मीकाह 4 – Hindi Contemporary Version HCV

Hindi Contemporary Version

मीकाह 4:1-13

याहवेह का पर्वत

1कि अंत के दिनों

में वह पर्वत और पहाड़

जिस पर याहवेह का भवन है;

उसे दृढ़ और ऊंचा किया जायेगा,

और सब जाति के लोग बहती हुई नदी के समान उस ओर आएंगे.

2और जाति के लोग कहेंगे,

“आओ, हम याहवेह के पर्वत,

याकोब के परमेश्वर के भवन को चलें.

कि वह हमें अपने नियम सिखाएं,

और हम उनके मार्गों पर चलें.”

क्योंकि ज़ियोन से व्यवस्था निकलेगी,

और येरूशलेम से याहवेह का वचन आएगा.

3परमेश्वर जनताओं के बीच न्याय करेंगे

और लोगों की परेशानियां दूर करेंगे.

तब वे अपनी तलवारों को पीट-पीटकर हल के फाल

तथा अपने भालों को हंसिया बना लेंगे.

एक देश दूसरे के विरुद्ध तलवार नहीं उठायेगा,

तथा उन्हें फिर कभी लड़ने के लिए तैयार नहीं किया जाएगा.

4हर एक जन अपनी ही अंगूर की लता

और अपने ही अंजीर के वृक्ष के नीचे बैठेगा,

और उन्हें कोई नहीं डराएगा,

क्योंकि सर्वशक्तिमान याहवेह ने कहा है.

5सब जातियां अपने-अपने

देवताओं का नाम लेकर चलें तो चलें,

पर हम सदा-सर्वदा याहवेह

अपने परमेश्वर का नाम लेकर चलेंगे.

याहवेह की योजना

6“उस दिन,” यह याहवेह की घोषणा है,

“मैं लंगड़ों को इकट्ठा करूंगा;

मैं बंधुवा लोगों को

और उन लोगों को भी इकट्ठा करूंगा जिन्हें मैंने दुःख दिया है.

7मैं लंगड़ों को अपना बचा हुआ भाग,

और भगाये हुओं को एक मजबूत जाति बनाऊंगा.

तब उस समय से लेकर सदा-सर्वदा तक

याहवेह ज़ियोन पर्वत से उन पर शासन करते रहेंगे.

8जहां तक तुम्हारा सवाल है, हे झुंड की चौकसी के मचान,

हे ज़ियोन की पुत्री के सुरक्षा गढ़,

तुम्हें तुम्हारे पहले का राज्य दे दिया जाएगा;

येरूशलेम की पुत्री को राजपद दिया जाएगा.”

9तुम उच्च स्वर में क्यों चिल्ला रही हो,

क्या तुम्हारा कोई राजा नहीं है?

क्या तुम्हारा शासन करनेवाला नाश हो गया है,

कि तुम जच्चा स्त्री के समान दर्द से छटपटा रही हो?

10हे ज़ियोन की बेटी, जच्चा स्त्री की तरह

दर्द से छटपटाओ,

क्योंकि अब तुम्हें शहर छोड़कर

खुले मैदान में डेरा डालना ज़रूरी है.

तुम बाबेल जाओगी;

और तुम बचाई जाओगी.

वहां याहवेह तुम्हें

तुम्हारे शत्रुओं के हाथ से छुड़ाएंगे.

11पर अब तो तुम्हारे विरुद्ध में

बहुत से राष्ट्र इकट्‍ठे हुए हैं.

वे कहते हैं, “उसे अशुद्ध होने दो,

ज़ियोन की दुर्गति हमारे आनंद का विषय हो!”

12पर वे याहवेह के विचारों को

नहीं जानते हैं;

वे उसकी उस योजना को नहीं समझते,

कि उसने उन्हें पूलियों के समान खलिहान में इकट्ठा किया है.

13“हे ज़ियोन की बेटी, उठ और दांवनी कर,

क्योंकि मैं तुम्हें लोहे के सींग दूंगा;

मैं तुम्हें पीतल के खुर दूंगा,

और तुम बहुत सी जातियों को टुकड़े-टुकड़े कर दोगी.”

तुम उनकी लूटी गई चीज़ें याहवेह को,

और उनकी संपत्ति सारे पृथ्वी के प्रभु को अर्पित करोगी.