हाग्गय 2 – HCV & JCB

Hindi Contemporary Version

हाग्गय 2:1-23

1सातवें माह के इक्कीसवें दिन, याहवेह का यह वचन हाग्गय भविष्यवक्ता के द्वारा आया: 2“शिअलतिएल के पुत्र यहूदिया के राज्यपाल ज़ेरुब्बाबेल, यहोत्सादाक के पुत्र महापुरोहित यहोशू तथा बचे हुए लोगों से बात करो. उनसे पूछो, 3‘तुममें से अब कौन बचा है, जिसने इस भवन की पहले की भव्यता को देखा है? अब यह तुम्हें किस दशा में दिखता है? क्या तुम्हें ऐसा नहीं लगता कि यह अब कुछ भी नहीं रह गया है? 4पर अब, हे ज़ेरुब्बाबेल, दृढ़ बने रहो,’ याहवेह की यह घोषणा है. ‘हे यहोत्सादाक के पुत्र महापुरोहित यहोशू, दृढ़ बने रहो. हे देश के सब लोगो, दृढ़ बने रहो,’ याहवेह की यह घोषणा है, ‘और काम शुरू कर दो. क्योंकि मैं तुम्हारे साथ हूं,’ सर्वशक्तिमान याहवेह की यह घोषणा है. 5‘जब मिस्र देश से तुम बाहर निकले थे, तब मैंने तुमसे यह वाचा बांधी थी. और मेरी आत्मा तुम्हारे बीच में है. तुम मत डरो.’

6“सर्वशक्तिमान याहवेह का यह कहना है: ‘कुछ ही समय बाद मैं एक बार फिर आकाश और पृथ्वी, समुद्र और सूखी भूमि को हिलाऊंगा. 7मैं सारी जनताओं को कंपा दूंगा, और सारी जाति के लोगों की इच्छाएं पूरी होंगी, और मैं इस भवन को महिमा से भर दूंगा,’ सर्वशक्तिमान याहवेह का कहना है. 8‘चांदी मेरी है और सोना भी मेरा है,’ सर्वशक्तिमान याहवेह की यह घोषणा है. 9‘इस वर्तमान भवन की भव्यता पहले के भवन की भव्यता से बढ़कर होगी,’ सर्वशक्तिमान याहवेह का यह कहना है. ‘और इस स्थान में, मैं शांति दूंगा,’ सर्वशक्तिमान याहवेह की यह घोषणा है.”

अशुद्ध लोगों के लिये आशीषें

10राजा दारयावेश के शासनकाल के दूसरे साल के चौबीसवें दिन याहवेह का यह वचन हाग्गय भविष्यवक्ता के पास आया: 11“सर्वशक्तिमान याहवेह का यह कहना है: ‘पुरोहितों से पूछो कि कानून क्या कहता है: 12यदि कोई व्यक्ति अपने कपड़े में पवित्र मांस ले जा रहा है, और वह कपड़ा किसी रोटी या भोजन, अंगूर की दाखमधु, जैतून तेल या किसी और खाने के चीज़ से छू जाए, तो क्या वह चीज़ भी पवित्र हो जाएगी?’ ”

पुरोहितों ने उत्तर दिया, “नहीं.”

13तब हाग्गय ने कहा, “किसी शव को छूने के कारण यदि कोई व्यक्ति अशुद्ध है, और वह इनमें से किसी चीज़ को छू लेता है, तो क्या वह चीज़ भी अशुद्ध हो जाएगी?”

पुरोहितों ने उत्तर दिया, “जी हां, वह अशुद्ध हो जाएगी.”

14तब हाग्गय ने कहा, “याहवेह की यह घोषणा है, ‘मेरी नजर में ये लोग और यह जाति भी ऐसी ही हैं. जो कुछ भी वे करते और जो कुछ भी वे वहां चढ़ाते हैं, वह अशुद्ध है.

15“ ‘अब सावधानीपूर्वक आज से इस बात पर ध्यान दो—विचार करो कि पहले चीज़ें कैसी थी, जब याहवेह के मंदिर में एक पत्थर पर दूसरा नहीं रखा गया था. 16उस समय, जब कोई बीस माप अन्‍न के ढेर की आशा में आता था, तो उसे सिर्फ दस ही मिलते थे. जब कोई अंगूर के दाखमधु कुंड से पचास माप दाखमधु लेने जाता था, तो उसे वहां सिर्फ बीस ही मिलता था. 17मैंने तुम्हारे खेती के सब कामों पर सूखा, पौधों का रोग लाया और ओलावृष्टि की, फिर भी तुम लौटकर मेरे पास नहीं आए,’ याहवेह की यह घोषणा है. 18‘आज से, नौवें महीने के इस चौबीसवें दिन से उस दिन के बारे में ध्यानपूर्वक सोचो, जब याहवेह के मंदिर की नींव रखी गई थी. ध्यानपूर्वक सोचो: 19क्या अभी भी कोई बीज खलिहान में बचा है? अब तक, अंगूर की लता, अंजीर के पेड़, अनार के पेड़ और जैतून के पेड़ में कोई फल नहीं लगा है.

