नेहेमियाह 7 – Hindi Contemporary Version HCV

Hindi Contemporary Version

नेहेमियाह 7:1-73

1जब शहरपनाह बनाने का काम पूरा हो गया, मैंने पल्लों को ठीक जगह पर बैठा दिया और द्वारपालों, गायकों और लेवियों को चुना, 2मैंने अपने भाई हनानी और गढ़ के हाकिम हननियाह को येरूशलेम का अधिकारी ठहरा दिया, क्योंकि हननियाह विश्वासयोग्य व्यक्ति था और वह परमेश्वर का बहुत भय मानने वाला व्यक्ति था. 3उनके लिए मेरा आदेश था, “जब तक सूरज में गर्मी रहे येरूशलेम के फाटक न खोले जाएं और जब तक पहरेदार द्वार पर खड़े ही होंगे, द्वार बंद ही रखे जाएं और उनमें चिटकनी लगी रहे. जो द्वारपाल ठहराए जाएं, वे येरूशलेम के रहनेवाले ही हों; हर एक को अपने-अपने निर्दिष्ट स्थानों पर और शेष अपने घरों के सामने के द्वार पर खड़ा किये जाए.”

बंधुआई से लौटे हुओं की सूची

4नगर फैला हुआ और बड़ा था, किंतु निवासियों की गिनती थोड़ी ही थी और अभी घर नहीं बने थे. 5तब मेरे परमेश्वर ने मेरे मन में यह विचार डाला कि रईसों, अधिकारियों और प्रजा को इकट्ठा किया जाए कि वंशावली के अनुसार उन्हें गिना जाए. मुझे वह पुस्तक भी मिल गई, जिसमें उन व्यक्तियों के नाम लिखे थे, जो सबसे पहले यहां पहुंचे थे. मुझे उस पुस्तक में जो लेखा मिला, वह इस प्रकार था:

6इस प्रदेश के वे लोग, जो बाबेल के राजा नबूकदनेज्ज़र द्वारा बंधुआई में ले जाए गए थे और जो बंधुआई से यहूदिया और येरूशलेम, अपने-अपने नगर को लौट आए थे, वे इस प्रकार हैं 7वे ज़ेरुब्बाबेल, येशुआ, नेहेमियाह, अज़रियाह, रामियाह, नाहामानी, मोरदकय, बिलषान, मिसपार, बिगवाई, नेहुम और बाअनाह के साथ लौटे थे.

कुल-पिताओं के नाम के अनुसार इस्राएल देश के पुरुषों की गिनती थी:

8पारोश 2,1729शेपाथियाह 37210आराह 65211पाहाथ-मोआब के वंशजों में से येशुआ एवं योआब के वंशज 2,81812एलाम 1,25413ज़त्तू 84514ज़क्काई 76015बिन्‍नूइ 64816बेबाइ 62817अजगाद 2,32218अदोनिकम 66719बिगवाई 2,06720आदिन 65521हिज़किय्याह की ओर से अतेर 9822हाषूम 32823बेज़ाइ 32424हरिफ 11225गिबयोन 9526बेथलेहेम और नेतोपाह के निवासी 18827अनाथोथ के निवासी 12828बेथ-अज़मावेह के निवासी 4229किरयथ-यआरीम के कफीराह तथा बएरोथ के निवासी 74330रामाह तथा गेबा के निवासी 62131मिकमाश के निवासी 12232बेथेल तथा अय के निवासी 12333अन्य नेबो के निवासी 5234अन्य एलाम के निवासी 1,25435हारिम के निवासी 32036येरीख़ो के निवासी 34537लोद, हदिद तथा ओनो के निवासी 72138सेनाआह के निवासी 3,930

39पुरोहित:

येशुआ के परिवार से येदाइयाह के वंशज, 97340इम्मर के वंशज 1,05241पशहूर के वंशज 1,24742हारिम के वंशज 1,017

43लेवी:

