यहेजकेल 4 – HCV & NAV

Hindi Contemporary Version

यहेजकेल 4:1-17

येरूशलेम की घेराबंदी किए जाने का चिन्ह

1“अब, हे मनुष्य के पुत्र, तुम एक मिट्टी की ईंट लो, उसे अपने सामने रखो ओर उस पर येरूशलेम शहर का चित्र बनाओ. 2तब इसकी घेराबंदी करो: इसके विरुद्ध घेराबंदी की रचना करो, इस पर एक ढलान बनाओ, इसके विरुद्ध शिविर खड़े करो और इसके चारों ओर युद्ध के यंत्र लगाओ. 3तब लोहे की एक थाली लो, और इसे अपने और शहर के बीच एक लोहे की दीवार के रूप में रखो और अपना मुंह इसकी ओर करो. यह घेराबंदी में होगा, और तुम इस पर घेरा डालोगे. यह इस्राएल के लोगों के लिये एक चिन्ह होगा.

4“तब तुम अपनी बायीं करवट पर लेट जाओ और इस्राएल के लोगों के पाप को अपने ऊपर4:4 अपने ऊपर किंवा अपने बाजू रखो. तुम्हें अपने करवट पर लेटे रहकर काफ़ी दिनों तक उनके पाप का बोझ सहना है. 5उन्होंने जितने साल पाप में लगाए हैं, मैंने उतने ही दिन तुम्हारी इस स्थिति के लिए ठहराए हैं अर्थात् 390 दिन तक तुम इस्राएल के लोगों के पाप को सहते रहोगे.

6“इस काम को पूरा कर लेने के बाद, तुम फिर से लेट जाना, पर इस समय अपनी दायीं करवट पर, और तुम यहूदिया के लोगों के पाप का भार सहोगे. मैंने तुम्हारे लिए चालीस दिन ठहराए हैं, हर साल के लिये एक दिन. 7तब तुम अपना मुंह येरूशलेम की घेराबंदी की ओर करना और खुली बांह के साथ इसके विरुद्ध भविष्यवाणी करना. 8मैं तुम्हें रस्सियों से बांध दूंगा, ताकि तुम करवट न बदल सको, जब तक कि तुम अपने घेराबंदी के दिनों को पूरा न कर लो.

9“तुम गेहूं, जौ, सेम, दाल, बाजरा और कठिया लो; उन्हें एक मर्तबान में रखो और उनका उपयोग अपने लिए रोटी बनाने में करो. तुम्हें इसको उन 390 दिनों के दौरान खाना है, जब तुम अपनी करवट पर लेटे रहोगे. 10प्रतिदिन 20 शेकेल4:10 20 शेकेल लगभग 230 ग्राम का भोजन वजन करके खाना है और इसे एक नियत समय पर ही खाना है. 11पानी भी एक हीन4:11 लगभग 0.6 लीटर का छठवां भाग नाप लेना और उसे नियत समय पर पीना. 12जौ की एक रोटी बनाकर खाना; इसे लोगों के देखते में पकाना और ईंधन के रूप में मनुष्य के मल का उपयोग करना.” 13फिर याहवेह ने कहा, “इस प्रकार इस्राएल के लोग उन जनताओं के बीच अशुद्ध भोजन करेंगे, जहां मैं उन्हें भगा दूंगा.”

14तब मैंने कहा, “हे परम प्रधान याहवेह! ऐसा न हो. मैंने कभी अपने आपको अशुद्ध नहीं किया है. अपने जवानी से लेकर अब तक, मैंने कभी कोई मरा हुआ या जंगली जानवरों के द्वारा फाड़ डाला गया पशु नहीं खाया है. मेरे मुंह में कभी भी किसी भी प्रकार का अशुद्ध मांस नहीं गया है.”

15तब उन्होंने कहा, “बहुत अच्छा, मैं तुम्हें मनुष्य के मल के बदले गाय के गोबर पर रोटी सेंकने की अनुमति देता हूं.”

16फिर उसने मुझसे यह भी कहा, “हे मनुष्य के पुत्र, मैं येरूशलेम का भोजन-पानी बंद करनेवाला हूं. लोग प्रतिदिन का भोजन चिंतित होकर खाएंगे और प्रतिदिन का पानी निराश होकर पिएंगे, 17क्योंकि भोजन और पानी बहुत थोड़ा होगा. वे एक दूसरे को देखकर भयभीत होंगे और अपने पाप के कारण नाश हो जाएंगे.

New Arabic Version

حزقيال 4:1-17

رمز حصار أُورشليم

1«أَمَّا أَنْتَ يَا ابْنَ آدَمَ فَخُذْ لِنَفْسِكَ لِبْنَةً وَابْسُطْهَا أَمَامَكَ وَارْسُمْ عَلَيْهَا مَدِينَةَ أُورُشَلِيمَ، 2وَأَقِمْ عَلَيْهَا حِصَاراً، وَابْنِ بُرْجاً، وَانْصِبْ عَلَيْهَا مِتْرَاساً، وَطَوِّقْهَا بِالْجُيُوشِ، وَأَحِطْهَا مِنْ كُلِّ جَانِبٍ بِالْمَجَانِقِ، 3ثُمَّ خُذْ لِنَفْسِكَ صَاجاً مِنْ حَدِيدٍ وَاجْعَلْهُ سُوراً مِنْ حَدِيدٍ بَيْنَكَ وَبَيْنَ الْمَدِينَةِ، وَثَبِّتْ وَجْهَكَ عَلَيْهَا فَتُصْبِحَ مُحَاصَرَةً وَأَنْتَ تُحَاصِرُهَا، فَتَكُونَ هَذِهِ عَلامَةً لِشَعْبِ إِسْرَائِيلَ.

