यशायाह 16 – Hindi Contemporary Version HCV

Hindi Contemporary Version

यशायाह 16:1-14

1सेला नगर से

ज़ियोन की बेटी के पर्वत पर,

बंजर भूमि से हाकिम के लिए,

एक मेमना तैयार करो.

2आरनोन के घाट पर

मोआब की बेटियां ऐसी हो गईं,

जैसे घोंसले से पक्षियों के बच्चों को

उड़ा दिया गया हो.

3“हमें समझाओ,

हमारा न्याय करो, और दिन में हमें छाया दो.

घर से निकाले हुओं को सुरक्षा दो,

भागे हुओं को मत पकड़वाओ.

4मोआब के घर से निकाले हुओं को अपने बीच में रहने दो;

विनाश करनेवालों से मोआब को बचाओ.”

क्योंकि दुःख का अंत हो चुका है,

और कष्ट समाप्‍त हो चुका है;

और जो पैरों से कुचलता था वह नाश हो चुका है.

5तब दया के साथ एक सिंहासन बनाया जाएगा;

और दावीद के तंबू में

एक व्यक्ति सच्चाई के साथ विराजमान होगा—

यह वह व्यक्ति है जो न्याय से निर्णय करेगा

और सच्चाई से काम करने में देरी न करेगा.

6हमने मोआब के अहंकार—

उसके अभिमान,

गर्व और क्रोध के बारे में सुना है;

वह सब झूठा था.

7इसलिये मोआब को

मोआब के लिए रोने दो.

और कीर-हेरासेथ नगर की दाख की टिकियों के

लिए दुःखी होगा.

8हेशबोन के खेत तथा सिबमाह के दाख की बारी सूख गई हैं;

देशों के शासकों ने अच्छी फसल को नुकसान कर दिया.

9इसलिये मैं याज़र के लिए रोऊंगा,

और सिबमाह के दाख की बारी के लिए दुःखी होऊंगा.

हेशबोन तथा एलिआलेह,

मैं तुम्हें अपने आंसुओं से भिगो दूंगा!

क्योंकि तुम्हारे फल और तुम्हारी उपज की

खुशी समाप्‍त हो गई है.

10फलदायी बारी से आनंद और उनकी खुशी छीन ली गई है;

दाख की बारी में से भी कोई खुशी से गीत नहीं गाएगा;

कोई व्यापारी दाखरस नहीं निकाल रहा है,

क्योंकि मैंने सब की खुशी खत्म कर दी है.

11मेरा मन मोआब के लिए

और ह्रदय कीर-हेरासेथ के लिए वीणा के समान आवाज करता है.

12जब मोआब ऊंचाई पर जाकर थक

जाए और प्रार्थना करने के लिए

पवित्र स्थान में जाता है,

उससे उनको कोई फायदा नहीं होगा.

13यह मोआब के लिये पहले कहा हुआ याहवेह का वचन है. 14परंतु अब याहवेह ने यों कहा: “मजदूरों की तीन वर्षों की गिनती के अनुसार, मोआब का वैभव तिरस्कार में तुच्छ जाना जाएगा और उसके बचे हुए अत्यंत कम और कमजोर होंगे.”