गणना 10 – HCV & CCBT

Hindi Contemporary Version

गणना 10:1-36

चांदी की तुरहियां

1याहवेह ने मोशेह से और कहा: 2“पीटी गई चांदी की परत से दो तुरहियां बनाओ, तुम इनका प्रयोग सभा को बुलाने में करोगे, कि वे कूच के लिए शिविर को तैयार करें. 3जब ये दोनों साथ साथ बजाए जाएंगे, तब सारी सभा तुम्हारे सामने मिलनवाले तंबू के द्वार पर हो जाएगी. 4किंतु यदि सिर्फ एक ही तुरही बजाई जाएगी, तब प्रधान तथा इस्राएल के दलों के प्रधान तुम्हारे सामने इकट्ठा होंगे. 5किंतु जब तुम चेतावनी का बिगुल बजाओगे, तब शिविर के पूर्वी दिशा के शिविर कूच करेंगे. 6जब कभी तुम दोबारा चेतावनी का बिगुल बजाओगे, वे शिविर, जो दक्षिण दिशा में हैं, कूच करेंगे; आवश्यक है कि उनका कूच शुरू करने के लिए चेतावनी का बिगुल बजाया जाए. 7जब कभी सभा इकट्ठी की जाए, तुम बिना किसी चेतावनी नाद के तुरही बजाओगे.

8“अहरोन के पुरोहित पुत्र इसके अलावा तुरही नाद करेंगे; यह तुम्हारी आनेवाली सभी पीढ़ियों के लिए हमेशा की विधि है. 9जब तुम अपने विरोधी से युद्ध करो, जिसने तुम पर आक्रमण किया है, तब तुम इन तुरहियों से चेतावनी का बिगुल बजाओगे, कि याहवेह तुम्हारे परमेश्वर के सामने तुम्हारा स्मरण किया जाए और शत्रुओं से तुम्हारी रक्षा हो सके. 10इसके अलावा आनंद के अवसरों पर, तुम्हारे ठहराए गए आनंद मनाने के अवसरों पर, तुम्हारे ठहराए गए उत्सवों पर तथा हर एक महीने की पहली तारीख पर तुम अपनी होमबलियों, अपनी मेल बलियों के अवसर पर तुरही फूंकोगे; तब वे तुम्हारे परमेश्वर के सामने एक स्मरण का कार्य करेंगे. मैं ही हूं वह याहवेह, तुम्हारा परमेश्वर.”

सीनायी से इस्राएल की यात्रा

11दूसरे वर्ष के दूसरे महीने में बीसवीं तारीख को यह बादल साक्षी तंबू से ऊपर की ओर उठ गया. 12इस्राएल के घराने ने सीनायी के निर्जन प्रदेश से अपनी यात्राएं शुरू कर दी. यह बादल पारान के निर्जन प्रदेश में जा ठहर गया. 13यह ऐसा पहला अवसर था, जब उन्होंने मोशेह को दिए गए याहवेह के आदेश के अनुसार यात्रा शुरू की थी.

14यहूदाह के वंश की छावनी के झंडे, उनके सैन्य व्यवस्था के अनुसार चल रहे थे. अम्मीनादाब का पुत्र नाहशोन सेनापति था. 15तब ज़ुअर का पुत्र नेथानेल इस्साखार गोत्र की सेना का सेनापति था. 16ज़ेबुलून गोत्र की सेना का सेनापति था हेलोन का पुत्र एलियाब. 17इसके बाद साक्षी तंबू उतारा गया और गेरशोन तथा मेरारी के पुत्रों ने साक्षी तंबू को उठाते हुए कूच किया.

18इनके बाद रियूबेन गोत्र की छावनी के झंडे के साथ शेदेउर के पुत्र एलिज़ुर के नेतृत्व में सेना ने कूच किया. 19इनके साथ थे शिमओन के गोत्र की सेना, जिनका सेनापति था ज़ुरीशद्दाय का पुत्र शेलुमिएल. 20गाद के गोत्र की सेना का सेनापति था देउएल का पुत्र एलियासाफ़. 21इनके बाद कोहाथियों ने पवित्र वस्तुओं के साथ कूच किया, कि उनके वहां पहुंचने के पहले ही साक्षी तंबू खड़ा किया जा सके.

22इसके बाद एफ्राईम गोत्र के घराने की सेना ने उनकी छावनी के झंडे के साथ चलना शुरू किया. उनका सेनापति अम्मीहूद का पुत्र एलीशामा था. 23मनश्शेह गोत्र के घराने की सेना का सेनापति पेदाहज़ुर का पुत्र गमालिएल था, 24बिन्यामिन गोत्र की सेना का सेनापति गिदियोनी का पुत्र अबीदान था.

25इसके बाद उनकी सेना के अनुसार दान गोत्र के घराने की छावनी का झंडा था. कूच करते हुए यह सारी छावनी के लिए प्राण रक्षक सेना हुई. इस सेना का सेनापति अम्मीशद्दाय का पुत्र अहीएज़र था. 26आशेर गोत्र के घराने की सेना का सेनापति ओखरन का पुत्र पागिएल था. 27नफताली गोत्र के घराने की सेना का सेनापति एनन का पुत्र अहीरा था. 28कूच करते हुए इस्राएल के घराने की सेनाओं के अनुसार यही क्रम हुआ करता था.

