इब्री 7 – HCV & CCB

Hindi Contemporary Version

इब्री 7:1-28

पुरोहित मेलखीज़ेदेक

1परम प्रधान परमेश्वर के पुरोहित शालेम नगर के राजा मेलखीज़ेदेक ने अब्राहाम से उस समय भेंट की और उन्हें आशीष दी, जब अब्राहाम राजाओं को हरा करके लौट रहे थे, 2उन्हें अब्राहाम ने युद्ध में प्राप्‍त हुई सामग्री का दसवां अंश भेंट किया. मेलखीज़ेदेक नाम का प्राथमिक अर्थ है “धार्मिकता के राजा”; तथा दूसरा अर्थ होगा “शांति के राजा” क्योंकि वह “शालेम नगर के राजा” थे. 3किसी को भी मेलखीज़ेदेक की वंशावली के विषय में कुछ भी मालूम नहीं है जिसका न पिता न माता न वंशावली है, जिसके न दिनों का आदि है और न जीवन का अंत है, परमेश्वर के पुत्र के समान वह अनंत काल के पुरोहित हैं.

4अब विचार करो कि कैसे महान थे यह व्यक्ति, जिन्हें हमारे गोत्रपिता अब्राहाम ने युद्ध में प्राप्‍त हुई वस्तुओं का सबसे अच्छा दसवां अंश भेंट किया! 5मोशेह के द्वारा प्रस्तुत व्यवस्था में लेवी के वंशजों के लिए, जो पुरोहित के पद पर चुने गए हैं, यह आज्ञा है कि वे सब लोगों से दसवां अंश इकट्ठा करें अर्थात् उनसे, जो उनके भाई हैं—अब्राहाम की संतान. 6किंतु उन्होंने, जिनकी वंशावली किसी को मालूम नहीं, अब्राहाम से दसवां अंश प्राप्‍त किया तथा उनको आशीष दी, जिनसे प्रतिज्ञाएं की गई थी. 7यह एक विवाद रहित सच है कि छोटा बड़े से आशीर्वाद प्राप्‍त करता है. 8इस संदर्भ में पुरोहित जो मर जानेवाला मनुष्य है, दसवां अंश प्राप्‍त करते हैं किंतु यहां इसको पानेवाले मेलखीज़ेदेक के विषय में यह कहा गया है कि वह जीवित हैं. 9इसलिये यह कह सकता है कि लेवी ने भी, जो दसवां अंश प्राप्‍त करता है, उस समय दसवां अंश दिया, जब अब्राहाम ने मेलखीज़ेदेक को दसवां अंश भेंट किया, 10जब मेलखीज़ेदेक ने अब्राहाम से भेंट की, उस समय तो लेवी का जन्म भी नहीं हुआ था—वह अपने पूर्वज के शरीर में ही थे.

नई याजकता पहली याजकता से उत्तम

11अब यदि सिद्धि (या पूर्णता) लेवी याजकता के माध्यम से प्राप्‍त हुई—क्योंकि इसी के आधार पर लोगों ने व्यवस्था प्राप्‍त की थी—तब एक ऐसे पुरोहित की क्या ज़रूरत थी, जिसका आगमन मेलखीज़ेदेक की श्रृंखला में हो, न कि हारोन की श्रृंखला में? 12क्योंकि जब कभी पुरोहित पद बदला जाता है, व्यवस्था में बदलाव भी आवश्यक हो जाता है. 13यह सब हम उनके विषय में कह रहे हैं, जो एक दूसरे गोत्र के थे. उस गोत्र के किसी भी व्यक्ति ने वेदी पर पुरोहित के रूप में सेवा नहीं की. 14यह तो प्रकट है कि हमारे प्रभु यहूदाह गोत्र से थे. मोशेह ने इस गोत्र से पुरोहितों के होने का कहीं कोई वर्णन नहीं किया. 15मेलखीज़ेदेक के समान एक अन्य पुरोहित के आगमन से यह और भी अधिक साफ़ हो जाता है, 16मेलखीज़ेदेक शारीरिक आवश्यकताओं की पूर्ति की व्यवस्था के आधार पर नहीं परंतु एक अविनाशी जीवन के सामर्थ्य के आधार पर पुरोहित बने थे 17क्योंकि इस विषय में मसीह येशु से संबंधित यह पुष्टि की गई:

“तुम मेलखीज़ेदेक की श्रृंखला में,

एक अनंत काल के पुरोहित हो.”7:17 स्तोत्र 110:4

18एक ओर पहली आज्ञा का बहिष्कार उसकी दुर्बलता तथा निष्फलता के कारण कर दिया गया. 19क्योंकि व्यवस्था सिद्धता की स्थिति लाने में असफल रहीं—दूसरी ओर अब एक उत्तम आशा का उदय हो रहा है, जिसके द्वारा हम परमेश्वर की उपस्थिति में पहुंचते हैं.

20यह सब शपथ लिए बिना नहीं हुआ. वास्तव में पुरोहितों की नियुक्ति बिना किसी शपथ के होती थी 21किंतु मसीह की नियुक्ति उनकी शपथ के द्वारा हुई, जिन्होंने उनके विषय में कहा:

“प्रभु ने शपथ ली है और

वह अपना विचार परिवर्तित नहीं करेंगे:

‘तुम अनंत काल के पुरोहित हो.’ ”7:21 स्तोत्र 110:4

22इसका मतलब यह हुआ कि मसीह येशु एक उत्तम वाचा के जमानतदार बन गए हैं.

