंगा, जिन्हें मैंने रख छोड़ा है.

21“जाकर मेराथाइम देश पर आक्रमण करो,

जाकर पेकोदवासियों पर भी आक्रमण करो.

उन्हें घात करो तथा उन्हें पूर्णतः नष्ट कर दो,”

यह याहवेह का आदेश है.

“वही सब करो, जिसका मैंने तुम्हें आदेश दिया है.

22युद्ध की ध्वनि देश में व्याप्‍त है,

विनाश अत्यंत प्रचंड है!

23वह, जो सारे विश्व के लिए हथौड़ा था,

वह कैसे कट गया, टूट गया!

सारे राष्ट्रों के लिए

बाबेल आज आतंक का विषय कैसे बन गया है!

24बाबेल, मैंने तुम्हारे लिए फंदा डाला,

और तुम उसमें जा भी फंसे! तुम्हें इसका आभास ही न हुआ;

तुम्हें खोज निकाला गया और तुम पकड़ लिए गए कारण यह था,

कि तुमने याहवेह से द्वन्द किया था.

25याहवेह ने अपना शस्त्रागार खोल दिया है

ओर उन्होंने अपने आक्रोश के शस्त्र बाहर निकाल लिए हैं,

क्योंकि कसदियों के देश में

यह प्रभु सेनाओं के याहवेह का निष्पादन है.

26दूरतम सीमा से उसके निकट आ जाओ.

उसके अन्‍नभण्डार खोल दो;

उसे अनाज का ढेर लगाए जैसे कर दो और उसे पूर्णतः.

नष्ट कर दो,

उसका कुछ भी शेष न रह जाए.

27उसके सारे पुष्ट बैल तलवार से घात कर दो;

उन सभी का वध कर दो!

धिक्कार हो उन पर! क्योंकि उनका समय आ गया है,

उनके दंड का समय.

28बाबेल से आए शरणार्थियों

तथा आश्रयहीनों का स्वर सुनाई दे रहा है,

कि ज़ियोन में उनके मंदिर के लिए,

याहवेह हमारे परमेश्वर के बदले की घोषणा की जा सके.

29“बाबेल पर आक्रमण के लिए उन सभी को बुला लाओ,

जो बाण छोड़ने में कुशल है.

उसे चारों ओर से घेरकर शिविर डाल दो;

कोई भी बचने न पाए.

उसके द्वारा किए गए कार्यों के अनुसार ही उसे प्रतिफल दो;

उसने जैसा जैसा किया है उसके साथ वैसा ही करो.

क्योंकि बाबेल याहवेह के विरुद्ध अहंकारी हो गया है,

उनके विरुद्ध, जो इस्राएल के पवित्र परमेश्वर हैं.

30इसलिये बाबेल के शूर जवान वहां की सड़कों पर पृथ्वीशायी हो जाएंगे;

तथा उसके सभी योद्धा उस दिन नष्ट हो जाएंगे,”

यह याहवेह की वाणी है.

31“ओ अहंकारी, मैं तुम्हारे विरुद्ध हूं, तुम यह देख लेना,”

यह प्रभु सेनाओं के याहवेह की वाणी है,

“क्योंकि तुम्हारा समय आ गया है,

वह समय, जब मैं तुम्हें दंड दूंगा.

32वह, जो अहंकारी है, वह लड़खड़ा कर गिर पड़ेगा

और कोई नहीं होगा, जो उसे उठाए;

बाबेल के नगरों को मैं भस्म कर दूंगा,

इससे उसके निकटवर्ती सारे क्षेत्र भी नष्ट हो जाएंगे.”

33सेनाओं के याहवेह का संदेश यह है:

“इस्राएल वंशज उत्पीड़ित किए जा रहे हैं,

यहूदाह गोत्रज भी;

वे सभी, जिन्होंने उन्हें बंदी बनाया है,

उन्हें मुक्त नहीं कर रहे.

34सशक्त हैं उनके उद्धारक,

सेनाओं के याहवेह है उनका नाम.

वह उनके सशक्त प्रवक्ता होंगे,

कि पृथ्वी पर शांति की स्थापना हो सके,

किंतु बाबेलवासियों में अशांति.”

35याहवेह की वाणी है,

“कसदी तलवार से घात किए जाएंगे, वैसे ही बाबेलवासी भी!”

बाबेल के अधिकारी एवं बुद्धिमान

तलवार से घात किए जाएंगे!

36झूठे भविष्यवक्ताओं पर तलवार का प्रहार होगा!

और वे मूर्ख प्रमाणित हो जाएंगे.

शूर योद्धाओं पर तलवार का प्रहार होगा!

