यशायाह 49 – Hindi Contemporary Version HCV

Hindi Contemporary Version

यशायाह 49:1-26

याहवेह का सेवक

1हे द्वीपो, मेरी ओर कान लगाकर सुनो;

हे दूर देश के लोगो,

ध्यान दो! माता के गर्भ से याहवेह ने मुझे बुलाया;

जब मैं अपनी माता की देह में ही था उन्होंने मुझे नाम दे दिया था.

2उन्होंने मेरे मुंह को तलवार के समान तेज धार बना दिया है,

उन्होंने मुझे अपने हाथ की छाया में छिपा रखा है;

हां, उन्होंने मुझे एक विशेष तीर का रूप भी दे दिया है,

और उन्होंने मुझे अपनी आड़ में छिपा लिया है.

3उन्होंने मुझसे कहा, “इस्राएल तुम मेरे सेवक हो,

तुम्हीं से मैं अपनी महिमा प्रकट करूंगा.”

4तब मैंने कहा, “मेरी मेहनत व्यर्थ ही रही;

अपना बल मैंने व्यर्थ ही खो दिया.

तो भी निश्चय मेरा न्याय याहवेह के पास है,

मेरा प्रतिफल मेरे परमेश्वर के हाथ में है.”

5और वह याहवेह,

जिन्होंने अपना सेवक होने के लिए मुझे माता के गर्भ से चुन लिया था

कि वे याकोब को अपनी ओर लौटा ले आएं

कि इस्राएल को एक साथ कर दिया जाए,

क्योंकि मैं याहवेह के सम्मुख ऊंचा किया गया

तथा मेरा परमेश्वर ही मेरा बल हैं.

6याहवेह ने कहा:

“याकोब के गोत्रों का उद्धार करने

और इस्राएल के बचे हुओं को वापस लाने के लिए

मेरा सेवक बना यह तो मामूली बात है.

मैं तो तुम्हें देशों के लिए ज्योति ठहराऊंगा,

ताकि मेरा उद्धार पृथ्वी के एक कोने से दूसरे कोने तक फैल जाए.”

7जो घृणा का पात्र है, जो देश के द्वारा तुच्छ माना गया है—

जो अपराधियों का सेवक है—

उसके लिए इस्राएल का छुड़ाने वाला पवित्र परमेश्वर,

अर्थात् याहवेह का संदेश यह है:

“राजा उसे देखकर उठ खड़े होंगे,

हाकिम भी दंडवत करेंगे,

क्योंकि याहवेह ने, जो विश्वासयोग्य हैं,

इस्राएल के पवित्र परमेश्वर ने तुम्हें चुन लिया है.”

इस्राएल का पुनरुद्धार

8याहवेह ने कहा:

“एक अनुकूल अवसर पर मैं तुम्हें उत्तर दूंगा,

तथा उद्धार करने के दिन मैं तुम्हारी सहायता करूंगा;

मैं तुम्हें सुरक्षित रखकर

लोगों के लिए एक वाचा ठहराऊंगा,

ताकि देश को स्थिर करे

और उजड़े हुए मीरास को ठीक कर सके,

9और जो बंधुवाई में हैं, ‘उन्हें छुड़ा सके,’

जो अंधकार में हैं, ‘उन्हें कहा जाए कि अपने आपको दिखाओ!’

“रास्ते पर चलते हुए भी उन्हें भोजन मिलेगा,

सूखी पहाड़ियों पर भी उन्हें चराई मिलेगी.

10न वे भूखे होंगे और न प्यासे,

न तो लू और न सूर्य उन्हें कष्ट पहुंचा सकेंगे.

क्योंकि, जिनकी दया उन पर है,

वही उनकी अगुवाई करते हुए उन्हें पानी के सोतों तक ले जाएंगे.

11मैं अपने सब पर्वतों को मार्ग बना दूंगा,

तथा मेरे राजमार्ग ऊंचे किए जायेंगे.

