गणना 29 – HCV & JCB

Hindi Contemporary Version

गणना 29:1-40

तुरहियों का उत्सव

1“ ‘पहले महीने की पहली तारीख पर तुम पवित्र सभा आयोजित करोगे. इस दिन तुम कोई भी मेहनत न करोगे. यह वह दिन होगा, जिसे तुम तुरही बजाने के लिए प्रयोग करोगे. 2तुम याहवेह को सुखद-सुगंध भेंट करने के लिए यह होमबलि भेंट करोगे: एक बछड़ा, एक मेढ़ा तथा सात एक वर्ष के निर्दोष मेमने. 3इनके अलावा उनकी अन्‍नबलि भी; तेल मिला हुआ मैदा; बछड़ों के साथ ढाई किलो, मेढ़े के साथ दो किलो; 4तथा हर एक मेमने के साथ एक-एक किलो तेल मिला हुआ मैदा, 5साथ में अपने प्रायश्चित के लिए पापबलि में एक बकरा. 6नए चांद के लिए होमबलि तथा इससे संबंधित अन्‍नबलि के लिए नियमित होमबलि तथा अन्‍नबलि तथा उससे संबंधित पेय बलियां, जैसा उनके विषय में याहवेह ने आज्ञा दी थी, वैसे भेंट किए जाएं.

प्रायश्चित का दिन

7“ ‘इसी महीने की दसवीं तारीख पर तुम एक पवित्र सभा आयोजित करोगे; तुम स्वयं को नम्र करोगे, तुम किसी प्रकार की मेहनत नहीं करोगे. 8सुखद-सुगंध के लिए तुम याहवेह के लिए यह होमबलि भेंट करोगे: एक बछड़ा, एक मेढ़ा तथा एक वर्ष के सात निर्दोष मेमने. 9उनके साथ अन्‍नबलि होगी: तेल मिला हुआ मैदा; बछड़े के साथ ढाई किलो, मेढ़े के साथ दो किलो; 10तथा हर एक मेमने के साथ एक-एक किलो मैदा. 11प्रायश्चित के लिए पापबलि, नियमित होमबलि तथा अन्‍नबलि एवं पेय बलियां के अलावा पापबलि के लिए एक बकरा भी भेंट किया जाए.

झोपड़ी का उत्सव

12“ ‘इसके बाद सातवें महीने की पन्द्रहवीं तारीख पर तुम एक पवित्र सभा आयोजित करोगे. तुम इसमें कोई भी मेहनत न करोगे, और याहवेह के लिए सात दिन उत्सव मनाओगे. 13तुम याहवेह के लिए सुखद-सुगंध के लिए आग के द्वारा यह होमबलि भेंट करो: तेरह बछड़े, दो मेढ़े, चौदह एक वर्ष के निर्दोष मेमने. 14उन तेरह बछड़ों के साथ यह अन्‍नबलि होगी: तेल मिला हुआ मैदा ढाई किलो, मेढ़े के साथ तेल मिला हुआ मैदा दो किलो, 15तथा हर एक मेमने के साथ एक-एक किलो तेल मिला हुआ मैदा. 16नियमित होमबलि, अन्‍नबलि तथा पेय बलि के अलावा पापबलि के लिए एक बकरा भेंट किया जाए.

17“ ‘इसके बाद अगले दिन पशुओं में से बारह बछड़े, दो मेढ़े, एक वर्ष के चौदह निर्दोष मेमने. 18इनके अलावा अन्‍नबलि और पेय बलि चढ़ाना; जो बछड़ों, मेढ़ों तथा मेमनों के लिए उनकी संख्या के अनुरूप, नियम के अनुसार हो. 19तथा नियमित होमबलि के अलावा पापबलि के लिए एक बकरा तथा इसके साथ अन्‍नबलि तथा उनकी पेय बलियां.

20“ ‘तीसरे दिन ग्यारह बछड़े, दो मेढ़े, एक वर्ष के चौदह निर्दोष मेमने. 21इनके अलावा अन्‍नबलि और पेय बलि चढ़ाना जो बछड़ों, मेढ़ों तथा मेमनों के साथ उनकी संख्या के अनुरूप, नियम के अनुसार हो. 22तथा नियमित होमबलि के अलावा पापबलि के लिए एक बकरा तथा इसके लिए अन्‍नबलि तथा उनकी पेय बलियां.