4أَمَّا أَنْتَ فَاتَّكِئْ عَلَى جَانِبِكَ الأَيْسَرِ، وَضَعْ عَلَيْهِ إِثْمَ شَعْبِ إِسْرَائِيلَ، إِذْ أَنَّكَ تَحْمِلُ إِثْمَهُمْ عَلَى حَسَبِ عَدَدِ الأَيَّامِ الَّتِي تَتَّكِئُ فِيهَا عَلَيْهِ. 5فَإِنِّي قَدْ جَعَلْتُ لَكَ عَدَدَ أَيَّامٍ كَعَدَدِ سَنَوَاتِ إِثْمِهِمْ: ثَلاثَ مِئَةٍ وَتِسْعِينَ يَوْماً. فَتَحْمِلُ عِبْءَ إِثْمِ شَعْبِ إِسْرَائِيلَ. 6وَحَالَمَا تُكْمِلُهَا عُدْ فَاتَّكِئْ عَلَى جَانِبِكَ الأَيْمَنِ، وَاحْمِلْ إِثْمَ شَعْبِ يَهُوذَا أَرْبَعِينَ يَوْماً. إِذْ جَعَلْتُ كُلَّ يَوْمٍ مُقَابِلَ سَنَةٍ. 7ثُمَّ ثَبِّتْ وَجْهَكَ نَحْوَ حِصَارِ أُورُشَلِيمَ بِذِرَاعٍ مَكْشُوفَةٍ، وَتَنَبَّأْ عَلَيْهَا، 8وَهَا أَنَا أُوْثِقُكَ بِحِبَالٍ لِئَلّا تَتَقَلَّبَ مِنْ جَنْبٍ إِلَى جَنْبٍ حَتَّى تَكْتَمِلَ أَيَّامُ حِصَارِكَ.

9أَمَّا أَنْتَ فَخُذْ لِنَفْسِكَ قَمْحاً وَشَعِيراً وَفُولاً وَعَدَساً وَذُرَةً وَكَرْسَنَّةً، وَاعْجِنْهَا فِي وَعَاءٍ وَاحِدٍ، وَاصْنَعْ لِنَفْسِكَ خُبْزاً تَأْكُلُ مِنْهُ ثَلاثَ مِئَةٍ وَتِسْعِينَ يَوْماً كَعَدَدِ الأَيَّامِ الَّتِي تَتَّكِئُ فِيهَا عَلَى جَنْبِكَ. 10وَيَكُونُ وَزْنُ كَمِّيَّةِ الطَّعَامِ الَّتِي تَأْكُلُهَا فِي كُلِّ يَوْمٍ تُعَادِلُ عِشْرِينَ شَاقِلاً (نَحْوَ مِئَتَيْنِ وَأَرْبَعِينَ جِرَاماً). تَأْكُلُ وَجْبَةً وَاحِدَةً فِي الْيَوْمِ. 11وَتَشْرَبُ الْمَاءَ بِالْكَيْلِ، فَلا يَزِيدُ عَنْ سُدْسِ الهِينِ (نَحْوَ ثُلْثَيْ لِتْرٍ)، تَشْرَبُ مِنْهُ بَيْنَ حِينٍ وَآخَرَ. 12وَتَأْكُلُهُ كَكَعْكِ الشَّعِيرِ، بَعْدَ أَنْ تَخْبِزَهُ عَلَى مَشْهَدٍ مِنْهُمْ فَوْقَ بِرَازِ الإِنْسَانِ. 13لأَنَّهُ هَكَذَا سَيَأْكُلُ أَبْنَاءُ إِسْرَائِيلَ خُبْزَهُمُ النَّجِسَ بَيْنَ الأُمَمِ الَّذِينَ أُجْلِيهِمْ إِلَيْهِمْ». 14وَلَكِنِّي قُلْتُ: «آهِ، أَيُّهَا السَّيِّدُ الرَّبُّ، أَنَا لَمْ أُنَجِّسْ نَفْسِي أَبَداً فَمُنْذُ حَدَاثَتِي حَتَّى الآنَ لَمْ آكُلْ مَيْتَةً أَوْ فَرِيسَةً، وَلَمْ يَدْخُلْ فَمِي لَحْمٌ نَجِسٌ». 15فَقَالَ: «انْظُرْ هَا أَنَا أُعْطِيكَ بَعْرَ الْبَقَرِ لِتَسْتَعِيضَ بِهِ عَنْ بِرَازِ الإِنْسَانِ لِتَصْنَعَ عَلَيْهِ خُبْزَكَ. 16يَا ابْنَ آدَمَ، هَا أَنَا أَبِيدُ مَؤُونَةَ الْخُبْزِ فِي أُورُشَلِيمَ، فَيَأْكُلُونَ الْخُبْزَ بِالْوَزْنِ مَعْجُوناً بِالْغَمِّ، وَيَشْرَبُونَ الْمَاءَ بِالْكَيْلِ مَمْزُوجاً بِالْحَيْرَةِ. 17إِذْ يُعْوِزُهُمُ الْخُبْزُ وَالْمَاءُ، وَيَلْجَأُ الْوَاحِدُ إِلَى أَخِيهِ وَقَدِ اعْتَرَتْهُمُ الْحَيْرَةُ فَيَفْنَوْنَ جَمِيعاً بِإِثْمِهِمْ.