होदवियाह के वंशजों में से कदमिएल तथा येशुआ के वंशज 74

44गायक:

आसफ के वंशज 148

45द्वारपाल निम्न लिखित वंशों से:

शल्लूम, अतेर, तालमोन, अक्कूब, हतिता, शेबाई 138

46मंदिर सेवक निम्न लिखित वंशों से:

ज़ीहा, हासुफ़ा, तब्बओथ47केरोस, सिया, पदोन48लेबानाह, हागाबाह, शामलाई49हनान, गिद्देल, गाहार50रेआइयाह, रेज़िन, नेकोदा,51गज्ज़ाम, उज्जा, पासेह,52बेसाई, मिऊनी, नेफिसिम,53बकबुक, हकूफा, हरहूर,54बाज़लुथ, मेहिदा, हरषा,55बारकोस, सीसरा, तेमाह,56नेज़ीयाह, हातिफा.

57शलोमोन के सेवकों के वंशज इन वंशों से: सोताई, हसोफेरेथ, पेरिदा,

58याला, दारकोन, गिद्देल,59शेपाथियाह, हत्तील, पोचेरेथ-हज्ज़ेबाइम, अमोन.60मंदिर के सेवक और शलोमोन के सेवकों की कुल गिनती 392

61ये व्यक्ति वे हैं, जो तेल-मेलाह, तेल-हरषा, करूब, अद्दान तथा इम्मर से आए, तथा इनके पास अपनी वंशावली के सबूत नहीं थे, कि वे इस्राएल के वंशज थे भी या नहीं:

62देलाइयाह के वंशज, तोबियाह के वंशज तथा नेकोदा के वंशज, 642

63पुरोहितों में:

होबाइयाह के वंशज,

हक्कोज़ के वंशज तथा बारज़िल्लाई, जिसने गिलआदवासी बारज़िल्लाई की पुत्रियों में से एक के साथ विवाह किया था, और उसने उन्हीं का नाम रख लिया.

64इन्होंने अपने पुरखों के पंजीकरण की खोज की, किंतु इन्हें सच्चाई मालूम न हो सकी; तब इन्हें सांस्कृतिक रूप से अपवित्र माना गया तथा इन्हें पुरोहित की जवाबदारी से दूर रखा गया. 65अधिपति ने उन्हें आदेश दिया कि वे उस समय तक अति पवित्र भोजन न खाएं, जब तक वहां कोई ऐसा पुरोहित न हो, जो उरीम तथा थुम्मिन से सलाह न ले लें.

66सारी सभा की पूरी संख्या हुई 42,360. 67इनके अलावा 7,337 दास-दासियां तथा 245 गायक-गायिकाएं भी थी. 68उनके घोड़ों की गिनती 736 और खच्चरों की 245, 69ऊंटों की 435 और गधों की गिनती 620 थी.

70पूर्वजों के परिवारों के प्रधानों ने इस काम के लिए आर्थिक सहायता दी. राज्यपाल ने खजाने में 1,000 सोने के द्राखमा, 50 चिलमचियां और पुरोहितों के लिए ठहराए गए 530 अंगरखे दिए. 71पूर्वजों के परिवारों के कुछ प्रधानों ने इस काम के लिए खजाने में 20,000 सोने के द्राखमा और 2,200 चांदी मीना दिए. 72वह सब, जो बाकी लोगों ने भेंट में दिया, वह था कुल 20,000 सोने के द्राखमा, 2,000 चांदी मीना और पुरोहितों के 67 अंगरखे.

73अब पुरोहित, लेवी, द्वारपाल, गायक, कुछ सामान्य प्रजाजन, मंदिर के सेवक, जो सभी इस्राएल वंशज ही थे, अपने-अपने नगरों में रहने लगे.

एज़्रा द्वारा व्यवस्था-विधान का पाठन

सातवें महीने तक पूरा इस्राएल अपने-अपने नगर में बस चुका था.