प्रकाशन 14 – Hindi Contemporary Version HCV

Hindi Contemporary Version

प्रकाशन 14:1-20

मेमना तथा 1,44,000

1तब मैंने देखा कि वह मेमना ज़ियोन पर्वत पर खड़ा है और उसके साथ 1,44,000 व्यक्ति भी हैं, जिनके मस्तक पर उसका तथा उसके पिता का नाम लिखा हुआ है. 2तब मुझे स्वर्ग से एक शब्द सुनाई दिया, जो प्रचंड लहरों की आवाज के समान तथा जो बड़ी गर्जन-सी आवाज के समान था. यह शब्द, जो मैंने सुना, ऐसा था मानो अनेक वीणा बजानेवाले वीणा बजा रहे हों. 3वे सिंहासन के सामने, चारों प्राणियों तथा पुरनियों के सामने एक नया गीत गा रहे थे. उन 1,44,000 व्यक्तियों के अलावा, जो सारी मानव जाति में से छुड़ाए गए थे, किसी भी अन्य में यह गीत सीखने की योग्यता ही न थी. 4ये वे हैं, जो स्त्री-संगति से अशुद्ध नहीं हुए हैं क्योंकि इन्होंने स्वयं को स्त्री-संगति से अछूता रखा है. ये ही हैं वे, जो हमेशा मेमने के पीछे चलते हैं—चाहे मेमना कहीं भी जाए. इन्हें परमेश्वर तथा मेमने के लिए उपज के पहले फल के समान मनुष्यों में से छुड़ाया गया है. 5झूठ इनके मुख से कभी न निकला—ये निष्कलंक हैं.

तीन स्वर्गदूत

6तब मैंने बीच आकाश में एक स्वर्गदूत को उड़ते हुए देखा, जिसके पास सभी पृथ्वी पर रहनेवालों—हर एक राष्ट्र, गोत्र, भाषा तथा प्रजाति में प्रचार के लिए अनंत काल का ईश्वरीय सुसमाचार था. 7उसने ऊंचे शब्द में कहा, “परमेश्वर से डरो. उनकी महिमा करो क्योंकि न्याय का समय आ पहुंचा है. आराधना उनकी करो, जिन्होंने स्वर्ग, पृथ्वी, समुद्र तथा जल के सोतों को बनाया है.”

8पहले स्वर्गदूत के बाद दूसरा स्वर्गदूत यह कहते हुए आया, “सर्वनाश हो गया! बड़े बाबेल का सर्वनाश हो गया! बाबेल, जिसने सारे राष्ट्रों को अपने व्यभिचार की मदहोशी का दाखरस पिलाया है.”14:8 यशा 21:9

9इन दोनों के बाद एक तीसरा स्वर्गदूत ऊंचे शब्द में यह कहता हुआ आया, “यदि कोई उस पशु तथा उसकी मूर्ति की पूजा-अर्चना करेगा तथा अपने मस्तक या हाथ पर वह चिह्न अंकित करवाएगा, 10वह भी परमेश्वर के क्रोध का दाखरस पिएगा, जो परमेश्वर के क्रोध के प्याले में ही उंडेली गई है. उसे पवित्र स्वर्गदूतों तथा मेमने की उपस्थिति में आग व गंधक की घोर पीड़ा दी जाएगी. 11वे, जो उस पशु तथा उसकी मूर्ति की पूजा-अर्चना करते हैं तथा जिन पर उसके नाम का चिह्न अंकित है, उनकी पीड़ा का धुआं निरंतर उठता रहेगा तथा उन्हें न तो दिन में चैन मिलेगा और न रात में.” 12इसके लिए आवश्यक है पवित्र लोगों का धीरज, जो परमेश्वर के आज्ञाकारी हैं तथा जिनका विश्वास मसीह येशु में है.

13तब मुझे स्वर्ग से एक शब्द यह आज्ञा देता हुआ सुनाई दिया, “लिखो: धन्य होंगे वे मृत, अब से जिनकी मृत्यु प्रभु में होगी.”

“सच है!” आत्मा ने पुष्टि की. “वे अपने सारे परिश्रम से विश्राम पाएंगे क्योंकि उनके भले काम उनके साथ हैं.”

पृथ्वी पर उपज तथा दाख इकट्ठा करना

14इसके बाद मैंने एक उज्जवल बादल देखा. उस पर मनुष्य के पुत्र समान कोई बैठा था, जिसके सिर पर सोने का मुकुट तथा हाथ में पैनी हसिया थी.14:14 दानि 7:13 15एक दूसरा स्वर्गदूत मंदिर से बाहर निकला और उससे, जो बादल पर बैठा था, ऊंचे शब्द में कहने लगा. “अपना हसिया चला कर फसल काटिए, कटनी का समय आ पहुंचा है क्योंकि पृथ्वी की फसल पक चुकी है.” 16तब उसने, जो बादल पर बैठा था, अपना हसिया पृथ्वी के ऊपर घुमाया तो पृथ्वी की फसल की कटनी पूरी हो गई.

17तब एक और स्वर्गदूत उस मंदिर से, जो स्वर्ग में है, बाहर निकला. उसके हाथ में भी पैना हंसिया था. 18तब एक अन्य स्वर्गदूत, जिसे आग पर अधिकार था, वेदी से बाहर निकला तथा उस स्वर्गदूत से, जिसके हाथ में पैना हसिया था, ऊंचे शब्द में कहने लगा. “अपना हसिया चला कर पृथ्वी की पूरी दाख की फसल के गुच्छे इकट्ठा करो क्योंकि दाख पक चुकी है.” 19तब उस स्वर्गदूत ने अपना हसिया पृथ्वी की ओर घुमाया और पृथ्वी की सारी दाख इकट्ठा कर परमेश्वर के क्रोध के विशाल दाख के कुंड में फेंक दी. 20तब नगर के बाहर दाखरस कुंड में दाख को रौंदा गया. उस रसकुंड में से जो लहू बहा, उसकी लंबाई 300 किलोमीटर तथा ऊंचाई घोड़े की लगाम जितनी थी.