उद्बोधक 10 – HCV & CCBT

Hindi Contemporary Version

उद्बोधक 10:1-20

1जिस प्रकार मरी हुई मक्खियां सुगंध तेल को बदबूदार बना देती हैं,

उसी प्रकार थोड़ी सी मूर्खता बुद्धि और सम्मान पर भारी पड़ती है.

2बुद्धिमान का हृदय तो उसे सही ओर ले जाता है,

किंतु मूर्ख का हृदय उसे उस ओर जो गलत है.

3रास्ते पर चलते समय भी मूर्खों के हृदय में,

समझ की कमी होती है,

और सबसे उसका कहना यही होता है कि वह एक मूर्ख है.

4यदि राजा का क्रोध तुम्हारे विरुद्ध भड़क गया है,

तो भी तुम अपनी जगह को न छोड़ना;

क्योंकि तुम्हारा धीरज उसके क्रोध को बुझा देगा.

5सूरज के नीचे मैंने एक और बुराई देखी,

जैसे इसे कोई राजा अनजाने में ही कर बैठता है.

6वह यह कि मूर्खता ऊंचे पदों पर बैठी होती है,

मगर धनी लोग निचले पदों पर ही होते हैं.

7मैंने दासों को तो घोड़ों पर,

लेकिन राजाओं को दासों के समान पैदल चलते हुए देखा है.

8जो गड्ढा खोदता है वह खुद उसमें गिरेगा;

और जो दीवार में सेंध लगाता है, सांप उसे डस लेगा.

9जो पत्थर खोदता है वह उन्हीं से चोटिल हो जाएगा;

और जो लकड़ी फाड़ता है, वह उन्हीं से जोखिम में पड़ जाएगा.

10यदि कुल्हाड़े की धार तेज नहीं है

और तुम उसको पैना नहीं करते,

तब तुम्हें अधिक मेहनत करनी पड़ेगी;

लेकिन बुद्धि सफलता दिलाने में सहायक होती है.

11और यदि सांप मंत्र पढ़ने से पहले ही डस ले तो,

मंत्र पढ़ने वाले का कोई फायदा नहीं.

12बुद्धिमान की बातों में अनुग्रह होता है,

जबकि मूर्खों के ओंठ ही उनके विनाश का कारण हो जाते है.

13उसकी बातों की शुरुआत ही मूर्खता से होती है

और उसका अंत दुखदाई पागलपन होता है.

14जबकि वह अपनी बातें बढ़ाकर भी बोलता है.

यह किसी व्यक्ति को मालूम नहीं होता कि क्या होनेवाला है,

और कौन उसे बता सकता है कि उसके बाद क्या होगा?

15मूर्ख की मेहनत उसे इतना थका देती है;

कि उसे नगर का रास्ता भी पता नहीं होता.

16धिक्कार है उस देश पर जिसका राजा एक कम उम्र का युवक है

और जिसके शासक सुबह से ही मनोरंजन में लग जाते हैं.

17मगर सुखी है वह देश जिसका राजा कुलीन वंश का है

और जिसके शासक ताकत के लिए भोजन करते हैं,

न कि मतवाले बनने के लिए.

18आलस से छत की कड़ियों में झोल पड़ जाते हैं;

और जिस व्यक्ति के हाथों में सुस्ती होती है उसका घर टपकने लगता है.

19लोग मनोरंजन के लिए भोजन करते हैं,

दाखमधु जीवन में आनंद को भर देती है,

और धन से हर एक समस्या का समाधान होता है.

20अपने विचारों में भी राजा को न धिक्कारना,

और न ही अपने कमरे में किसी धनी व्यक्ति को शाप देना,

क्योंकि हो सकता है कि आकाश का पक्षी तुम्हारी वह बात ले उड़े

और कोई उड़नेवाला जंतु उन्हें इस बारे में बता देगा.

Chinese Contemporary Bible 2023 (Traditional)

傳道書 10:1-20

1死蒼蠅會使芬芳的膏油發臭,

同樣,一點點愚昧足以毀掉智慧和尊榮。

2智者的心引導他走正路,

愚人的心帶領他入歧途。10·2 這一節希伯來文是「智者的心在右,愚人的心在左。」

3愚人走路時也無知,

向眾人顯出他的愚昧。

4如果當權的人向你大發雷霆,

不要因此就離開崗位,

因為平心靜氣能避免大錯。

5我發現日光之下有一件可悲的事,

似乎是掌權者所犯的錯誤:

6愚人身居許多高位,

富人卻屈居在下。

7我曾看見奴僕騎在馬上,

王子卻像奴僕一樣步行。

8挖掘陷阱的,自己必掉在其中;

拆圍牆的,必被蛇咬;

9開鑿石頭的,必被石頭砸傷;

劈木頭的,必遭木頭的威脅。

10斧頭鈍了若不磨利,

用起來必多費力氣,

但智慧能助人成功。

11弄蛇人行法術之前,

若先被蛇咬,

行法術還有什麼用呢?

12智者口出恩言,

愚人的話毀滅自己。

13愚人開口是愚昧,

閉口是邪惡狂妄。

14愚人高談闊論,

其實無人知道將來的事,

人死後,誰能告訴他世間的事呢?

15愚人因勞碌而筋疲力盡,

連進城的路也認不出來。

16一國之君若年幼無知,

他的臣宰清早便宴樂,

那國就有禍了!

17一國之君若英明尊貴,

他的臣宰為了強身而飲食有律,

不酗酒宴樂,那國就有福了!

18屋頂因人懶惰而坍塌,

房間因人遊手好閒而漏雨。

19宴席帶來歡笑,

酒使人開懷,

錢使人萬事亨通。

20不可咒詛君王,

連這樣的意念都不可有,

也不可在臥室裡咒詛富豪,

因為天空的飛鳥會通風報信,

有翅膀的會把事情四處傳開。