यशायाह 22 – Hindi Contemporary Version HCV

Hindi Contemporary Version

यशायाह 22:1-25

येरूशलेम के विषय में नबूवत

1दर्शन की घाटी के विरुद्ध भविष्यवाणी:

क्या हो गया है तुम्हें,

तुम सबके सब छतों पर क्यों चढ़ गए हो,

2हे अधर्मी नगर, तुम जो खुशी मनाते थे,

तुम्हारे लोग जो मारे गए हैं.

वे न तो तलवार से मारे गए,

और न ही उनकी मृत्यु युद्ध में हुई.

3बल्कि वे सब भाग गए;

और धनुष के बिना ही बंदी बना लिए गए.

और भागे हुओं में जिनको पकड़ा गया,

उन्हें बंदी बना लिया गया.

4इसलिये मैं कहता हूं, “अपनी दृष्टि मुझसे हटा लो;

मुझे फूट-फूटकर रोने दो.

मेरी प्रजा की पुत्री के विनाश के विषय में

मुझे तसल्ली देने का प्रयास न करो.”

5क्योंकि सर्वशक्तिमान याहवेह का

दर्शन की घाटी में कोलाहल,

रौंदा जाना, बेचैनी,

प्राचीनों को गिरा देने

और पर्वतों की दोहाई देने का एक दिन निश्चित है.

6एलाम ने घोड़ों पर सवार,

तथा रथों के साथ अपना तरकश साथ रख लिया है;

और कीर ने ढाल खोल ली है.

7तुम्हारी उत्तम घाटियां रथों से भरी थी,

और घोड़े पर सवार द्वार पर खड़े हैं.

8प्रभु ने यहूदाह की सुरक्षा को हटा दिया,

उस समय तुम वन के

भवन के शस्त्रों पर निर्भर थे.

9तुमने देखा कि दावीद के

नगर में दरारें बहुत थी;

तुमने निचले हिस्से से ही

पानी जमा किया.

10तुमने येरूशलेम के भवनों की गिनती की

और नगर को दृढ़ करने के लिए तुमने कई घरों को गिरा दिया.

11पुराने तालाब के पानी के लिए

दो दीवारों के बीच तुमने एक जलाशय बनाया,

किंतु जिसने यह काम पूरा किया,

और जिसने इसकी योजना प्राचीन काल में बनाई थी उसे भुला दिया.

12उस दिन याहवेह ने तुम्हें रोने, सिर मुंडवाने,

टाट ओढ़ने के लिए कहा.

13यह सब होने पर भी वहां आनंद मनाया जा रहा है,

पशुओं का वध और भेड़ों का संहार,

मांस और दाखमधु पीकर कहा जा रहा है कि!

“आओ हम खाएं-पिएं,

क्योंकि कल तो हमारी मृत्यु होनी ही है!”

14किंतु सर्वशक्तिमान याहवेह ने मुझसे कहा: “यह अपराध तब तक क्षमा नहीं किया जाएगा जब तक तुम्हारी मृत्यु न हो जाए,” प्रभु सर्वशक्तिमान याहवेह ने कहा!

15फिर प्रभु सर्वशक्तिमान याहवेह ने कहा:

“शेबना के उस भंडारी के पास जाओ,

जो उस राजपरिवार का चौकीदार है.

16तुम्हारा यहां क्या काम है

और कौन है तुम्हारा यहां,

जो तुमने अपने लिए एक कब्र बना ली है,

और अपने लिए चट्टान में एक घर बना लिया है?

17“हे पराक्रमी मनुष्य, सुनो, याहवेह तुम्हें पकड़कर

दूर फेंक देंगे.

18तुम्हें गेंद के समान लुढ़का देंगे

तुम जो अपने स्वामी के लिए लज्जा का कारण हो.

वहां तुम्हारी मृत्यु हो जाएगी

और तुम्हारे भव्य रथ वहीं रह जायेंगे.

19मैं तुम्हें तुम्हारे ऊंचे पद से

हटा दूंगा और.

20“हिलकियाह के पुत्र एलियाकिम को तुम्हारा पद दूंगा. 21मैं तुम्हारा वस्त्र उसे पहनाऊंगा और तुम्हारे वस्त्र का कटिबंध उस पर बांध दूंगा, मैं तुम्हारा अधिकार उसे दे दूंगा. वह यहूदाह और येरूशलेम के निवासियों का पिता होगा. 22मैं दावीद वंश का पूरा अधिकार उसे दूंगा. उसके पास उसके पद की कुंजी होगी; वह जो पायेगा उसे कोई बंद नहीं करेगा, और वह जो बंद कर देगा उसे कोई न खोलेगा. 23मैं उसे सुरक्षित स्थान में स्थिर कर दूंगा; और वह अपने पिता के वंश के लिए एक वैभव का सिंहासन होगा. 24उस पर उसके पिता के वंश का वैभव, संतान, छोटे पात्र, कटोरे तथा सुराहियों को लटका देंगे.

25“सर्वशक्तिमान याहवेह ने कहा, जो खूंटी सुरक्षित स्थान में स्थिर की गई थी वह उखड़ जाएगी; यहां तक की वह टूटकर बिखर जाएगी, और इस पर लटका बोझ हटा दिया जाएगा,” याहवेह की वाणी है!