और वे चूर-चूर हो जाएंगे.

37तलवार उनके घोड़ों तथा रथों पर भी चलेगी,

तथा उन सारे विदेशियों पर भी!

जो उनके मध्य में निवास कर रहे हैं, कि वे दुर्बल हो जाएं.

तलवार उसके कोषागारों पर भी चलेगी!

और वे लूट लिए जाएंगे.

38मैं उनके जलाशयों पर अनावृष्टि भेजूंगा!

और वे सूख जाएंगे.

क्योंकि यह देश प्रतिमाओं का देश हो गया है,

यहां के निवासी उन प्रतिमाओं पर उन्मत्त हुए जा रहे हैं.

39“इसलिये वहां सियार तो निवास करेंगे ही,

उनके सिवा वहां मरुभूमि के प्राणी भी निवास करने लगेंगे.

वहां शुतुरमुर्ग निवास करने लगेंगे

और फिर कभी पीढ़ियों से पीढ़ियों तक इसे बसाया न जा सकेगा.

40जैसा परमेश्वर ने सोदोम तथा अमोराह

तथा इनके निकटवर्ती क्षेत्रों में विनाश वृष्टि की थी,”

यह याहवेह की पूर्वोक्ति है,

“कोई मनुष्य वहां निवास न कर सकेगा;

और न मानव का कोई अस्तित्व पाया जाएगा.

41“अब देखो! उत्तर की ओर से एक राष्ट्र आक्रमण कर रहा है;

यह राष्ट्र सशक्त है तथा इसके राजा अनेक,

वे पृथ्वी के दूर क्षेत्रों से प्रेरित किए जा रहे हैं.

42वे अपना धनुष एवं बर्छी उठा रहे हैं;

वे निर्मम एवं क्रूर हैं.

उनका स्वर सागर की लहरों के गर्जन सदृश है,

वे घोड़ों पर सवार होकर आगे बढ़ते आ रहे हैं;

वे युद्ध के लिए सुसज्जित योद्धा सदृश हैं.

बाबेल की पुत्री, वे तुम पर आक्रमण करेंगे.

43बाबेल के राजा को इसकी सूचना प्राप्‍त हो चुकी है,

उसके हाथ ढीले पड़ चुके हैं.

पीड़ा ने उसे अपने अधीन कर रखा है,

वैसी ही पीड़ा जैसी प्रसूता की होती है.

44यह देखना, यरदन की झाड़ियों में से कोई सिंह सदृश निकलकर

मजबूत चरवाहों पर आक्रमण कर देगा,

क्योंकि मैं एक ही क्षण में उसे वहां पलायन के लिए प्रेरित कर दूंगा.

तथा इस क्षेत्र पर मैं उसे नियुक्त कर दूंगा, जो इसके लिए असमर्थ किया जा चुका है.

कौन है मेरे तुल्य तथा किसमें क्षमता है मुझे न्यायालय में बुलाने की?

इसके सिवा कौन है वह चरवाहा, जो मेरे समक्ष ठहर सकेगा?”

45इसलिये अब याहवेह की उस योजना को समझ लो, जो उन्होंने बाबेल के प्रति योजित की है,

तथा उन लक्ष्यों को भी, जो उन्होंने तेमानवासियों के संकट के लिए निर्धारित किए हैं:

इसमें कोई संदेह नहीं कि वे उन्हें खींचकर ले जाएंगे-भले ही वे भेड़-बकरियां के बच्चों की नाई हों;

उनके कारण याहवेह उनकी चराइयों को निश्चयतः निर्जन बनाकर छोड़ेंगे.

46इस घोषनाद के कारण: बाबेल बंदी बना लिया गया है;

पृथ्वी कांप उठी है, सभी राष्ट्रों में निराशा की चिल्लाहट प्रतिध्वनित हो गई है.

Persian Contemporary Bible

ارميا 50:1-46

كلام خداوند درباره بابل

1اينست سخنانی كه خداوند عليه بابل و مردم آن به من فرمود:

2«به همه قومها اعلام كنيد و بگوييد كه بابل ويران خواهد شد! بت مردوک و ساير بتهای بابل سرافكنده و رسوا خواهند شد! 3زيرا قومی از سوی شمال بر بابل هجوم خواهد آورد و آن را ويران خواهد كرد، و ديگر كسی در آن ساكن نخواهد شد بلكه همه، چه انسان و چه حيوان، از آنجا خواهند گريخت.

