उत्पत्ति 20 – HCV & CCBT

Hindi Contemporary Version

उत्पत्ति 20:1-18

अब्राहाम और अबीमेलेक

1फिर अब्राहाम नेगेव देश की ओर गये तथा कादेश और शूर के बीच में रहने लगे, कुछ समय तक वे गेरार में रहे, 2और वहां अब्राहाम ने अपनी पत्नी साराह के विषय में कहा, “वह मेरी बहन है.” और गेरार के राजा अबीमेलेक ने साराह को बुलवाया तथा अपने महल में रखा.

3परंतु एक रात परमेश्वर ने स्वप्न में अबीमेलेक से कहा, “तू एक मृत व्यक्ति की तरह है, क्योंकि जिस स्त्री को तुमने ले लिया है, वह एक विवाहित स्त्री है.”

4फिर अबीमेलेक ने परमेश्वर से कहा, “हे प्रभु, क्या आप एक निर्दोष जाति को नाश करेंगे? 5क्या अब्राहाम ने मुझसे नहीं कहा, ‘वह मेरी बहन है,’ और क्या साराह ने भी नहीं कहा, ‘वह मेरा भाई है’? मैंने यह काम साफ विवेक और स्वच्छ मन से किया है.”

6तब स्वप्न में ही परमेश्वर ने उससे कहा, “मुझे मालूम है कि तुमने यह काम साफ मन से किया है, इसलिये मैंने तुमको मेरे विरुद्ध में पाप करने से रोक रखा है. इसी कारण से मैंने तुम्हें उसे छूने नहीं दिया है. 7अब तुम उनकी पत्नी को उन्हें लौटा दो, क्योंकि वे एक भविष्यद्वक्ता हैं. वे तुम्हारे लिए प्रार्थना करेंगे और तुम जीवित रहोगे. पर यदि तुम उनकी पत्नी को न लौटाओगे, तो तुम यह निश्चित जान लो कि तुम और तुम्हारे सारे लोग मर जायेंगे.”

8अबीमेलेक ने अगले दिन बड़े सुबह अपने सब कर्मचारियों को बुलवाया, और उन्हें सब बातें बताई, जिसे सुनकर वे बहुत डर गये. 9तब अबीमेलेक ने अब्राहाम को भीतर बुलवाया और उनसे कहा, “तुमने हमसे ये क्या किया? मैंने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है कि तुमने मेरे और मेरे राज्य को इस मुसीबत में डाल दिया है? तुमने मेरे साथ ऐसा काम किया है जो कभी नहीं करना चाहिए.” 10अबीमेलेक ने अब्राहाम से यह भी पूछा, “ऐसा करने का कारण क्या है?”

11अब्राहाम ने कहा, “मैंने अपने मन में सोचा, ‘इस नगर में निश्चित रूप से कोई परमेश्वर से नहीं डरता, और वे लोग मुझे मेरी पत्नी के कारण मार डालेंगे.’ 12इसके बावजूद, वह सही में मेरी बहन ही है, मेरे पिता की बेटी है, पर मेरी मां की बेटी नहीं है; और वह मेरी पत्नी हो गई. 13और जब परमेश्वर ने मुझे अपने पिता का घर छोड़कर निकलने को कहा, तब मैंने ही अपनी पत्नी से यह कहा, ‘तुम इस प्रकार से अपना प्रेम मेरे प्रति दिखा सकती हो: जहां भी हम जाएं, तुम मेरे बारे में यही कहना, “यह मेरा भाई है.” ’ ”

14तब अबीमेलेक ने भेड़, बछड़े, सेवक तथा सेविकाएं लाकर अब्राहाम को दिया, और उनकी पत्नी साराह को भी उन्हें लौटा दिया. 15और अबीमेलेक ने अब्राहाम से कहा, “मेरा पूरा देश तुम्हारे सामने है; तुम जहां चाहे, वहां रह सकते हो.”

16साराह से उसने कहा, “मैं तुम्हारे भाई को चांदी के एक हजार टुकड़े दे रहा हूं. यह तेरे साथ के लोगों के सामने उस अपराध की भरपाई है, जिसे मैंने तेरे विरुद्ध किया है; तू पूरी तरह से निर्दोष है.”

17तब अब्राहाम ने परमेश्वर से प्रार्थना की, और परमेश्वर ने अबीमेलेक, उसकी पत्नी तथा उसकी सेविकाओं को चंगा किया कि वे फिर से संतान पैदा करने लगें, 18क्योंकि याहवेह ने अब्राहाम की पत्नी साराह के कारण अबीमेलेक के परिवार की सभी स्त्रियों की कोखों को बंद कर दिया था.

Chinese Contemporary Bible (Traditional)

創世記 20:1-18

亞伯拉罕與亞比米勒

1亞伯拉罕幔利遷往南地,住在加低斯書珥之間。在基拉耳寄居期間, 2他稱妻子撒拉是自己的妹妹。基拉耳亞比米勒派人帶走了撒拉

3晚上,上帝在夢中對亞比米勒說:「你的死期到了,因為你帶來的那個女人是別人的妻子。」 4亞比米勒還沒有親近撒拉,因此他說:「主啊,難道你要毀滅一個無辜的國家嗎? 5那人親口對我說這女人是他妹妹,她也說那人是她哥哥。我問心無愧,沒有做錯。」 6上帝在夢中對他說:「我知道你問心無愧,所以我才阻止你,不讓你親近她,免得你得罪我。 7現在你要把那人的妻子還給他,他是個先知,他會為你禱告,使你活命。要知道,如果你不這樣做,你和你的人民都必死。」

8亞比米勒清早起來召來他的臣僕,把這件事情告訴他們,他們聽了都十分害怕。 9亞比米勒召見亞伯拉罕,對他說:「你為什麼要害我們?我什麼地方得罪了你?你竟使我和我的人民陷入大罪!你不該這樣做。」 10又說:「你為什麼這樣做?」 11亞伯拉罕回答說:「因為我想這裡的人不敬畏上帝,他們必為了奪我妻子而殺我。 12況且,她真是我的妹妹,與我同父異母,後來做了我的妻子。 13上帝吩咐我離開家鄉到外面漂泊的時候,我對她說,『無論我們到哪裡,你都要說我是你哥哥,這就是你對我的恩情。』」

14於是,亞比米勒帶來牛、羊和男女僕婢送給亞伯拉罕,並把他妻子撒拉還給他, 15又對他說:「我的國土就在你面前,你想住在哪裡都可以。」 16亞比米勒撒拉說:「我給你哥哥十一公斤銀子,在你家人面前證明你是清白的,你沒有做錯什麼。」

17亞伯拉罕祈求上帝,上帝就治好了亞比米勒,也使他妻子和眾婢女恢復了生育能力。 18原來耶和華因為亞伯拉罕的妻子撒拉這件事,使亞比米勒宮中所有的婦女都不能生育。