प्रकाशन 3 – Hindi Contemporary Version HCV

Hindi Contemporary Version

प्रकाशन 3:1-22

सारदेइस की कलीसिया को

1“सारदेइस नगर की कलीसिया के लिए चुने हुए दूत को लिखो:

जो परमेश्वर की सात आत्माओं का, जो उनकी सेवा में है, हाकिम है तथा जो सात तारे लिए हुए है, उसका कहना यह है:

मैं तुम्हारे कामों से परिचित हूं. तुम कहलाते तो हो जीवित, किंतु वास्तव में हो मरे हुए! 2इसलिये सावधान हो जाओ! तुममें जो कुछ बाकी है, वह भी मृतक समान है, उसमें नए जीवन का संचार करो क्योंकि मैंने अपने परमेश्वर की दृष्टि में तुम्हारे अन्य कामों को अधूरा पाया है. 3इसलिये याद करो कि तुमने क्या शिक्षा प्राप्‍त की तथा तुमने क्या सुना था. उसका पालन करते हुए पश्चाताप करो; किंतु यदि तुम न जागे तो मैं चोर के समान आऊंगा—तुम जान भी न पाओगे कि मैं कब तुम्हारे पास आ पहुंचूंगा.

4सारदेइस नगर की कलीसिया में अभी भी कुछ ऐसे व्यक्ति हैं, जिन्होंने अपने वस्त्र अधर्म से अशुद्ध नहीं किए. वे सफ़ेद वस्त्रों में मेरे साथ चलने योग्य हैं. 5जो विजयी होगा, उसे मैं सफ़ेद वस्त्रों में सुसज्जित करूंगा. मैं उसका नाम जीवन के पुस्तक में से न मिटाऊंगा. मैं उसका नाम अपने पिता के सामने तथा उनके स्वर्गदूतों के सामने संबोधित करूंगा. 6जिसके कान हों, वह सुन ले कि कलीसियाओं से पवित्र आत्मा का कहना क्या है.

फ़िलादेलफ़ेइया की कलीसिया को

7“फ़िलादेलफ़िया नगर की कलीसिया के लिए चुने हुए दूत को लिखो:

वह, जो पवित्र है, जो सच है, जिसके पास दावीद की कुंजी है, जो वह खोलता है, उसे कोई बंद नहीं कर सकता, जो वह बंद करता है, उसे कोई खोल नहीं सकता, उसका कहना यह है.

8मैं तुम्हारे कामों से परिचित हूं. ध्यान दो कि मैंने तुम्हारे सामने एक द्वार खोल रखा है, जिसे कोई बंद नहीं कर सकता. मैं जानता हूं कि तुम्हारी शक्ति सीमित है फिर भी तुमने मेरी आज्ञा का पालन किया है और मेरे नाम को अस्वीकार नहीं किया. 9सुनो! जो शैतान की सभा के हैं और स्वयं को यहूदी कहते हैं, किंतु हैं नहीं, वे झूठे हैं. मैं उन्हें मजबूर करूंगा कि वे आएं तथा तुम्हारे पावों में अपने सिर झुकाएं और यह जान लें कि मैंने तुमसे प्रेम किया है. 10इसलिये कि तुमने मेरी धीरज रूपी आज्ञा का पालन किया है, मैं भी उस विपत्ति के समय, जो पृथ्वी के सभी निवासियों पर उन्हें परखने के लिए आने पर है, तुम्हारी रक्षा करूंगा.

11मैं शीघ्र आ रहा हूं. जो कुछ तुम्हारे पास है, उस पर अटल रहो कि कोई तुम्हारा मुकुट छीनने ना पाए. 12जो विजयी होगा, उसे मैं अपने परमेश्वर के मंदिर का मीनार बनाऊंगा. वह वहां से कभी बाहर ना जाएगा. मैं उस पर अपने परमेश्वर का नाम, अपने परमेश्वर के नगर, नए येरूशलेम का नाम, जो मेरे परमेश्वर की ओर से स्वर्ग से उतरने वाला है तथा अपना नया नाम अंकित करूंगा. 13जिसके कान हों, वह सुन ले कि कलीसियाओं से पवित्र आत्मा का कहना क्या है.

लाओदीकेइया की कलीसिया को

14“लाओदीकेइया नगर की कलीसिया के लिए चुने हुए दूत को लिखो:

जो आमेन, विश्वासयोग्य, सच्चा गवाह और परमेश्वर की सृष्टि का आधार है, उसका कहना यह है:

15मैं तुम्हारे कामों से परिचित हूं—तुम न तो ठंडे हो और न गर्म—उत्तम तो यह होता कि तुम ठंडे ही होते या गर्म ही. 16इसलिये कि तुम कुनकुने हो; न गर्म, न ठंडे, मैं तुम्हें अपने मुख से उगलने पर हूं. 17तुम्हारा तो यह दावा है, मैं धनी हूं, मैं समृद्ध हो गया हूं तथा मुझे कोई कमी नहीं है, किंतु तुम नहीं जानते कि वास्तव में तुम तुच्छ, अभागे, अंधे तथा नंगे हो. 18तुम्हारे लिए मेरी सलाह है कि तुम मुझसे आग में शुद्ध किया हुआ सोना मोल लो कि तुम धनवान हो जाओ; मुझसे सफ़ेद वस्त्र लेकर पहन लो कि तुम अपने नंगेपन की लज्जा को ढांप सको. मुझसे सुर्मा लेकर अपनी आंखों में लगाओ कि तुम्हें दिखाई देने लगे.

19अपने सभी प्रेम करनेवालों को मैं ताड़ना देता तथा अनुशासित करता हूं. इसलिये बहुत उत्साहित होकर पश्चाताप करो. 20सुनो! मैं द्वार पर खड़ा हुआ खटखटाता रहा हूं. यदि कोई मेरा शब्द सुनकर द्वार खोलेगा, मैं उसके घर में प्रवेश करूंगा तथा मैं उसके साथ और वह मेरे साथ भोजन करेगा.

21जो विजयी होगा, उसे मैं अपने साथ अपने सिंहासन पर बैठने का अधिकार दूंगा—ठीक जैसे स्वयं मैंने विजय प्राप्‍त की तथा अपने पिता के साथ उनके सिंहासन पर आसीन हुआ. 22जिसके कान हों, वह सुन ले कि कलीसियाओं से पवित्र आत्मा का क्या कहना है.”