4«در آن زمان، مردم اسرائيل و يهودا، هر دو گريه‌كنان خواهند آمد و خداوند، خدای خود را خواهند طلبيد. 5آنها راه اورشليم را جويا خواهند شد تا به آنجا بازگردند. ايشان با تمام قلب به سوی من باز خواهند گشت و با من عهدی ابدی خواهند بست و آن را هرگز نخواهند شكست.

6«قوم من مانند گوسفندان گمشده می‌باشند؛ چوپانانشان ايشان را گمراه كرده و در ميان کوهها آواره نموده‌اند. گوسفندان نيز راه خود را گم كرده‌اند و نمی‌دانند چگونه به آغل بازگردند. 7دشمنانی كه به ايشان برمی‌خورند، ايشان را می‌درند و می‌گويند: ”ما اجازه داريم كه با ايشان اين گونه رفتار كنيم، چون بر ضد خداوند، خدای عادل كه اميد اجدادشان بود، گناه كرده‌اند.“

8«ولی حال ای قوم من، از بابل فرار كنيد! از آنجا بيرون بياييد تا بقيه هم به دنبالتان بيايند. 9زيرا من لشكر بزرگی از قومهای نيرومند شمال را برخواهم انگيخت تا بر بابل هجوم آورند و نابودش كنند؛ تيرهای آنها همگی به هدف خواهند خورد و خطا نخواهند رفت! 10بابل را غارت خواهند كرد و غنيمت فراوان نصيب غارت‌كنندگان خواهد شد.

11«ای مردم بابل، ای غارت‌كنندگان قوم من، شما شاديد و همچون گاوهای پروار در چراگاههای سبز و خرم می‌چريد و مانند اسبهای نر شيهه می‌زنيد و سرمستيد! 12ولی بدانيد كه شهر پرآوازهٔ شما نيز تحقير و رسوا خواهد شد. بابل سرزمينی خواهد شد بی‌اهميت، با بيابانهای خشک و سوزان. 13در اثر خشم و غضب من، بابل متروک و به کلی ويران خواهد شد و هر كه از آنجا عبور كند، مبهوت و متحير خواهد گرديد.

14«ای قومهای اطراف، برای جنگ با بابل آماده شويد! ای تيراندازان، همه تيرهايتان را به سوی او رها كنيد، چون به من گناه ورزيده است. 15از هر سو بر او فرياد جنگ برآوريد. بنگريد! تسليم می‌شود! ديوارهای بابل فرو می‌ريزد! اين انتقام من است! همان بلايی را كه بر سر ديگران آورد، بر سر او بياوريد. 16نگذاريد برزگرها در آنجا تخم بكارند و دروكنندگان درو نمايند؛ همهٔ غريبانی كه در آنجا هستند به سرزمين خود فرار كنند، چون شمشير دشمن امان نخواهد داد.

17«قوم اسرائيل مانند گوسفندانی هستند كه مورد حملهٔ شيران قرار گرفته‌اند. اول پادشاه آشور آنها را دريد، سپس نبوكدنصر، پادشاه بابل، استخوانهای ايشان را خرد كرد. 18از اين رو من، خداوند قادر متعال، خدای اسرائيل، پادشاه بابل و سرزمين او را مجازات خواهم كرد، همانطور كه پادشاه آشور را مجازات نمودم؛ 19و قوم اسرائيل را به سرزمين خودشان باز خواهم گرداند تا مانند گوسفندان در چراگاههای كرمل و باشان چرا كنند و بار ديگر در کوههای افرايم و جلعاد شادی نمايند. 20در آن زمان در اسرائيل و يهودا گناهی پيدا نخواهد شد، چون گناه بازماندگانشان را خواهم آمرزيد.

21«ای مردان جنگی، بر ضد سرزمين مراتايم و اهالی فقود برخيزيد50‏:21 مراتايم و فقود از شهرهای بابل بودند.‏! همچنانكه دستور داده‌ام، همه را بكشيد و از بين ببريد. 22بگذاريد فرياد جنگ و نالهٔ نابودی از آن سرزمين برخيزد! 23بابل، مانند چكشی تمام جهان را خرد كرد، ولی حال، آن چكش، خود شكسته و خرد شده است. بابل در ميان قومها مطرود و منزوی گرديده است! 24ای بابل، بدون آنكه بدانی، در دامی كه برايت گذاشته بودم گرفتار شده‌ای، چون با من دشمنی نمودی!

25«من اسلحه‌خانهٔ خود را گشوده و اسلحهٔ خشم و غضب خود را بيرون آورده‌ام! من با مردم بابل كار دارم! 26از سرزمینهای دور دست به جنگ بابل بياييد! انبارهای غله‌اش را خالی كنيد؛ ديوارهايش را فرو ريزيد، خانه‌هايش را ويران سازيد؛ همه جا را با خاک يكسان كنيد؛ چيزی باقی نگذاريد! 27سربازانش را بكشيد، همه را از دم تيغ بگذرانيد. وای برحال بابلی‌ها! زمان نابودی‌شان فرا رسيده است!

