प्रशासक 9 – HCV & CCB

Hindi Contemporary Version

प्रशासक 9:1-57

अबीमेलेक का षड़यंत्र

1यरूबाल का पुत्र अबीमेलेक अपने मामाओं से भेंटकरने शेकेम गया. वहां उसने अपने नाना के सारे घराने को इकट्ठा कर उनसे कहा, 2“शेकेम के सारे अगुओं के सामने आप मुझे बताइए, ‘क्या बेहतर है, यरूबाल के सत्तर पुत्र आप पर शासन करें या सिर्फ एक व्यक्ति?’ आप लोग यह न भूलें कि मैं आपकी ही हड्डी और आपका ही मांस हूं.”

3उसकी माता के भाइयों ने उसकी यह बात शेकेम के अगुओं के सामने दोहरा दी. वे अबीमेलेक का अनुसरण करने के लिए तैयार हो गए. उनका विचार था, “वह हमारा ही संबंधी है.” 4उन्होंने उसे बाल-बेरिथ के मंदिर में से चांदी के सत्तर सिक्‍के दे दीं, जिनसे अबीमेलेक ने नीच और लुच्चे लोगों को अपने पीछे होने के उद्देश्य से भाड़े पर ले लिया. 5फिर वह ओफ़राह में अपने पिता के घर पर गया और वहां अपने भाइयों को—यरूबाल के सत्तर पुत्रों को—एक ही चट्टान पर ले जाकर मार दिया, किंतु यरूबाल का छोटा पुत्र योथाम बचा रह गया, क्योंकि वह छिप गया था. 6सभी शेकेमवासी एवं सभी बेथ-मिल्लोवासी इकट्‍ठे हो गए तथा उन्होंने शेकेम में खंभे के बांज वृक्ष के पास अबीमेलेक का राजाभिषेक कर दिया.

7जब योथाम को इसकी सूचना दी गई, वह गेरिज़िम पर्वत शिखर पर जा खड़ा हुआ. वहां से उसने ऊंची आवाज में कहा, “सुनो, शेकेम के शासको, कि परमेश्वर भी तुम्हारी सुनें. 8वृक्षों ने अपने लिए राजा चुनने की योजना बनाई. उन्होंने जैतून वृक्ष से कहा, ‘हम पर शासन करो!’

9“जैतून वृक्ष ने उत्तर में कहा, ‘क्या मैं अपना वह अमूल्य तेल बनाना रोक दूं; जिसके द्वारा देवता तथा मनुष्य सम्मानित किए जाते हैं; और अन्य वृक्षों के ऊपर जाकर लहराता रहूं?’

10“वृक्षों ने अंजीर वृक्ष से विनती की, ‘आइए, हम पर शासन कीजिए!’

11“मगर अंजीर वृक्ष ने उन्हें उत्तर दिया, ‘क्या मैं अपनी मिठास और अच्छे फल उगाना छोड़ दूं और अन्य पेड़ों के ऊपर जाकर लहराता रहूं?’

12“तब वृक्षों ने अंगूर की बेल से विनती की, ‘आइए, हम पर शासन कीजिए!’

13“किंतु अंगूर की बेल ने उत्तर में कहा, ‘क्या मैं अपना दाखमधु बनाना छोड़ दूं, जो देवताओं और मनुष्यों को आनंदित कर देती है और अन्य पेड़ों के ऊपर जाकर लहराती रहूं?’

14“अंत में सभी वृक्षों ने झड़बेरी से कहा, ‘आइए, हम पर शासन कीजिए!’

15“झड़बेरी ने वृक्षों से उत्तर में कहा, ‘यदि आप लोग सच में मेरा राजाभिषेक करना चाह रहे हैं, तो आकर मेरी छाया में आसरा ले लीजिए; और अगर नहीं, तो झड़बेरी से आग निकलें और लबानोन के देवदार के पेड़ भस्म हो जाएं.’

