यशायाह 3 – HCV & CCB

Hindi Contemporary Version

यशायाह 3:1-26

येरूशलेम और यहूदिया पर न्याय

1प्रभु सर्वशक्तिमान याहवेह येरूशलेम और यहूदिया से उनका सहारा

और उनके अन्‍न और जल का स्रोत सब दूर कर देगा,

2वीर योद्धा तथा सैनिक,

न्यायी तथा भविष्यद्वक्ता,

भावी बोलनेवाले तथा बूढ़े,

3मंत्री और प्रतिष्ठित व्यक्ति,

सलाहकार, कारीगर और जादूगर को भी दूर करेंगे.

4“मैं लड़कों को शासक बना दूंगा;

और वे उन पर शासन करेंगे.”

5लोग एक दूसरे पर अत्याचार करेंगे—

सब अपने साथी, पड़ोसी पर,

और लड़के, बूढ़ों से बुरा व्यवहार करेंगे.

6जब एक व्यक्ति अपने पिता के घर में

अपने भाई से ही यह कहने लगे,

“तुम्हारे पास तो अच्छा वस्त्र है, तुम्हें हमारा न्यायी होना चाहिए;

और यह देश जो उजड़ा हुआ है अपने अधीन कर लो!”

7उस दिन कहेगा,

“मैं चंगा करनेवाला नहीं हूं.

क्योंकि मेरे घर में न तो भोजन है और न वस्त्र;

ऐसा व्यक्ति प्रजा का शासक नहीं बन सकता.”

8येरूशलेम लड़खड़ाया

और यहूदिया गिर गया है;

क्योंकि उनके वचन और उनके काम याहवेह के विरुद्ध हैं,

जो याहवेह के तेजोमय आंखों के सामने बुराई करनेवाले हो गये.

9उनका मुंह ही उनके विरुद्ध गवाही देता हैं;

और वे सदोम के समान अपने ही पापों को बताते हैं;

वे उन्हें छिपाते नहीं हाय उन पर.

क्योंकि उन्होंने अपना ही नुकसान किया है.

10धर्मियों को यह बताओ कि उनका अच्छा ही होगा,

क्योंकि उन्हें उनके कामों का प्रतिफल मिलेगा.

11हाय है दुष्ट पर!

उनके साथ बुरा ही होगा!

क्योंकि उनके बुरे कामों का फल

उन्हें बुरा ही मिलेगा.

12मेरे लोगों को बच्‍चे दुःख देते हैं,

और स्त्रियां उन पर अधिकार करती हैं.

हे मेरी प्रजा, जो तुम्हारे मार्ग बताते हैं;

वे ही तुम्हें भटकाते हैं तथा वे तुम्हारे रास्ते को भूला देते हैं.

13याहवेह तुम्हें बचाने

और लोगों के न्याय निष्पादन के लिए तैयार हैं.

14याहवेह न्याय के लिए शासन करनेवालों

तथा बूढ़ों के साथ मिल गए हैं:

“तुम ही ने खेत से अंगूर खा लिये;

और गरीबों से लूटा गया सामान अपने घर में रखा.

15क्यों मेरी प्रजा को परेशान

और दुःखी करते हो?”

प्रभु सर्वशक्तिमान याहवेह कहता है!

16याहवेह कहता है, “ज़ियोन की पुत्रियां घमंड करती हैं,

वे सिर ऊंचा कर आंखों को मटकाती,

घुंघरूओं को छमछमाती हुई पायल पहनकर चलती हैं.

17इसलिये प्रभु याहवेह ज़ियोन की पुत्रियों के सिर को गंजा कर देंगे;

और उनके तन को विवस्त्र करेंगे.”

18उस दिन प्रभु उनकी पायल, ललाट पट्टिका, झूमर, 19झुमके, कंगन, झीना मुखावरण, 20सुंदर वस्त्र, भुजबन्द, करधनी, ईत्रदान, कवच, 21अंगूठी, नथ, 22मख़मल के वस्त्र, कुरती, बुन्दियों, ओढ़नी; 23बटूवा, अधोवस्त्र, पगड़ी और ओढ़नी की सुंदरता को हटा देंगे.

24और खुशबू की जगह बदबू;

करधनी के स्थान पर रस्सी;

बालों की जगह गंजापन;

बहुमूल्य वस्त्रों के स्थान पर टाट;

और सुंदरता की जगह बदसूरती होगी.

25तुम्हारे पुरुष तलवार से,

और तुम्हारे योद्धा युद्ध में मारे जाएंगे.

26तुम्हारे फाटक रोएंगे और शोक मनाएंगे;

वह अकेली भूमि पर बैठी रहेगी.

Chinese Contemporary Bible 2022 (Simplified)

以赛亚书 3:1-26

对耶路撒冷和犹大的审判

1看啊,主——万军之耶和华要从耶路撒冷犹大拿去众人倚靠的一切:粮食、水、

2英雄、战士、审判官、先知、

占卜者、长老、

3五十夫长、显贵、谋士、巧匠和巫师。

4主必使少儿做他们的首领,

让孩童治理他们。

5百姓将彼此欺凌,

邻居互相争斗,

少年目无尊长,

卑贱者欺尊犯上。

6那时,人会拉住一位同族的弟兄说:

“你有外衣穿,你做我们的首领吧,

这废墟之地就交给你了!”

7但那人必高声说:

“我救不了你们。

我家中无衣无食,

不要让我做百姓的首领。”

8耶路撒冷崩溃,

犹大败落,

因为他们的言行冒犯耶和华,

蔑视荣耀的主。

9他们的表情显出他们心术不正,

他们跟所多玛人一样对自己的罪恶津津乐道,

毫不隐瞒。

他们必大祸临头,自招灾难。

10要告诉义人:他们必有福乐,

因为他们必吃自己行为结出的果子。

11恶人有祸了!他们必大祸临头,

因恶行而遭报应。

12耶和华说:“我的子民啊!

孩童欺压你们,

妇女管辖你们。

你们的首领领你们入迷途,

带你们走歧路。”

13耶和华准备就绪,

要起来审判祂的子民。

14祂必审问祂子民中的长老和首领,对他们说:

“就是你们毁坏了我的葡萄园,

家里堆着从穷人那里掠夺的东西。

15你们为何压榨我的子民,

碾磨贫穷人的脸?”

这是主——万军之耶和华说的。

16耶和华又说:

锡安的女子狂傲,

昂首走路,卖弄媚眼,

俏步徐行,脚镯叮当。

17所以,我要使她们头上长疮,

前额光秃。”

18到那日,主必拿去她们美丽的脚镯、发饰、项链、 19耳环、手镯、面纱、 20头饰、脚链、彩带、香盒、护身符、 21戒指、鼻环、 22礼服、外袍、披肩、钱包、 23镜子、内衣、头巾和围巾。

24她们的香气被臭味取代,

腰带被绳子取代,

美发被秃头取代,

华服被麻衣取代,

美颜被烙印取代。

25城中的男子将丧身刀下,

勇士将战死沙场。

26锡安的城门必悲伤、哀哭,

锡安必坐在地上,空空荡荡。