मत्तियाह 16 – HCV & CCBT

Hindi Contemporary Version

मत्तियाह 16:1-28

फ़रीसियों द्वारा अद्भुत चिह्न की मांग

1तब फ़रीसी और सदूकी येशु के पास आए और उनको परखने के लिए उन्हें स्वर्ग से कोई अद्भुत चिह्न दिखाने को कहा.

2येशु ने उनसे कहा,16:2 कुछ प्राचीनतम पाण्डुलिपियों मूल हस्तलेखों में पद 2 का शेष तथा सारे पद 3 नहीं पाया जाता. “सायंकाल होने पर तुम कहते हो कि मौसम अनुकूल रहेगा क्योंकि आकाश में लालिमा है. 3इसी प्रकार प्रातःकाल तुम कहते हो कि आज आंधी आएगी क्योंकि आकाश धूमिल है और आकाश में लालिमा है. तुम आकाश के स्वरूप को तो पहचान लेते हो किंतु वर्तमान समय के चिह्नों को नहीं! 4व्यभिचारी और परमेश्वर के प्रति निष्ठाहीन पीढ़ी चिह्न खोजती है किंतु इसे योनाह के चिह्न के अतिरिक्त और कोई चिह्न नहीं दिया जाएगा.” और येशु उन्हें वहीं छोड़कर चले गए.

गलत शिक्षा के प्रति चेतावनी

5झील की दूसरी ओर पहुंचने पर शिष्यों ने पाया कि वे अपने साथ भोजन रखना भूल गए थे. 6उसी समय येशु ने उन्हें चेतावनी देते हुए कहा, “फ़रीसियों और सदूकियों के खमीर से सावधान रहना.”

7इस पर शिष्य आपस में विचार-विमर्श करने लगे, “क्या प्रभु ने यह इसलिये कहा है कि हम भोजन साथ लाना भूल गए?”

8येशु उनकी स्थिति से अवगत थे, इसलिये उन्होंने शिष्यों से कहा, “अरे अल्पविश्वासियो! क्यों इस विवाद में उलझे हुए हो कि तुम्हारे पास भोजन नहीं है? 9क्या तुम्हें अब भी समझ नहीं आया? क्या तुम्हें पांच हज़ार के लिए पांच रोटियां याद नहीं? तुमने वहां शेष रोटियों से भरे कितने टोकरे उठाए थे? 10या चार हज़ार के लिए वे सात रोटियां, तुमने वहां शेष रोटियों से भरे कितने टोकरे उठाए थे? 11भला कैसे यह तुम्हारी समझ से परे है कि यहां मैंने भोजन का वर्णन नहीं किया है? परंतु यह कि मैंने तुम्हें फ़रीसियों और सदूकियों के खमीर से सावधान किया है.” 12तब उन्हें यह विषय समझ में आया कि येशु रोटी के खमीर का नहीं परंतु फ़रीसियों और सदूकियों की गलत शिक्षा का वर्णन कर रहे थे.

पेतरॉस की विश्वास-स्वीकृति

13जब येशु कयसरिया फ़िलिप्पी क्षेत्र में पहुंचे, उन्होंने अपने शिष्यों के सामने यह प्रश्न रखा: “लोगों के मत में मनुष्य के पुत्र कौन है?”

14शिष्यों ने उत्तर दिया, “कुछ के मतानुसार बपतिस्मा देनेवाला योहन, कुछ अन्य के अनुसार एलियाह और कुछ के अनुसार येरेमियाह या भविष्यद्वक्ताओं में से कोई एक.”

15तब येशु ने उनसे प्रश्न किया, “किंतु तुम्हारे मत में मैं कौन हूं?”

16शिमओन पेतरॉस ने उत्तर दिया, “आप ही मसीह हैं—जीवित परमेश्वर के पुत्र.”

17इस पर येशु ने उनसे कहा, “योनाह के पुत्र शिमओन, धन्य हो तुम! तुम पर इस सच का प्रकाशन कोई मनुष्य का काम नहीं परंतु मेरे पिता का है, जो स्वर्ग में हैं. 18मैं तुम पर एक और सच प्रकट कर रहा हूं: तुम पेतरॉस16:18 पेतरॉस यूनानी (ग्रीक) भाषा में इस शब्द का अर्थ है पत्थर हो. अपनी कलीसिया का निर्माण मैं इसी पत्थर पर करूंगा. अधोलोक के फ़ाटक इस पर अधिकार न कर सकेंगे. 19तुम्हें मैं स्वर्ग-राज्य की कुंजियां सौंपूंगा. जो कुछ पृथ्वी पर तुम्हारे द्वारा इकट्ठा किया जाएगा, वह स्वर्ग में भी इकट्ठा होगा और जो कुछ तुम्हारे द्वारा पृथ्वी पर खुलेगा, वह स्वर्ग में भी खुलेगा.” 20इसके बाद येशु ने शिष्यों को सावधान किया कि वे किसी पर भी यह प्रकट न करें कि वही मसीह हैं.

दुःख-भोग और क्रूस की मृत्यु की पहली भविष्यवाणी

21इस समय से येशु ने शिष्यों पर यह स्पष्ट करना प्रारंभ कर दिया कि उनका येरूशलेम नगर जाना, पुरनियों, प्रधान पुरोहितों और शास्त्रियों द्वारा उन्हें यातना दिया जाना, मार डाला जाना तथा तीसरे दिन मरे हुओं में से जीवित किया जाना अवश्य है.