23एक पूर्व में पुरोहितों की संख्या ज्यादा होती थी क्योंकि हर एक पुरोहित की मृत्यु के साथ उसकी सेवा समाप्‍त हो जाती थी; 24किंतु दूसरी ओर मसीह येशु, इसलिये कि वह अनंत काल के हैं, अपने पद पर स्थायी हैं. 25इसलिये वह उनके उद्धार के लिए सामर्थ्यी हैं, जो उनके माध्यम से परमेश्वर के पास आते हैं क्योंकि वह अपने विनती करनेवालों के पक्ष में पिता के सामने निवेदन प्रस्तुत करने के लिए सदा-सर्वदा जीवित हैं.

26हमारे पक्ष में सही यह था कि हमारे महापुरोहित पवित्र, निर्दोष, त्रुटिहीन, पापियों से अलग किए हुए तथा स्वर्ग से भी अधिक ऊंचे हों. 27इन्हें प्रतिदिन, पहले तो स्वयं के पापों के लिए, इसके बाद लोगों के पापों के लिए बलि भेंट करने की ज़रूरत ही नहीं थी क्योंकि इसकी पूर्ति उन्होंने एक ही बार अपने आपको बलि के रूप में भेंट कर हमेशा के लिए कर दी. 28व्यवस्था, महापुरोहितों के रूप में मनुष्यों को चुनता है, जो मानवीय दुर्बलताओं में सीमित होते हैं किंतु शपथ के वचन ने, जो व्यवस्था के बाद प्रभावी हुई, एक पुत्र को चुना, जिन्हें अनंत काल के लिए सिद्ध बना दिया गया.

Chinese Contemporary Bible 2022 (Simplified)

希伯来书 7:1-28

大祭司麦基洗德

1这位麦基洗德撒冷王,也是至高上帝的祭司。当年亚伯拉罕杀败众王凯旋的时候,麦基洗德迎上去为他祝福, 2亚伯拉罕把所得财物的十分之一给了他。麦基洗德这名字的原意是“公义之王”,后来他又被称为撒冷王,意思是“和平之王”。 3他没有父母,没有族谱,生命无始无终,他跟上帝的儿子相似,永远担任祭司的职分。

4试想,连我们的祖先亚伯拉罕都将战利品的十分之一给了他,可见他是何等的尊贵! 5按照摩西律法,那些做祭司的利未后裔可以照例向百姓,就是自己的同胞收取十分之一,尽管他们也是亚伯拉罕的后裔。 6但这位与他们并非同族的麦基洗德,不单接受了亚伯拉罕给他的十分之一,还为承受应许的亚伯拉罕祝福。 7毫无疑问,那为人祝福的总比领受祝福的位分大。 8那些收取十分之一的利未祭司都是会死的人,但那位收取十分之一的麦基洗德被证明仍然活着。 9也可以说,连接受十分之一奉献的利未也透过亚伯拉罕麦基洗德纳了十分之一。 10因为亚伯拉罕遇见麦基洗德时,利未还在他祖先的身体里。

大祭司耶稣

11以色列人在利未祭司制度的基础上承受律法,如果通过这个祭司制度可以达到纯全,又何必照麦基洗德的模式而不是亚伦的模式,另外兴起一位祭司呢? 12既然这祭司制度更改了,律法也必须更改。 13因为这里所说的这位祭司属于别的支派,那支派里从来没有在祭坛前供职的祭司。 14显然,我们的主属于犹大支派,摩西从来没有说这个支派会出祭司。

15-16如果照麦基洗德的模式另外兴起一位祭司,祂做祭司不是照律法要求的血统关系,而是照不能朽坏之生命的大能,事情就更加清楚了。 17因为有一处经文为祂做见证说:“你照麦基洗德的模式永远做祭司。”7:17 诗篇110:4 18以前的条例由于本身的弱点和无用被废除了, 19因为律法并没有使什么变得纯全。但如今有了一个更美好的盼望,我们凭这个盼望来到上帝面前。

20此外,耶稣做祭司还有誓言作保证,其他人做祭司却没有誓言作保证。 21上帝起誓立耶稣为祭司,说:

“主起了誓,绝不反悔,

你永远做祭司。”7:21 诗篇110:4

22这誓言使耶稣成了更美之约的保证人。 23以前做祭司的人数极多,但因为受死亡的限制,都不能长久担任圣职。 24然而,耶稣永远活着,祂的祭司职位也永不更改。 25所以祂能完全拯救那些靠着祂来到上帝面前的人,因为祂永远活着,为他们祈求。

26我们所需要的,正是这样一位圣洁无瑕、纯全无过、远离罪恶、超越诸天的大祭司。 27祂无需像其他大祭司那样每天先为自己的罪献祭,然后为百姓的罪献祭,因为祂一次献上自己的生命,便永远完成了赎罪的工作。 28根据律法所立的大祭司都有人的软弱,但律法之后凭誓言所立的大祭司圣子永远纯全。