12देखो, ये लोग दूर देशों से

कुछ उत्तर से, कुछ पश्चिम से

तथा कुछ सीनीम देश से आएंगे.”

13हे आकाश, जय जयकार करो;

हे पृथ्वी, आनंदित होओ;

हे पर्वतो, आनंद से जय जयकार करो!

क्योंकि याहवेह ने अपनी प्रजा को शांति दी है

और दीन लोगों पर दया की है.

14परंतु ज़ियोन ने कहा, “याहवेह ने मुझे छोड़ दिया है,

प्रभु मुझे भूल चुके हैं.”

15“क्या यह हो सकता है कि माता अपने बच्‍चे को भूल जाए

और जन्माए हुए बच्‍चे पर दया न करे?

हां, वह तो भूल सकती है,

परंतु मैं नहीं भूल सकता!

16देख, मैंने तेरा चित्र हथेलियों पर खोदकर बनाया है;

तेरी शहरपनाह सदैव मेरे सामने बनी रहती है.

17तेरे लड़के फुर्ती से आ रहे हैं,

और उजाड़नेवाले तेरे बीच में से निकल रहे हैं.

18अपनी आंख उठाकर अपने आस-पास देखो;

वे सभी तुम्हारे पास आ रहे हैं.”

याहवेह ने कहा “शपथ मेरे जीवन की,

तुम उन सबको गहने के समान पहन लोगे;

दुल्हन के समान अपने शरीर में सबको बांध लोगे.

19“जो जगह सुनसान, उजड़ी,

और जो देश खंडहर हैं,

उनमें अब कोई नहीं रहेगा,

और तुम्हें नष्ट करनेवाले अब दूर हो जायेंगे.

20वे बालक जो तुझसे ले लिये गये

वे फिर तुम्हारे कानों में कहेंगे,

‘मेरे लिए यह जगह छोटी है;

मेरे लिये बड़ी जगह तैयार कीजिए की मैं उसमें रह सकूं.’

21तब तुम अपने मन में कहोगे,

‘कौन है जिसने इन्हें मेरे लिए जन्म दिया है?

क्योंकि मेरे बालक तो मर गये हैं;

बांझ थी मैं, यहां वहां घूमती रही.

फिर इनका पालन पोषण किसने किया है?

मुझे तो अकेला छोड़ दिया गया था,

ये कहां से आए हैं?’ ”

22प्रभु याहवेह ने कहा:

“मैं अपना हाथ जाति-जाति के लोगों की ओर बढ़ाऊंगा,

और उनके सामने अपना झंडा खड़ा करूंगा;

वे तुम्हारे पुत्र व पुत्रियों को

अपनी गोद में उठाएंगे.

23राजा तेरे बच्चों का सेवक

तथा उनकी रानियां दाईयां होंगी.

वे झुककर तुम्हें दंडवत करेंगी;

फिर तुम यह जान जाओगे कि मैं ही याहवेह हूं;

मेरी बाट जोहने वाले कभी लज्जित न होंगे.”

24क्या वीर के हाथ से शिकार छीना जा सकता है,

अथवा क्या कोई अत्याचारी से किसी बंदी को छुड़ा सकता है?

25निःसंदेह, याहवेह यों कहते हैं:

“बलात्कारी का शिकार उसके हाथ से छुड़ा लिया जाएगा,

तथा निष्ठुर लोगों से लूट का समान वापस ले लिये जायेंगे;

क्योंकि मैं उनसे मुकदमा लड़ूंगा जो तुमसे लड़ेगा,

और मैं तुम्हारे पुत्रों को सुरक्षित रखूंगा.

26जो तुमसे लड़ते हैं उन्हें मैं उन्हीं का मांस खिला दूंगा;

वे अपना ही खून पीकर मतवाले हो जाएंगे.

तब सब जान जायेंगे

कि याहवेह ही तुम्हारा उद्धारकर्ता है,

तेरा छुड़ाने वाला, याकोब का सर्वशक्तिमान परमेश्वर मैं ही हूं.”