16“क्या, आप लोगों ने सच्चे मन से अबीमेलेक को राजा बनाया है, तथा ऐसा करने के द्वारा आप लोगों ने यरूबाल एवं उसके परिवार का भला किया है? क्या आपने वही किया है जिसके लिए वह योग्य था? 17तुम्हारी भलाई के लिए मेरे पिता ने युद्ध किया, अपने प्राण खतरे में डाले तथा आप लोगों को मिदियानियों की अधीनता से छुड़ाया; 18किंतु आज आप लोगों ने मेरे पिता के परिवार के विरुद्ध विद्रोह कर दिया है, आपने उस एक ही चट्टान पर उनके सत्तर पुत्रों का वध कर दिया और आपने उनकी सेविका के पुत्र अबीमेलेक को शेकेम पर राजा बना दिया है, केवल इसलिये कि वह आपका संबंधी है! 19यदि आप लोगों ने आज यरूबाल तथा उनके परिवार के साथ निष्कपट भाव से, सच्चाई में व्यवहार किया है, तो अबीमेलेक में ही आपका आनंद हो तथा वह भी आप में ही प्रसन्‍न रहे. 20किंतु यदि नहीं, तो अबीमेलेक द्वारा आग भेजी जाए और शेकेम तथा बेथ-मिल्लो के लोग इसमें भस्म हो जाएं, और शेकेम तथा बेथ-मिल्लो के अगुओं की ओर से आग निकलकर अबीमेलेक को भस्म कर दे.”

21यह कहकर योथाम वहां से भाग निकला. वहां से वह बएर जा पहुंचा और अपने भाई अबीमेलेक के डर से वहीं रहने लगा.

22अबीमेलेक इस्राएल पर तीन साल तक शासन करता रहा. 23तब परमेश्वर ने अबीमेलेक तथा शेकेमवासियों के बीच एक बुरी आत्मा भेज दी. परिणामस्वरूप शेकेमवासियों ने अबीमेलेक से विश्वासघात किया, 24इसलिये कि यरूबाल के सत्तर पुत्रों से की गई हिंसा का बदला लिया जा सके, और उनके खून का दोष उनके भाई अबीमेलेक पर लगाया जा सके, जिसने उनकी हत्या की थी तथा शेकेम के व्यक्तियों पर भी, जिन्होंने उसे अपने भाइयों की हत्या के लिए उकसाया था. 25उसके लिए शेकेम के लोगों ने पहाड़ों की चोटियों पर अपने लोगों को घात में लगा दिए, जो वहां से निकलते हुए यात्रियों को लूट करते थे. इसकी सूचना अबीमेलेक को दे दी गई.

26एबेद का पुत्र गाअल अपने संबंधियों के साथ शेकेम गया. वह शेकेमवासियों का विश्वासपात्र बन गया. 27उन्होंने अपने अंगूर के बगीचों में जाकर अंगूर इकट्‍ठे किए, अंगूर रौन्दे और अपने देवता के मंदिर में उत्सव मनाया. वहां उन्होंने भोजन किया, पेय पान किया और फिर अबीमेलेक को शाप भी दिया. 28तब एबेद के पुत्र गाअल ने कहा, “कौन होता है अबीमेलेक, और कौन होता है शेकेम, कि हम इनकी सेवा करें? क्या वह यरूबाल का पुत्र नहीं, क्या ज़बुल उसका सहायक नहीं? हां, शेकेम के पिता हामोर के साथियों की सेवा अवश्य करो, किंतु हम भला अबीमेलेक की सेवा क्यों करें? 29अच्छा होता कि ये लोग मेरे अधिकार में होते! तब मैं अबीमेलेक को ही हटा देता. तब उसने अबीमेलेक से कहा, ‘अपनी सेना को बढ़ाकर मुझसे युद्ध के लिए आ जाओ.’ ”

30जब नगर अध्यक्ष ज़बुल ने एबेद के पुत्र गाअल का यह बातें सुनी वह क्रोध से भड़क गया. 31उसने तोरमाह नगर को अबीमेलेक के पास अपने दूत भेजे. संदेश यह था: “देखिए, एबेद का पुत्र गाअल तथा उसके संबंधी शेकेम आ गए हैं. यहां वे नगर को आपके विरुद्ध उकसा रहे हैं. 32इस कारण अब आप अपनी सेना को लेकर रात में मैदान में घात लगा दीजिए. 33सूरज उगते ही आप नगर पर टूट पड़िए. जब गाअल अपनी सेना के साथ आप पर हमला करेगा, आप उसके साथ वही कीजिए, जो आपको सही लगे.”

