मीकाह 5 – Hindi Contemporary Version HCV

Hindi Contemporary Version

मीकाह 5:1-15

बैथलेहम से एक प्रतिज्ञा किया हुआ शासक

1हे सैन्य-दलों के शहर, अपने सैनिकों को क़तार में कर लो,

क्योंकि हमारे विरुद्ध एक घेरा डाला गया है.

वे इस्राएल के शासक के गाल पर

लाठी से प्रहार करेंगे.

2“पर तुम, हे एफ़राथा के बेथलेहेम,

यद्यपि तुम यहूदिया के वंशजों में छोटे हो,

तुमसे ही मेरे लिए एक व्यक्ति का आगमन होगा

जो इस्राएल के ऊपर शासक होगा,

जिसका उद्गम पुराने समय से,

प्राचीन काल से है.”

3इसलिये इस्राएल को उस समय तक त्याग दिया जाएगा,

जब तक वह जो प्रसव पीड़ा में है, एक बालक को जन्म नहीं दे देती,

और उसके बाकी भाई

इस्राएलियों से मिल जाने के लिये लौट नहीं जाते.

4वह याहवेह के बल से,

याहवेह अपने परमेश्वर के नाम के प्रताप से

उठ खड़ा होगा और अपने झुंड की देखरेख करेगा.

और वे सुरक्षित रहेंगे, क्योंकि तब

पृथ्वी की छोर तक लोग उसकी महानता को जानेंगे.

5और वह हमारी शांति होगा

जब अश्शूरवासी हमारे देश पर आक्रमण करेंगे

और हमारे गढ़ों में प्रवेश करेंगे.

हम उनके विरुद्ध सात चरवाहे,

वरन आठ सेनापति खड़े कर देंगे,

6जो अश्शूर देश पर,

निमरोद के देश पर तलवार से शासन करेंगे.

वह हमें अश्शूरवासियों से छुड़ाएगा

जब वे हमारे देश पर आक्रमण करेंगे

और हमारी सीमाओं को पार करेंगे.

7याकोब का बचा भाग

बहुत से लोगों के बीच होगा.

वह याहवेह द्वारा भेजे ओस,

घांस पर पड़नेवाली वर्षा के समान होगा,

जो किसी का इंतजार नहीं करता

और न ही किसी मनुष्य पर निर्भर रहता है.

8याकोब का बचा भाग जातियों के बीच

और लोगों के बीच ऐसा होगा,

जैसा एक सिंह जंगली जानवरों के बीच होता है,

और एक जवान सिंह जो भेड़ों के झुंड के बीच होता है,

और वह उनके मध्य से जाते हुए उन पर झपटता है और उनको फाड़ डालता है,

और कोई उन्हें बचा नहीं सकता.

9तुम्हारा हाथ अपने शत्रुओं के ऊपर विजय उल्लास में ऊंचा उठेगा,

और तुम्हारे सब शत्रु नाश किए जाएंगे.

10याहवेह की घोषणा यह है,

“उस दिन मैं तुम्हारे घोड़ों को तुम्हारे बीच नाश कर दूंगा

और तुम्हारे रथों को भी नष्ट कर दूंगा.

11मैं तुम्हारे देश के शहरों को नष्ट कर दूंगा

और तुम्हारे गढ़ों को ध्वस्त कर दूंगा.

12मैं तुम्हारे बीच जादू-टोने को समाप्‍त कर दूंगा

और तुम फिर कभी ज्योतिष की बात न कर सकोगे.

13मैं तुम्हारे मूर्तियों

और तुम्हारे बीच तुम्हारे पवित्र पत्थरों को नाश कर दूंगा;

तुम फिर कभी अपने हाथ से बनाये चीज़ों की

आराधना नहीं करोगे.

14जब मैं तुम्हारे शहरों का विनाश करूंगा

तो मैं तुम्हारे बीच से तुम्हारे अशेरा-स्तम्भों को उखाड़ फेंकूंगा.

15मैं गुस्सा और क्रोध में उन जनताओं से बदला लूंगा

जिन्होंने मेरी बात नहीं मानी है.”