23“ ‘चौथे दिन दस बछड़े, दो मेढ़े, एक वर्ष के चौदह निर्दोष मेमने. 24इनके अलावा अन्‍नबलि और पेय बलि चढ़ाना जो बछड़ों, मेढ़ों तथा मेमनों के साथ उनकी संख्या के अनुरूप, नियम के अनुसार हो. 25नियमित होमबलि, अन्‍नबलि तथा पेय बलि के अलावा पापबलि के लिए एक बकरा भेंट किया जाए.

26“ ‘पांचवें दिन नौ बछड़े, दो मेढ़े, एक वर्ष के चौदह निर्दोष मेमने. 27इनके अलावा अन्‍नबलि और पेय बलि चढ़ाना जो बछड़ों, मेढ़ों तथा मेमनों के साथ उनकी संख्या के अनुरूप, नियम के अनुसार हो. 28नियमित होमबलि तथा अन्‍नबलि तथा पेय बलि के अलावा एक बकरा पापबलि के लिए चढ़ाया जाएगा.

29“ ‘छठवें दिन आठ बछड़े, दो मेढ़े, एक वर्ष के चौदह निर्दोष मेमने. 30इनके अलावा अन्‍नबलि और पेय बलि चढ़ाना जो बछड़ों, मेढ़ों तथा मेमनों के साथ उनकी संख्या के अनुरूप, नियम के अनुसार हो. 31तथा नियमित होमबलि के अलावा पापबलि के लिए एक बकरा तथा इसके लिए अन्‍नबलि तथा उनकी पेय बलियां.

32“ ‘सातवें दिन सात बछड़े दो मेढ़े, एक वर्ष के चौदह निर्दोष मेमने. 33इनके अलावा अन्‍नबलि और पेय बलि चढ़ाना जो बछड़ों, मेढ़ों तथा मेमनों के साथ उनकी संख्या के अनुरूप, नियम के अनुसार हो. 34तथा नियमित होमबलि के अलावा पापबलि के लिए एक बकरा तथा इसके लिए अन्‍नबलि तथा उनकी पेय बलियां.

35“ ‘आठवें दिन तुम एक पवित्र सभा आयोजित करोगे. इस दिन तुम कोई भी मेहनत न करोगे. 36किंतु तुम होमबलि, आग के द्वारा भेंट बलि चढ़ाओगे, जो याहवेह के लिए सुखद-सुगंध होगी: एक बछड़ा, एक मेढ़ा, एक वर्ष के, निर्दोष सात मेमने. 37बछड़े, मेढ़े तथा मेमनों के साथ उनकी संख्या के अनुसार उनकी अन्‍नबलि तथा उनकी पेय बलि. 38नियमित होमबलि तथा अन्‍नबलि तथा पेय बलि के अलावा एक बकरा पापबलि के लिए चढ़ाया जाएगा.

39“ ‘ठहराए गए अवसरों पर तुम ये सब याहवेह के सामने प्रस्तुत करोगे. तुम्हारी संकल्प की गई तथा स्वेच्छा बलियों के अलावा तुम्हारी होमबलियां, अग्निबलियां, पेय बलियां तथा मेल बलियां भी चढ़ाना होंगे.’ ”

40मोशेह ने यह सब याहवेह द्वारा उन्हें दी गई आज्ञा के अनुसार इस्राएल के घराने पर प्रकट कर दिया.

Japanese Contemporary Bible

民数記 29:1-40

29

1毎年第七月の一日は祝日とし、ラッパを吹き鳴らしなさい。その日はすべての民が仕事を休み、聖なる集会を開く。 2そして、傷のない若い雄牛一頭、雄羊一頭、一歳の雄の子羊七頭を、焼き尽くすいけにえとしてささげなさい。このいけにえはわたしの心にかなうから、喜んで受け取ろう。 3-4それに添える穀物の供え物は、油を混ぜた上等の粉が、雄牛には六・九リットル、雄羊には四・六リットル、子羊には一頭につき二・三リットルの割合である。 5そのほかに、罪を赦してもらうため、雄やぎを一頭、罪の赦しのためのいけにえとしてささげる。 6これは、新月ごとの焼き尽くすいけにえ、毎日の焼き尽くすいけにえ、穀物の供え物、飲み物の供え物のほかに特別にささげる物で、すべて決められているとおりである。