34अबीमेलेक तथा उसके साथ के सारे सैनिक रात में चार दल बनाकर शेकेम के लिए घात लगाकर छिप गए. 35एबेद का पुत्र गाअल जाकर नगर द्वार पर खड़ा हो गया. अबीमेलेक तथा उसके सैनिक घात से बाहर आए.

36यह देखकर गाअल ने ज़बुल से कहा, “देखो, लोग पहाड़ की चोटियों से नीचे आ रहे हैं!”

किंतु ज़बुल ने उसे उत्तर दिया, “आपको तो पर्वतों की छाया ही सेना जैसी दिखाई दे रही है.”

37गाअल ने दोबारा बताया, “देश के बीचों-बीच से लोग नीचे आ रहे हैं, तथा शकुन शास्त्रियों का एक दल बांज वृक्ष के मार्ग से आ रहा है.”

38इसे सुन ज़बुल ने उससे कहा, “क्या हुआ आपकी उन डींगों का, जब आप कह रहे थे, ‘कौन है अबीमेलेक, कि हम उसकी सेवा करें?’ क्या ये वे ही लोग नहीं जिनसे आप घृणा करते रहे? अब जाइए और कीजिए उनसे युद्ध!”

39गाअल गया और शेकेम के पुरुषों की अगुवाई करके अबीमेलेक से युद्ध किया. 40अबीमेलेक ने गाअल को खदेड़ दिया, और गाअल तथा सैनिक भागने लगे. नगर द्वार के सामने अनेक सैनिक जो भाग रहे थे, वे घायल होकर मर गये. 41अबीमेलेक अरूमाह में ही ठहरा रहा, किंतु ज़बुल ने गाअल तथा उसके संबंधियों को भगा दिया कि वे शेकेम में न रह सकें.

42दूसरे दिन शेकेम के नागरिक मैदान में निकल आए. इसकी सूचना अबीमेलेक को दे दी गई. 43तब उसने अपनी सेना को तीन भागों में बांट दिया और वे घात लगाकर बैठ गए. जब उसने देखा कि लोग नगर से बाहर आ रहे हैं, उसने उन पर आक्रमण कर उनको मार दिया. 44फिर अबीमेलेक तथा उसके सैनिक दौड़कर नगर फाटक पर जा पहुंचे. दूसरे दो दल दौड़-दौड़ कर उनको मारते चले गए, जो नगर से बाहर आ गए थे. 45अबीमेलेक दिन भर शेकेम से युद्ध करता रहा. उसने शेकेम पर अधिकार कर लिया, और सभी नगरवासियों को मार दिया. उसने नगर को पूरी तरह से गिराकर नगर क्षेत्र में नमक बिखेर दिया.

46जब शेकेम के मीनार पर रहनेवाले सभी अधिकारियों ने यह सब सुना, वे एल-बरिथ मंदिर के भीतरी कमरे में इकट्‍ठे हो गए. 47अतः अबीमेलेक अपनी सेना के साथ ज़लमोन पर्वत पर चला गया. 48वहां अबीमेलेक ने कुल्हाड़ी लेकर वृक्ष की एक शाखा काटी, उसे अपने कंधे पर उठा लिया और अपने साथ के सैनिकों को आदेश दिया, “जैसा तुमने मुझे करते देखा है, तुम भी वैसा ही करो.” 49सभी ने अपने लिए एक-एक शाखा काटी, और अबीमेलेक के पीछे-पीछे चले गए. उन सबने ये शाखाएं भीतरी कमरों में रख दीं और उसमें आग लगा दी. वहां सभी अगुए इकट्‍ठे थे, इस कारण शेकेम के मीनार के कमरे में जो थे उन सभी अधिकारियों की मृत्यु हो गई, ये लगभग एक हज़ार स्त्री-पुरुष थे.

