यहेजकेल 7 – Hindi Contemporary Version HCV

Hindi Contemporary Version

यहेजकेल 7:1-27

अंत का समय आ गया है

1याहवेह का यह वचन मेरे पास आया: 2“हे मनुष्य के पुत्र, परम प्रधान याहवेह का इस्राएल देश को यह कहना है:

“ ‘अंत! देश के चारों ओर

अंत का समय आ गया है!

3तुम्हारा अंत आ गया है,

अब मैं अपना क्रोध तुम्हारे विरुद्ध प्रगट करूंगा.

मैं तुम्हारे आचरण के अनुसार तुम्हारा न्याय करूंगा

और तुम्हारे सारे घृणित कार्यों का बदला लूंगा.

4मैं तुम्हारे ऊपर दया दृष्टि नहीं करूंगा;

मैं तुम्हें नहीं छोड़ूंगा.

मैं निश्चय ही तुम्हारे आचरण का

और तुम्हारे बीच तुम्हारे घृणित कार्यों का तुमसे बदला लूंगा.

तब तुम जानोगे कि मैं याहवेह हूं.’

5“परम प्रधान याहवेह का यह कहना है:

“ ‘घोर विपत्ति! न सुनी गई घोर विपत्ति!

देखो, वह आ रही है!

6अंत आ गया है!

अंत आ गया है!

वह स्वयं तुम्हारे विरुद्ध जाग गया है.

देखो, वह आ रहा है!

7विनाश तुम्हारे ऊपर आ चुका है,

तुम्हारे ऊपर, जो इस देश में रहते हो.

वह समय आ गया है! वह दिन निकट है!

पर्वतों पर आनंद नहीं, पर आतंक है.

8मैं तुम पर अपना कोप उण्डेलने ही वाला हूं

और अपना क्रोध तुम पर प्रगट करने ही वाला हूं.

मैं तुम्हारे आचरण के अनुसार तुम्हारा न्याय करूंगा

और तुम्हारे सब घृणित कार्यों का बदला तुमसे लूंगा.

9मैं तुम पर कृपादृष्टि नहीं करूंगा;

मैं तुम्हें नहीं छोड़ूंगा.

मैं तुमसे तुम्हारे आचरण

और तुम्हारे बीच घृणित कार्यों का बदला लूंगा.

तब तुम जानोगे कि यह मैं वह याहवेह हूं, जो तुम पर प्रहार करता है.

10“ ‘देखो, उस दिन को!

देखो, वह दिन आ रहा है!

तुम्हारा विनाश फट चुका है,

लाठी अंकुरित हो चुकी है,

अहंकार खिलकर फूल बन चुका है.

11हिंसा, दुष्ट को सजा देने के लिये

एक लाठी बन गयी है.

उन लोगों में से कोई भी नहीं बचेगा,

उस भीड़ का कोई भी नहीं—

न उनकी धन-संपत्ति

और न ही उनकी कोई मूल्यवान वस्तु बचेगी.

12समय आ गया है!

वह दिन आ चुका है!

खरीदनेवाला आनंदित न हो

और न ही बेचनेवाला दुःखी हो,

क्योंकि मेरा कोप पूरे भीड़ पर है.

13जब तक खरीदनेवाला और बेचनेवाला जीवित हैं,

तब तक बेचनेवाले को

उसकी बिकी हुई संपत्ति वापस नहीं मिलेगी.

क्योंकि पूरे भीड़ के बारे में जो दर्शन है

उसे पलटा नहीं जाएगा.

अपने पापों के कारण, उनमें से कोई भी

अपने जीवन को बचा न सकेगा.

14“ ‘उन्होंने तुरही बजाई,

और सारी तैयारी भी पूरी कर ली,

परंतु युद्ध में कोई भी नहीं जाता,

क्योंकि सारी भीड़ पर मेरा कोप है.

15बाहर में तलवार है;

भीतर महामारी और अकाल है.

जो बाहर मैदान में है,

वे तलवार से मरेंगे;

जो शहर में हैं,

वे अकाल और महामारी से मारे जाएंगे.

16जो भगोड़े बच निकलेंगे,

वे पर्वतों पर भाग जाएंगे

वे घाटियों के पड़कियों

के जैसे विलाप करेंगे,

हर एक अपने स्वयं के पाप के लिए.

17हर एक के हाथ पंगु हो जाएंगे;

हर एक के घुटने पानी के नाई कमजोर हो जाएंगे!7:17 या हर एक पैर पेशाब से गीले हो जाएंगे.

18वे टाट के कपड़े पहनेंगे

और आतंक से भर जाएंगे.

हर एक का मुंह लज्जा से ढका होगा,

और हर एक सिर मुंडन किया होगा.

19“ ‘वे अपनी चांदी को गलियों में फेंक देंगे,

और उनका सोना अशुद्ध वस्तु ठहरेगा.

याहवेह के कोप के दिन

उनका चांदी और सोना

उनको बचा न सकेगा.

यह उनके भूख को नहीं मिटाएगा

या उनके पेट को नहीं भरेगा,

क्योंकि यह उनके पाप में पड़ने का कारण हुआ है.

20उन्होंने अपने सुंदर गहनों पर घमंड किया है,

और इनका उपयोग अपने घृणित मूर्तियां बनाने में किया है.

उनसे उन्होंने निकम्मी मूर्तियां बनाई हैं;

इसलिये मैं इसे उनके लिए अशुद्ध वस्तु बना दूंगा.

21मैं उनके धन-संपत्ति को लूट के रूप में

विदेशियों को और पृथ्वी के दुष्ट लोगों को दे दूंगा,

जो उसे दूषित कर देंगे.

22मैं लोगों से अपना मुंह मोड़ लूंगा,

और लुटेरे मेरे बहुमूल्य स्थान को अपवित्र करेंगे.

वे इसमें प्रवेश करेंगे

और इसे अशुद्ध कर देंगे.

23“ ‘बेड़ी तैयार करो!

क्योंकि देश रक्तपात से,

और शहर हिंसा से भर गया है.

24मैं जनताओं के सबसे बुरे लोगों को लाऊंगा

कि वे उनके घरों पर अधिकार कर लें.

मैं बलवान के घमंड का अंत कर दूंगा,

और उनके पवित्र स्थान अपवित्र किए जाएंगे.

25जब आतंक आयेगा,

तब वे बेकार में शांति की खोज करेंगे.

26विपत्ति के ऊपर विपत्ति आएगी,

और अफवाह के ऊपर अफवाह फैलेगा.

वे भविष्यवक्ता से दर्शन की खोज करेंगे,

कानून में पुरोहित के निर्देश बंद हो जाएंगे,

अगुओं की सलाह खत्म हो जाएगी.

27राजा विलाप करेगा,

राजकुमार के लिए निराशा उसका कपड़ा हो जाएगा,

और देशवासियों के हाथ कांपने लगेंगे.

मैं उनके साथ उनके आचरण के अनुरूप व्यवहार करूंगा,

और उन्हीं के स्तर से मैं उनका न्याय करूंगा.

तब वे जानेंगे कि मैं याहवेह हूं.’ ”