यशायाह 15 – Hindi Contemporary Version HCV

Hindi Contemporary Version

यशायाह 15:1-9

मोआब के विरोध में भविष्यवाणी

1एक ही रात में मोआब का:

आर नगर उजाड़ दिया गया,

और उसी रात में मोआब के,

कीर नगर को नाश कर दिया गया!

2दीबोन रोने के लिए अपने मंदिर में, हां उसकी ऊंची जगह में चढ़ गए;

और मोआब के लोग नेबो और मेदेबा नगरों के लिये दुःखी होकर चिल्ला रहे हैं.

वे दुःखी होकर अपने सिर

और दाढ़ी मुंडवा रहे हैं.

3और सड़कों में वे टाट ओढ़े हुए हैं;

और अपने घरों की छतों और मैदानों में

वे रो-रोकर,

आंसू बहा रहे हैं.

4हेशबोन तथा एलिआलेह नगर चिल्ला रहे हैं,

और उनकी चिल्लाहट याहज़ नगर तक सुनाई दे रही है.

इसलिये मोआब के सैनिक चिल्ला रहे हैं,

और मोआब कांप उठा है.

5मेरा हृदय मोआब के लिए दुःखी है;

मोआब के लोग ज़ोअर,

तथा एगलथ शलिशियाह के नगर में चले गए हैं.

वे लूहीत की चढ़ाई,

रोते हुए चढ़ रहे हैं;

होरोनयिम की सड़क पर

इस नाश के कारण रो रहे हैं.

6निमरीम नदी सूख गयी है,

घास मुरझा गई है;

हरियाली नहीं बची है.

7इस कारण जो धन उन्होंने अपने लिये बचाया था

वे उसे अराबीम नाले के उस पार ले जा रहे हैं.

8मोआब के देश में सब की चिल्लाहट सुनाई दे रही है;

इसके रोने की आवाज एगलयिम,

तथा बेर-एलीमा नगरों तक पहुंच गयी है.

9क्योंकि दीमोन के सोते खून से भरे हैं,

फिर भी मैं दीमोन पर और अधिक विपत्ति डालूंगा—

भागे हुए मोआबी लोग

तथा उस देश के बचे हुए लोगों के विरुद्ध मैं एक सिंह भेजूंगा.