प्रशासक 13 – HCV & CCBT

Hindi Contemporary Version

प्रशासक 13:1-25

शिमशोन का जन्म

1एक बार फिर इस्राएल वंशजों ने वह किया, जो याहवेह की नज़रों में गलत था. इस कारण याहवेह ने चालीस सालों के लिए उन्हें फिलिस्तीनियों के वश में कर दिया.

2दान के गोत्र से एक ज़ोराहवासी आदमी था, जिसका नाम मानोहा था. उसकी पत्नी बांझ थी. उससे कोई संतान न हुई थी. 3इस स्त्री के सामने याहवेह के दूत ने प्रकट होकर उससे कहा, “सुनो! तुम, जो बांझ हो, जिसके कोई संतान पैदा न हुई है, गर्भधारण करोगी और एक पुत्र को जन्म दोगी. 4अब तुम्हें यह सावधानी रखनी होगी कि तुम न तो अंगूर का रस पीओगी न दाखमधु, और न ही सांस्कारिक रूप से किसी भी अशुद्ध भोजन खाओगी. 5क्योंकि तुम्हें याद रखना होगा कि तुम गर्भधारण करके एक पुत्र को जन्म दोगी. गर्भधारण के समय से ही वह परमेश्वर के लिए नाज़ीर होगा, इसलिये उसके सिर पर उस्तरा कभी न फेरा जाए. वही इस्राएल को फिलिस्तीनियों से छुड़ाने में नेतृत्व करेगा.”

6स्त्री ने जाकर अपने पति को बताया: “परमेश्वर का एक पुरुष मेरे पास आया था. उसका स्वरूप परमेश्वर के एक दूत के समान था—बहुत ही भयानक! न तो मैंने उससे यह पूछा कि वह कहां से आया है, और न ही उसने मुझे अपना नाम बताने की ज़रूरत समझी. 7उसने मुझे बताया, ‘सुनो! तुम गर्भधारण करके एक पुत्र को जन्म दोगी. अब से तुम अंगूर का रस, दाखमधु और सांस्कारिक रूप से किसी भी अशुद्ध वस्तु का सेवन नहीं करोगी, क्योंकि जन्म से लेकर मृत्यु तक वह बालक परमेश्वर के लिए नाज़ीर होगा.’ ”

8यह सुन मानोहा ने याहवेह से विनती करते हुए कहा, “प्रभु, आपके द्वारा भेजे गए परमेश्वर के दूत को हमारे पास दोबारा भेज दीजिए, कि आनेवाले शिशु के लिए हमें क्या-क्या करना सही होगा वह हमें सिखा सके.”

9परमेश्वर ने मानोहा की विनती सुन ली, और परमेश्वर का दूत दोबारा उस स्त्री के पास आया. इस समय वह खेत में बैठी हुई थी. उसका पति मानोहा उस समय उसके साथ न था. 10सो वह स्त्री दौड़ी-दौड़ी गई और अपने पति को इसकी ख़बर दी, “सुनिए, उस दिन जो व्यक्ति मुझे दिखाई दिया था, मुझ पर दोबारा प्रकट हुआ है.”

11मानोहा उठकर अपनी पत्नी के साथ चला गया. उस व्यक्ति के निकट पहुंचकर उसने प्रश्न किया, “क्या आप ही वह हैं, जिसने इस स्त्री से बातचीत की थी?”

“हां, मैं ही हूं.” उसने उत्तर दिया.

12मानोहा ने आगे पूछा, “जब आपकी कही हुई बातें पूरी होंगी, मेरे पुत्र की जीवनशैली कैसी होगी और क्या होगा उसका कार्य?”

13याहवेह के दूत ने मानोहा को उत्तर दिया, “मैंने स्त्री से जो कुछ कहा है, वह उसी का ध्यान रखे. 14वह अंगूर की किसी उपज को न खाए, न अंगूर का रस पिए न दाखमधु, और न सांस्कारिक रूप से किसी भी अशुद्ध वस्तु को खाए. ज़रूरी है कि वह मेरे द्वारा दिए गए आदेशों का पालन करे.”

15तब मानोहा ने याहवेह के दूत से विनती की, “हम विनती करके आपको यहां रोकना चाहते हैं कि हम आपके लिए भोजन तैयार करें.”

16याहवेह के दूत ने मानोहा से कहा, “मैं रुक तो जाऊंगा, किंतु भोजन नहीं करूंगा. हां, जब तुम भोजन तैयार कर ही रहे हो, तो इसे याहवेह को होमबलि चढ़ा देना.” मानोहा को यह बोध ही न था कि वह याहवेह का दूत था.

17मानोहा ने याहवेह के दूत से पूछा, “आपका नाम क्या है? आपकी कही हुई बातें पूरी होने पर हम आपका आदर-सत्कार करना चाहते हैं.”