29अंत में मोशेह ने अपनी पत्नी के भाई, होबाब से, अर्थात् अपने मिदियानी ससुर रियुएल के पुत्र से कहा, “हम उस स्थान की ओर आगे बढ़ रहे हैं, जिसका वर्णन याहवेह ने इन शब्दों में किया था: ‘यह मैं तुम्हें दे दूंगा.’ तुम भी हमारे साथ आ जाओ. हम तुम्हारा ध्यान रखेंगे; क्योंकि याहवेह ने इस्राएल की भलाई की प्रतिज्ञा की है.”

30किंतु होबाब ने उन्हें उत्तर दिया, “मैं आपके साथ नहीं जा सकता; मेरे लिए सही यही है कि मैं अपने संबंधियों के पास अपने देश लौट जाऊं.”

31तो मोशेह ने उससे निवेदन किया, “कृपा कर हमारा साथ मत छोड़ो. तुम जानते हो कि इस मरुभूमि मे पड़ाव डालने के लिए अच्छी जगह कहां-कहां होगी; तुम तो हमारे लिए हमारी आंखें हो सकोगे. 32हम आश्वासन देते हैं कि यदि तुम हमारे साथ चलोगे, तो जितनी भी भलाई याहवेह हमारे लिए करेंगे, उसमें हम तुमको शामिल कर लेंगे.”

33इस प्रकार उन्होंने याहवेह के पर्वत से अपनी यात्रा प्रारंभ की और तीन दिन यात्रा करते रहे. याहवेह की वाचा का संदूक तीन दिनों तक उनके आगे-आगे रहा कि इस्राएल के डेरे के लिए सही विश्राम का स्थान तय किया जा सके. 34जब उन्होंने छावनी के स्थान से यात्रा शुरू की थी, दिन के समय याहवेह का बादल उनके ऊपर-ऊपर बना रहता था.

35इसके बाद, जब भी संदूक के साथ यात्रा आरंभ करते थे, मोशेह का यह वचन था:

“याहवेह सक्रिय हो जाइए!

आपके शत्रु बिखर जाएं;

जिन्हें आपसे घृणा है आपके सामने से भाग जाएं.”

36जब भी संदूक ठहर जाता, मोशेह कहते थे,

“याहवेह,

हज़ारों हज़ार इस्राएलियों के निकट लौट आइए.”

Chinese Contemporary Bible 2023 (Traditional)

民數記 10:1-36

銀號

1耶和華對摩西說: 2「你要用銀子打造兩支號,用來招聚會眾和發出拔營的號令。 3吹響兩支號時,全體會眾要在會幕門口聚集到你面前。 4如果只吹響一支號,擔任首領的以色列各族長要聚集到你面前。 5如果吹響拔營的號令,在東面紮營的就要啟行; 6第二次吹響拔營號令時,在南面紮營的就要啟行。拔營號令是啟行的信號。 7但吹號招聚會眾時,不要用拔營號令。 8做祭司的亞倫子孫要負責吹號,這是你們世代當守的永久律例。 9當你們在自己的土地上跟來犯之敵作戰時,要吹響兩支號,你們的上帝耶和華必眷顧你們,救你們脫離敵人。 10在節期和朔日10·10 「朔日」即每月初一。這些歡樂的日子獻燔祭和平安祭的時候,你們要吹號,好在你們的上帝面前蒙眷顧。我是你們的上帝耶和華。」

離開西奈山

11第二年的二月二十日,雲彩從安放約櫃的聖幕上升起, 12以色列人就從西奈曠野啟行,直到雲彩停在巴蘭曠野時才停下來。 13這是他們初次照耶和華藉摩西的吩咐啟行。

14猶大旗下的營隊率先出發,率領猶大支派的是亞米拿達的兒子拿順15率領以薩迦支派的是蘇押的兒子拿坦業16率領西布倫支派的是希倫的兒子以利押17然後,聖幕被拆卸,革順米拉利的子孫抬著聖幕出發。 18隨後出發的是呂便旗下的營隊,率領呂便支派的是示丟珥的兒子以利蘇19率領西緬支派的是蘇利沙代的兒子示路蔑20率領迦得支派的是丟珥的兒子以利雅薩

21隨後出發的是哥轄人,他們抬著聖物前行。在他們到達之前,聖幕應已支好。 22隨後出發的是以法蓮旗下的營隊,率領以法蓮支派的是亞米忽的兒子以利沙瑪23率領瑪拿西支派的是比大蘇的兒子迦瑪列24率領便雅憫支派的是基多尼的兒子亞比但

25殿後的是旗下的營隊,率領支派的是亞米沙代的兒子亞希以謝26率領亞設支派的是俄蘭的兒子帕結27率領拿弗他利支派的是以南的兒子亞希拉28這是以色列各營隊拔營前行的次序。

29摩西對岳父米甸流珥之子何巴說:「我們就要動身前往耶和華應許給我們的地方,祂曾說要把那地方賜給我們。請你跟我們一起去吧,我們必厚待你,耶和華已經應許要賜福給以色列人。」 30何巴說:「我不去了,我要回到我的家鄉和親族那裡。」 31摩西說:「請不要離開我們。你熟悉曠野,可以做我們的嚮導,告訴我們在哪裡紮營。 32如果你跟我們同去,我們一定與你分享耶和華賜給我們的福氣。」

33以色列人離開耶和華的山,走了三天的路程,期間耶和華的約櫃一直在隊伍的前頭,為他們尋找安歇之地。 34他們拔營前行的時候,白天總有耶和華的雲彩在他們上面。 35每當約櫃出發的時候,摩西就說:「耶和華啊,求你興起,擊潰你的仇敵,使恨你的人從你面前逃竄。」 36約櫃停下來的時候,他就說:「耶和華啊,求你回到以色列的千萬人中。」