22यह सुन पेतरॉस येशु को अलग ले गए और उन्हें झिड़की देते हुए कहने लगे, “परमेश्वर ऐसा न करें, प्रभु! आपके साथ ऐसा कभी न होगा.”

23किंतु येशु पेतरॉस से उन्मुख हो बोले, “दूर हो जा मेरी दृष्टि से, शैतान! तू मेरे लिए बाधा है! तेरा मन परमेश्वर संबंधित विषयों में नहीं परंतु मनुष्य संबंधी विषयों में है.”

24इसके बाद येशु ने अपने शिष्यों से कहा, “जो कोई मेरे पीछे आना चाहे, वह अपना स्वयं (अहम भाव) को त्याग कर अपना क्रूस उठाए और मेरे पीछे हो ले. 25जो कोई अपने जीवन को बचाना चाहता है, वह उसे गंवा देगा तथा जो कोई मेरे लिए अपने प्राणों की हानि उठाता है, उसे सुरक्षित पाएगा. 26भला इसका क्या लाभ कि कोई व्यक्ति पूरा संसार तो प्राप्‍त करे किंतु अपना प्राण खो दे? या किस वस्तु से मनुष्य अपने प्राण का अदला-बदली कर सकता है? 27मनुष्य का पुत्र अपने पिता की महिमा में अपने स्वर्गदूतों के साथ आएगा, तब वह हर एक मनुष्य को उसके कामों के अनुसार प्रतिफल देगा.

28“सच तो यह है कि यहां कुछ हैं, जो मृत्यु का स्वाद तब तक नहीं चखेंगे, जब तक वे मनुष्य के पुत्र का उसके राज्य में प्रवेश न देख लें.”

Chinese Contemporary Bible 2023 (Traditional)

馬太福音 16:1-28

求神蹟

1有幾個法利賽人和撒都該人來試探耶穌,要求祂顯個天上的神蹟給他們看。

2耶穌回答說:「傍晚的時候,你們說,『天上有紅霞,明天必晴朗。』 3早晨的時候,你們說,『天色又紅又暗,今天必有風雨。』你們懂得分辨天色,卻不能分辨時代的徵兆。 4一個邪惡淫亂的世代想看神蹟,但除了約拿的神蹟以外,再沒有神蹟給他們看。」於是耶穌離開他們走了。

防備法利賽人和撒都該人的酵

5門徒渡到湖對岸,忘記帶餅了。 6耶穌對他們說:「你們要小心提防法利賽人和撒都該人的酵。」

7門徒彼此議論說:「這是因為我們沒有帶餅吧。」

8耶穌知道他們的心思,就說:「你們的信心太小了!為什麼議論沒有帶餅的事呢? 9你們還不明白嗎?你們不記得那五個餅讓五千人吃飽,又裝滿多少籃子嗎? 10也不記得那七個餅給四千人吃飽,又裝滿多少筐子嗎? 11我並非和你們談論餅,你們怎麼不明白呢?你們要提防法利賽人和撒都該人的酵。」

12門徒這才恍然大悟,知道耶穌不是叫他們當心什麼麵酵,而是要提防法利賽人和撒都該人的教導。

彼得宣告耶穌是基督

13到了凱撒利亞·腓立比境內,耶穌問門徒:「人們說人子是誰?」

14門徒回答說:「有人說是施洗者約翰,有人說是以利亞,還有人說是耶利米或其他某位先知。」

15耶穌問:「那麼,你們說我是誰?」

16西門·彼得回答說:「你是基督,是永活上帝的兒子!」

17耶穌對他說:「約拿的兒子西門啊,你是有福的!因為這件事不是屬血肉的人告訴你的,而是我天上的父啟示你的。 18我告訴你,你是彼得16·18 「彼得」希臘文是「磐石」的意思。,我要在這磐石上建立我的教會,陰間的勢力16·18 「勢力」希臘文是「門」。不能勝過它。 19我要把天國的鑰匙交給你。凡你在地上捆綁的,在天上也要捆綁;凡你在地上釋放的,在天上也要釋放。」

20當下,耶穌叮囑門徒不可告訴別人祂就是基督。

耶穌預言自己的受害和復活

21從此以後,耶穌開始清楚地指示門徒,祂必須去耶路撒冷,受長老、祭司長和律法教師許多的迫害,並且被殺害,但第三天必復活。 22彼得把耶穌拉到一邊,勸阻祂說:「主啊,千萬不可!這件事絕不會發生在你身上!」

23耶穌轉過身來對彼得說:「撒旦,退到我後面去!你是我的絆腳石,因為你不考慮上帝的意思,只考慮人的意思。」

24於是耶穌對門徒說:「人若想跟從我,就當捨己,背起他的十字架跟從我。 25因為想救自己生命的,必失去生命;但為了我失去生命的,必得到生命。 26人就算賺得全世界,卻喪失自己的生命,又有什麼益處呢?人還能拿什麼換回自己的生命呢?

27「因為人子要在祂父的榮耀中與眾天使一起降臨,那時,祂將按照各人的行為報應各人。 28我實在告訴你們,有些站在這裡的人會在有生之年看見人子降臨在祂的國度裡。」