18याहवेह के दूत ने उसे उत्तर दिया, “क्यों पूछ रहे हो मेरा नाम, क्या इसलिये कि तुम्हें यह सब देख हैरानी हो रही है?” 19इस कारण मानोहा ने उसी चट्टान पर याहवेह को मेमना और अन्‍नबलि चढ़ाई. जब मानोहा और उसकी पत्नी यह सब देख ही रहे थे, याहवेह ने एक अद्भुत काम कर दिखाया: 20जब वेदी से लपटें आकाश की ओर उठ रही थी, याहवेह का दूत वेदी की आग की लौ में होकर ऊपर चढ़ गया. यह देख मानोहा और उसकी पत्नी ने दंडवत होकर वंदना की. 21इसके बाद याहवेह का दूत उन पर दोबारा प्रकट न हुआ. अब मानोहा को यह समझ गया कि वह याहवेह का दूत था.

22मानोहा ने अपनी पत्नी से कहा, “अब हमारी मृत्यु तय है, हमने परमेश्वर को साक्षात देख लिया है.”

23किंतु उसकी पत्नी ने उससे कहा, “यदि याहवेह का उद्देश्य हमारी मृत्यु ही होती तो वह हमारे द्वारा चढ़ाई होमबलि एवं अन्‍नबलि स्वीकार क्यों करते? या वह क्यों हम पर यह सब प्रकट करते? अथवा वह हमारे सामने इन सब की घोषणा करते?”

24उस स्त्री ने एक पुत्र को जन्म दिया, और उसका नाम शिमशोन रखा. बालक बड़ा हुआ. उस पर याहवेह की कृपादृष्टि थी. 25उस समय याहवेह का आत्मा उसे माहानेह-दान में, जो ज़ोराह तथा एशताओल के बीच में है, आत्मा उसे उभारने लगे.

Chinese Contemporary Bible 2023 (Traditional)

士師記 13:1-25

參孫的出生

1以色列人又做耶和華視為惡的事,耶和華就把他們交在非利士人手中四十年。

2瑣拉城住了一個支派的人,名叫瑪挪亞。他妻子不能生育,沒有孩子。 3耶和華的天使向那婦人顯現,對她說:「你雖然不生育,但不久你必懷孕生一個兒子。 4現在,你要留心,不可喝淡酒和烈酒,不可吃任何不潔之物。 5你必懷孕生一個兒子,你不可為他剃頭,因為他一出生就要歸給上帝做拿細耳人13·5 「拿細耳人」參見民數記6·1‑8。他要從非利士人手中拯救以色列人。」 6婦人就去對丈夫說:「有一位上帝的僕人向我顯現,他的容貌像上帝的天使,非常可畏。我沒有問他從哪裡來,他也沒有把名字告訴我。 7他對我說,『你必懷孕生一個兒子,現在不可喝淡酒和烈酒,不可吃任何不潔之物,因為孩子一出生就要獻給耶和華,終生做拿細耳人。』」

8瑪挪亞向耶和華祈求說:「主啊,求你再派你的僕人到這裡來,教我們怎樣照顧要出生的孩子。」 9上帝應允了他的祈求。他妻子正坐在田間的時候,上帝的天使再次向她顯現。當時她丈夫瑪挪亞不在場。 10她趕忙跑去告訴她丈夫說:「那天來的那人又向我顯現了。」 11瑪挪亞起來跟隨妻子來到那人面前,問他:「跟我妻子說話的就是你嗎?」他答道:「是我。」 12瑪挪亞問道:「你的話應驗以後,我們應該怎樣撫養這孩子?他該做什麼?」 13耶和華的天使說:「你的妻子必須謹記我的一切吩咐。 14她不可吃葡萄樹所結的果實,淡酒和烈酒都不可喝,不可吃任何不潔之物。她必須遵行我的一切吩咐。」

15瑪挪亞說:「請你留下來,我們要預備一隻山羊羔給你吃。」 16當時,瑪挪亞仍然不知道那人是耶和華的天使。天使說:「我就是留下來也不會吃你預備的食物。你如果預備燔祭,就把它獻給耶和華吧!」 17瑪挪亞說:「請告訴我你的名字,當一切應驗的時候,我們好向你表達敬意。」 18耶和華的天使說:「何必問我的名字呢?我的名字奇妙難測。」 19於是,瑪挪亞就把一隻山羊羔和素祭放在磐石上,獻給耶和華。就在這時候,天使在瑪挪亞夫婦面前行了一件奇妙的事: 20火焰從祭壇上升起的時候,耶和華的天使也在祭壇的火焰中升上去了。瑪挪亞夫婦見狀便俯伏在地。

21耶和華的天使後來沒再向瑪挪亞夫婦子顯現,瑪挪亞才知道他是耶和華的天使。 22瑪挪亞對妻子說:「我們必死無疑,因為我們看見了上帝。」 23他妻子卻說:「耶和華如果要殺我們,就不會接受我們的燔祭和素祭了,也不會讓我們看見這些事,更不會這時候跟我們說這些話。」

24後來瑪挪亞的妻子生了個兒子,她給孩子取名叫參孫。這孩子漸漸長大,耶和華賜福給他。 25當他在瑣拉以實陶之間的瑪哈尼·但的時候,耶和華的靈開始感動他。