7その十日後に、もう一度、すべての民が集まって聖なる集会を開く。その日は、どんな仕事も休み、身を慎んで静かに過ごさなければならない。 8その日はまた、わたしの受け入れる焼き尽くすいけにえとして、傷のない若い雄牛一頭、雄羊一頭、一歳の雄の子羊七頭をささげなさい。 9-10それといっしょに、上等の粉に油を混ぜた穀物の供え物をする。雄牛には六・九リットル、雄羊には四・六リットル、子羊には一頭につき二・三リットルの割合である。 11そのほかに、罪の赦しのためのいけにえとして、雄やぎを一頭ささげる。これは、第七月の十日の贖罪の日にささげる、罪の赦しのためのいけにえとは別である。また、毎日の焼き尽くすいけにえ、穀物の供え物、飲み物の供え物とも別である。

12さらに五日後の十五日にも、国中が仕事を休み、聖なる集会を開く。その日から一週間、わたしのために祭りをしなさい。 13まず最初の日は、わたしの受け入れる焼き尽くすいけにえとして、傷のない若い雄牛十三頭、雄羊二頭、一歳の雄の子羊十四頭をささげなさい。 14それといっしょに、穀物の供え物をする。油を混ぜた小麦粉を、一頭につき、雄牛の場合は六・九リットル、雄羊には四・六リットル、 15子羊には二・三リットルささげる。 16毎日のいけにえや供え物のほかに、さらに雄やぎ一頭を、罪の赦しのためのいけにえとして、ささげなければならない。

17祭りの二日目には、傷のない若い雄牛十二頭、雄羊二頭、一歳の雄の子羊十四頭をいけにえにする。 18それといっしょに、いつもと同じ割合で、穀物と飲み物の供え物をそれぞれささげる。 19このほかに、雄やぎ一頭を、毎日のいけにえや供え物とは別に、罪の赦しのためのいけにえとしてささげる。

20三日目には、傷のない若い雄牛十一頭、雄羊二頭、一歳の雄の子羊十四頭をささげなさい。 21それぞれといっしょに、いつものとおりの割合で、穀物と飲み物の供え物をする。 22そのほか、毎日のいけにえや供え物とは別に、雄やぎ一頭を、罪の赦しのためのいけにえとしてささげる。

23-24四日目には、傷のない若い雄牛十頭、雄羊二頭、一歳の雄の子羊十四頭を、穀物と飲み物の供え物といっしょにささげる。 25また雄やぎ一頭を、毎日のいけにえや供え物とは別に、罪の赦しのためのいけにえとしてささげる。

26-27五日目には、傷のない若い雄牛九頭、雄羊二頭、一歳の雄の子羊十四頭を、いつもと同じ、穀物と飲み物の供え物をつけてささげる。 28ほかに、罪の赦しのためのいけにえとして、毎日のいけにえや供え物とは別に、雄やぎを一頭ささげる。

29-30六日目には、傷のない若い雄牛八頭、雄羊二頭、一歳の雄の子羊十四頭を、いつもと同じ、穀物と飲み物の供え物をつけてささげる。 31さらに雄やぎ一頭を、毎日のいけにえや供え物とは別に、罪が赦されるためのいけにえとしてささげる。

32-33七日目にも、やはり傷のない若い雄牛七頭、雄羊二頭、一歳の雄の子羊十四頭を、いつもと同じ、穀物と飲み物の供え物をつけてささげる。 34また罪の赦しのためのいけにえとして、毎日のいけにえや供え物とは別に、雄やぎを一頭ささげる。

35八日目には国中が仕事を休み、聖なる集会を開く。 36-37そして、わたしの受け入れる焼き尽くすいけにえをささげなさい。傷のない若い雄牛一頭、雄羊一頭、一歳の雄の子羊七頭を、いつもと同じ割合の、穀物と飲み物の供え物をつけてささげる。 38そのほかに、罪が赦されるためのいけにえとして、毎日のいけにえや供え物とは別に、雄やぎを一頭ささげる。

39祭りの時はいつも、以上のようなささげ物をしなければならない。これは、誓願を立てるか自発的にささげる、焼き尽くすいけにえ、穀物の供え物、飲み物の供え物、あるいは和解のためのいけにえとは、別のものである。」

40モーセはこの命令を、一つ残らず人々に伝えました。