यशायाह 60 – Hindi Contemporary Version HCV

Hindi Contemporary Version

यशायाह 60:1-22

ज़ियोन का वैभव

1“उठो, प्रकाशमान हो, क्योंकि तुम्हारा प्रकाश आया है,

तथा याहवेह का तेज तुम्हारे ऊपर उदय हुआ है.

2देख, पृथ्वी पर तो अंधकार

और राज्य-राज्य के लोगों पर घोर अंधकार है,

परंतु तुम्हारे ऊपर याहवेह उदय होगा

और उनका तेज तुम्हारे ऊपर प्रकट होगा.

3अन्य जातियां तुम्हारे पास प्रकाश के लिये,

और राजा तुम्हारे आरोहण के प्रताप की ओर आएंगे.

4“अपने आस-पास दृष्टि उठाकर देख:

वे सभी इकट्‍ठे हो रहे हैं और वे तुम्हारे पास आ रहे हैं;

दूर स्थानों से तुम्हारे पुत्र आ जाएंगे,

तुम्हारी पुत्रियां गोद में उठाकर लाई जाएंगी.

5तब तुम देखोगे तथा आनंदित होओगे,

तुम्हारा हृदय आनंद से भर जाएगा;

क्योंकि सागर का सारा धन तुम्हारा हो जायेगा,

और देशों की धन-संपत्ति तुम्हारी हो जाएगी.

6तुम्हारे देश असंख्य ऊंटों से भर जाएंगे,

जो मिदियान तथा एफाह और शीबा देश से आएंगे.

वे अपने साथ सोना तथा लोबान लाएंगे,

वे याहवेह का आनंद से गुणगान करेंगे.

7केदार की सब भेड़-बकरियां तुम्हारी हो जायेंगी,

नेबाइयोथ के मेढ़े सेवा टहल के काम आएंगे;

मेरी वेदी पर वे ग्रहण योग्य होंगे,

मैं अपने घर को और प्रतापी कर दूंगा.

8“कौन हैं ये जो बादल समान उड़ते हैं,

और कबूतर समान अपने घर को पहुंच जाते हैं?

9निश्चय द्वीप मेरी प्रतीक्षा करेंगे;

तरशीश के जहाज़ पहले पहुंचेंगे,

वे अपने साथ दूर देशों से तुम्हारे पुत्रों को लाएंगे,

उनके साथ उनका सोना एवं उनकी चांदी होगी,

यह याहवेह तुम्हारे परमेश्वर की महिमा में होगा,

क्योंकि उन्होंने ही तुम्हें प्रताप से शोभायमान किया है.

10“परदेशी लोग तेरी शहरपनाह को उठाएंगे,

उनके राजा तेरी सेवा करेंगे.

क्योंकि क्रोध में आकर मैंने तुझे दुःख दिया था,

परंतु अब तुझसे प्रसन्‍न होकर दया करूंगा.

11तुम्हारे फाटक निरंतर खुले रहेंगे,

दिन हो या रात, वे बंद नहीं किए जाएंगे,

देश की धन-संपत्ति और उनके राजा

बंधुए होकर तेरे पास आएंगे.

12वे लोग तथा वे राज्य जो तुम्हारी सेवा करना अस्वीकार करेंगे, नष्ट हो जाएंगे;

ये देश पूर्णतः नष्ट हो जाएंगे.

13“लबानोन का वैभव तुम्हारा हो जाएगा,

सनोवर व देवदार तथा चीड़ वृक्ष,

मेरे पवित्र स्थान के सौंदर्य को बढ़ाएंगे;

मैं अपने चरणों के स्थान को भी महिमा का रूप दूंगा.

14जिन्होंने तुम पर अत्याचार किया है, उनके पुत्र तुम्हारे सामने झुक जाएंगे;

तथा वे सभी जिन्होंने तुमसे घृणा की है वे सब तुम्हारे सामने झुक जाएंगे!

वे तुम्हारा नाम ‘याहवेह का नगर,

इस्राएल के पवित्र का ज़ियोन’ बुलाएंगे.

15“जब तुम त्यागी हुई घृणा के नगर थे,

कोई भी तुममें से होकर नहीं जाता था,

लेकिन अब मैं तुम्हें स्थिर गौरव का स्थान बना दूंगा

और पीढ़ी दर पीढ़ी आनंद का कारण ठहराऊंगा.

16तू अन्य जनताओं का दूध पी लेगी

तुम्हें राजा दूध पिलाएंगे.

तब तुम जान लोगे कि मैं, याहवेह ही, तुम्हारा उद्धारकर्ता,

और याकोब का वह सर्वशक्तिमान परमेश्वर, तुम्हारा छुड़ाने वाला हूं.

17कांस्य के स्थान पर मैं सोना,

लोहे के स्थान पर चांदी.

लकड़ी के स्थान पर कांस्य,

तथा पत्थरों के स्थान पर लोहा लेकर आऊंगा.

तब मैं शांति को तेरा हाकिम तथा धार्मिकता को

तेरा अधिकारी नियुक्त कर दूंगा.

18अब तुम्हारे देश में फिर हिंसा न होगी,

न ही तुम्हारी सीमाओं में हलचल या विनाश बिखर जायेगा,

परंतु तुम अपनी शहरपनाह का नाम उद्धार

और अपने फाटकों का नाम यश रखोगे.

19तब दिन के समय तुम्हें प्रकाश के लिए,

न तो सूर्य की आवश्यकता होगी और न रात को चांद की,

परंतु याहवेह तुम्हारे लिए सदा का प्रकाश होंगे,

और तुम्हारा परमेश्वर तुम्हारा वैभव होगा.

20तुम्हारा सूर्य कभी अस्त न होगा,

न ही तुम्हारे चांद की ज्योति कम होगी;

क्योंकि याहवेह तेरी सदैव की ज्योति होंगे,

और तुम्हारे विलाप के दिन समाप्‍त हो जाएंगे.

21तब तुम्हारे लोग धर्मी हो जाएंगे

वे सदा-सर्वदा के लिए देश के अधिकारी हो जाएंगे.

मेरे लगाये हुए पौधे,

और मेरे हाथों का काम ठहरेंगे,

जिससे मेरी महिमा प्रकट हो.

22सबसे छोटा एक हजार हो जायेगा,

और सबसे कमजोर एक सामर्थ्यी जाति बन जायेगा.

मैं याहवेह हूं;

ठीक समय पर सब कुछ पूरा करूंगा.”