28«ولی قوم من جان به در خواهند برد. ايشان به سرزمين خود باز خواهند گشت تا خبر دهند كه من چگونه از كسانی كه خانه‌ام را خراب كرده‌اند، انتقام گرفته‌ام.

29«كمانداران و تيراندازان را جمع كنيد تا به بابل بيايند و شهر را محاصره كنند، طوری كه هيچكس نتواند بگريزد. همان بلايی را كه بابل بر سر ديگران آورد، بر سرش بياوريد، چون از روی تكبر، به من، خداوند مقدس اسرائيل بی‌احترامی كرده است. 30بنابراين جوانان او در كوچه‌ها افتاده، خواهند مرد و همهٔ مردان جنگی‌اش كشته خواهند شد. 31ای سرزمين مغرور، من بر ضد تو هستم، چون روز مكافاتت رسيده است. 32ای سرزمين متكبر، تو لغزيده، فرو خواهی افتاد و هيچكس تو را بر پا نخواهد كرد. من در شهرهای بابل آتشی خواهم افروخت كه همه چيز را در اطراف خود بسوزاند.»

33خداوند قادر متعال می‌فرمايد: «بر مردم اسرائيل و يهودا ظلم شده است. آنانی كه ايشان را اسير كرده‌اند، سخت مراقبشان هستند و نمی‌گذارند رهايی يابند. 34ولی من كه نجات دهندهٔ ايشان می‌باشم، نيرومندم و نامم خداوند قادر متعال می‌باشد و از ايشان حمايت نموده، آرامش و آزادی را به ايشان باز خواهم گرداند.

«اما اهالی بابل، هرگز روی آرامش را نخواهند ديد! 35شمشير هلاكت بر ساكنان بابل و بر بزرگان و حكيمانش فرو خواهد آمد. 36تمام حكيمان دروغينش، احمق خواهند شد! در دل مردان شجاع جنگی‌اش ترس و هراس خواهد افتاد! 37اسبها و عرابه‌هايش در جنگ از بين خواهند رفت و سربازان مزدورش مانند زنان، از ترس ضعف خواهند كرد. خزانه‌هايش نيز همه غارت خواهند شد؛ 38حتی ذخاير آبش نيز از بين خواهند رفت. چون تمام سرزمين از بتها پر است و مردم ديوانه‌وار به آنها عشق می‌ورزند.

39«از اين رو بابل، لانهٔ شترمرغها و شغالها و مسكن حيوانات وحشی خواهد شد. ديگر هرگز انسانی در آن زندگی نخواهد كرد و برای هميشه ويران خواهد ماند. 40همانگونه كه شهرهای سدوم و عموره و آبادی‌های اطراف آنها را از بين بردم، بابل را نيز ويران خواهم ساخت و ديگر كسی در آنجا زندگی نخواهد كرد.

41«بنگريد! سپاهی بزرگ از طرف شمال می‌آيد! پادشاهان بسيار از سرزمینهای مختلف برای جنگ مهيا می‌شوند. 42آنها سلاحهای خود را برداشته‌اند و برای كشتار آماده‌اند. ايشان سنگدلند و به كسی رحم نمی‌كنند! فرياد آنان مانند خروش درياست. ای بابل، ايشان سوار بر اسب، به تاخت به جنگ تو می‌آيند.

43«وقتی خبر به پادشاه بابل برسد، دستهايش سست شده، زانوهايش خواهد لرزيد و همچون زنی كه درد زايمان داشته باشد، به خود خواهد پيچيد.

44«همانگونه كه شيری از جنگلهای اردن بيرون می‌آيد و ناگهان به گوسفندان در حال چريدن هجوم می‌آورد، من نيز ناگهان بر بابلی‌ها هجوم آورده، ايشان را از سرزمينشان بيرون خواهم راند. آنگاه شخص مورد نظر خود را تعيين خواهم نمود تا بر ايشان حكومت كند. زيرا كيست كه مثل من باشد و كيست كه بتواند از من بازخواست كند؟ كدام رهبر است كه با من مخالفت نمايد؟ 45بنابراين، ارادهٔ من دربارهٔ بابل و مردم آن اينست كه دشمن، آنها و حتی كودكانشان را به زور ببرد، و همه چيزشان را نابود كند. 46از صدای شكست بابل، زمين خواهد لرزيد و قومها فرياد مردم آن را خواهند شنيد.»