“ ‘पर आज से मैं तुम्हें आशीष दूंगा.’ ”

ज़ेरुब्बाबेल, याहवेह की मुहरदार अंगूठी

20तब दूसरी बार उसी माह के चौबीसवें दिन याहवेह का यह वचन हाग्गय के पास आया: 21“यहूदिया के राज्यपाल ज़ेरुब्बाबेल से कह कि मैं आकाश और पृथ्वी को हिलाने पर हूं. 22मैं राज्यों के सिंहासनों को पलट दूंगा और विदेशी राज्यों की शक्ति को चकनाचूर कर दूंगा. मैं रथों और उनके सारथियों को पटक दूंगा; घोड़ों समेत उनके घुड़सवार एक दूसरे की तलवार से मारे जाएंगे.

23“सर्वशक्तिमान याहवेह की यह घोषणा है, ‘शिअलतिएल के पुत्र मेरे सेवक ज़ेरुब्बाबेल, उस दिन, मैं तुम्हें लूंगा,’ याहवेह की यह घोषणा है, ‘और मैं तुम्हें अपने मुहरदार अंगूठी के समान बना दूंगा, क्योंकि मैंने तुम्हें चुना है,’ सर्वशक्तिमान याहवेह की यह घोषणा है.”

Japanese Contemporary Bible

ハガイ書 2:1-23

2

新しい家に約束された神の栄光

1同じ年の第七の月の二十一日に、主は次のようなことばをハガイを通して彼らに送りました。 2「総督と大祭司、およびこの地に残っているすべての者に、こう尋ねよ。 3『あなたがたの中に、前にあった神殿を思い出せる者がいるか。それは栄光に輝く神殿であった。それに比べると、今は無に等しいのではないか。 4しかし勇気を出せ、ゼルバベル、ヨシュア、すべての民よ。元気を出して働け。わたしが共にいるのだからと、全能の主が言われる。 5エジプトを出た時、わたしの霊がおまえたちにとどまる、と約束した。だから恐れるな。』

6全能の主は語ります。『しばらくして、わたしは天と地を、また海も、そして乾いた地を揺り動かし始める。 7すべての国を揺り動かす。すべての国の望みである者がこの神殿に来て、わたしはここをわたしの栄光で満たす。 8-9この神殿の未来の輝きは、最初の神殿の輝きより大きくなる。それに必要な金銀を、わたしがたくさん持っているからだ。そしてわたしは、ここに平和をもたらす』と主は言われる。」

汚れた人への祝福

10ダリヨス王の治世第二年の第九の月の二十四日に、次のようなことばが、主から預言者ハガイを通して示されました。「 11祭司たちに、律法について次のように尋ねよ。 12『あなたたちのうちだれかが、聖なるいけにえを衣のすそに入れて運んでいて、そのすそがパンかぶどう酒か肉に触れたなら、触れたものも聖なるものとなるか。』」祭司は答えました。「いや、そんなことできよさは他のものに移らない。」

13ハガイは続けて尋ねました。「しかし、だれかが死人に触れるなら汚れる。では、その人が何かに触れると、それも汚れるか。」「そのとおり」と祭司たちは答えました。

14ハガイは質問の真意をはっきりさせて、こう言いました。「あなたがた民は、身勝手な態度と良くない思いをもって過ごすことで、自分がささげるいけにえを汚していた。いけにえだけではなく、わたしに対する奉仕として行うことも汚していた。 15それで、なすことすべてうまくいかなかったのだ。だが、今からは違う。神殿を建て始めたからだ。 16-17前には二十束の収穫を期待しても、十束しかなかった。五十桶分のオリーブ油を絞ろうとしても、二十桶分しか絞れなかった。立ち枯れ病と黒穂病と雹で、あなたがたの労働に報いたからだ。それでもあなたがたは、わたしのもとに帰ろうとしなかった、と主は言われる。

18-19さあ今、このことを心に留めよ。この月の二十四日、すなわち、主の神殿の土台が据えられたこの日から、そしてこの日から先、わたしはあなたがたを祝福しよう。心に留めよ。あなたがたが神殿の再建を始める前、穀物を刈り入れる前に、ぶどう、いちじく、ざくろ、オリーブが実を結ぶ前に約束しておこう。今日からのち、わたしはあなたがたを祝福する。」

主の指輪であるゼルバベル

20同じ日に、主からもう一つのことばがハガイに示されました。 21「ユダの総督ゼルバベルに告げよ。『わたしは天と地を揺り動かそうとしている。 22王座をくつがえし、諸国民の王国の力を滅ぼそうとしている。わたしはその兵力を砕き、兄弟や仲間は互いに殺し合う。 23しかし、そのことが起こったら、わたしのしもべゼルバベルよ、あなたを選んで、わたしの指にはめた印章のように誉れを授ける。わたしがあなたを選んだからだ。』このように、全能の主は言われる。」