50इसके बाद अबीमेलेक तेबेज़ नगर को गया, नगर की घेराबंदी की और उसे अपने वश में कर लिया. 51किंतु नगर के बीच में एक मजबूत मीनार था. नगर के बचे हुए सभी स्त्री-पुरुषों ने एवं अगुओं ने भागकर उसी में सहारा लिया और दरवाजे बंद कर लिए और वे सब मीनार की छत पर चढ़ गए. 52अबीमेलेक ने आकर उस मीनार पर हमला किया. वह मीनार में आग लगाने के उद्देश्य से द्वार के पास आया ही था, 53कि एक स्त्री ने चक्की का ऊपरी पाट अबीमेलेक के ऊपर गिरा दिया. इससे उसकी खोपड़ी कुचल गई.

54उसने तुरंत अपने युवा हथियार ढोनेवाले को बुलाकर आदेश दिया, “अपनी तलवार निकालो और आज़ाद करो मुझे इस स्थिति से, ताकि मेरे संबंध में यह न कहा जाए: ‘एक स्त्री ने उसकी हत्या कर दी.’ ” सो उस युवा ने उसे तलवार से बेध दिया, उसकी मृत्यु हो गई. 55जब इस्राएलियों ने देखा कि अबीमेलेक की मृत्यु हो गई है, वे सब अपने-अपने घर लौट गए.

56इस प्रकार परमेश्वर ने अबीमेलेक से उस दुष्टता का बदला ले लिया, जो उसने अपने सत्तर भाइयों की हत्या करने के द्वारा अपने पिता के विरुद्ध की थी. 57इसके अलावा परमेश्वर ने शेकेम निवासियों की सारी दुष्टता का भी बदला ले लिया, और यरूबाल के पुत्र योथाम का शाप उनके सिर पर आ पड़ा.

Chinese Contemporary Bible 2022 (Simplified)

士师记 9:1-57

亚比米勒做王

1耶路·巴力的儿子亚比米勒示剑的舅舅家,对外祖父全家说: 2“请你们去问示剑人,耶路·巴力的七十个儿子统治他们好呢,还是一个人统治他们好呢?别忘记我是你们的骨肉至亲。” 3他们便将他的话转告示剑人。示剑人因为亚比米勒是他们的亲戚,都拥护他, 4巴力·比利土的庙里拿了七十块银子给他。他用这些钱收买了一班无赖做随从。 5他前往俄弗拉,来到他父亲家,在一块磐石上杀死了他七十个同父异母的兄弟,只有耶路·巴力的小儿子约坦躲了起来,幸免于难。 6示剑米罗的人都聚集到示剑石柱旁的橡树下,拥立亚比米勒为王。

7约坦听见这消息,便上到基利心山顶,高喊:“示剑人啊,你们要听我说,这样上帝也会听你们说。 8从前,树木要选一个王,它们对橄榄树说,‘你来做我们的王。’ 9橄榄树说,‘我怎能因为贪图凌驾于众树之上而停止出产用来尊崇神明与人的橄榄油呢?’ 10树木对无花果树说,‘你来做我们的王。’ 11无花果树说,‘我怎能因为贪图凌驾于众树之上而停止出产甜美的果子呢?’ 12于是,树木对葡萄树说,‘你来做我们的王。’ 13葡萄树说,‘我怎能因为贪图凌驾于众树之上而停止出产令神明和世人都快乐的美酒呢?’ 14最后,所有的树木都对荆棘说,‘你来做我们的王。’ 15荆棘回答说,‘你们如果诚心立我为你们的王,就投靠在我的荫下吧;不然,愿火从荆棘中冒出来吞噬黎巴嫩的香柏树。’

16“现在你们立亚比米勒为王,光明正大吗?你们有没有善待耶路·巴力和他一家?有没有按他的功绩对待他? 17你们想想,从前我父亲为你们出生入死,从米甸人手中拯救你们。 18现在你们却背叛我父亲家,在一块磐石上杀死他七十个儿子。因为他婢女的儿子亚比米勒是你们的亲戚,你们就立亚比米勒示剑居民的王。 19如果你们光明正大地对待了耶路·巴力一家,愿你们给亚比米勒带来快乐,也愿亚比米勒给你们带来快乐。 20否则,愿亚比米勒烧灭你们示剑人和米罗人,也愿你们示剑人和米罗人烧灭亚比米勒。” 21约坦因惧怕他的兄弟亚比米勒,就逃往比珥居住。

亚比米勒毁灭示剑

22亚比米勒治理以色列三年后, 23上帝派遣一个邪灵挑起亚比米勒示剑人之间的争端,示剑人用诡诈的手段对待亚比米勒24这是要惩罚亚比米勒和帮他残杀耶路·巴力七十个儿子的示剑人。 25示剑人在山顶设下埋伏,等候亚比米勒,他们抢劫所有过路的行人。有人把这事告诉了亚比米勒

26以别的儿子迦勒和他的弟兄来到示剑示剑人都信任他们。 27示剑人出城到田间采摘葡萄,踩榨葡萄汁,然后在他们的神庙中欢宴,尽情吃喝,咒诅亚比米勒28以别的儿子迦勒说:“亚比米勒是谁?我们示剑人是谁,竟要服侍他?他不就是耶路·巴力的儿子吗?他的帮手不就是西布勒吗?我们为什么要服侍他?你们要服侍示剑人祖先哈抹的后代。 29要是这百姓归我领导就好了!我会除掉亚比米勒,我会挑战他召集全军来战9:29 “我会挑战他召集全军来战”参照《七十士译本》;希伯来文作“他对亚比米勒说:‘召集你的全军来战吧!’”。”

30示剑城的官长西布勒听见以别的儿子迦勒的话,勃然大怒, 31暗中派人对亚比米勒说:“以别的儿子迦勒和他的弟兄已经到了示剑,正在煽动全城反对你。 32请你晚上带着部下埋伏在田间, 33清晨日出时攻城。迦勒带着部下出来应战时,你便可以见机行事。”

34于是,亚比米勒带领军队夜间出发,兵分四路埋伏在示剑城外。 35早晨,以别的儿子迦勒出来站在城门口时,亚比米勒带领部下从埋伏的地方冲了出来。 36迦勒看见他们,便对西布勒说:“看!有人正从山顶下来。”西布勒说:“你把山影看成人了吧。” 37迦勒说:“看!有人正从山上下来,还有一队人正从占卜橡树那边的路上奔来。” 38西布勒说:“你的豪气哪里去了?你曾说,‘亚比米勒是谁,我们竟要服侍他?’这些不就是你讥笑的人吗?出去迎战吧!” 39于是,迦勒率领示剑人出城迎战亚比米勒40迦勒败逃,亚比米勒紧追不舍,沿途有许多人受伤倒在地上,一直到城门口。 41之后,亚比米勒住在亚鲁玛西布勒迦勒和他的弟兄逐出示剑

42第二天,示剑人出城来到田间。亚比米勒得知后, 43把部下兵分三队,埋伏在田间,等城里的人出来时,伏击他们。 44亚比米勒率领一队人冲到示剑的城门口,截断示剑人的退路,其他两队击杀田间的示剑人。 45亚比米勒鏖战一天,攻陷了示剑城,杀了城内的居民,把整座城夷为平地,还撒上了盐。

46示剑楼的人听到风声,躲进了伊勒·比利土神庙的内堂。 47亚比米勒得知他们都聚在那里后, 48便领兵上撒们山用斧头砍下树枝,扛在肩上,并命令部下赶紧照做。 49他们都砍下树枝,跟着亚比米勒把树枝堆在神庙内堂的四周,放火烧死了示剑楼里所有的人,男女约一千人。

50随后,亚比米勒去围攻提备斯,占领了该城。 51全城的人连男带女都逃进城中一座坚固的城楼内,锁上大门,爬上楼顶。 52亚比米勒攻打城楼,走到城楼门口正准备放火时, 53有个妇人扔下一块磨石,砸烂了他的头。 54亚比米勒连忙对为他拿兵器的年轻人说:“拔刀杀了我吧,免得人们说,‘一位妇人杀了他。’”于是,那年轻人刺死了他。 55以色列人见亚比米勒已死,便各自回家了。 56上帝就这样使亚比米勒得到了报应,因为他残杀了自己的七十个兄弟, 57上帝也让示剑人因自己的一切恶行而得到了报应。耶路·巴力的儿子约坦的咒诅临到了他们。