परमेश्वर से मेल-मिलाप
1जब एज़्रा परमेश्वर के भवन के सामने भूमि पर दंडवत कर प्रार्थना करते हुए पाप स्वीकार करते हुए रो रहे थे, इस्राएल के पुरुषों, स्त्रियों एवं बालकों की एक बहुत बड़ी भीड़ उनके पास इकट्ठी हो चुकी थी. वे सभी फूट-फूटकर रो रहे थे. 2एलाम कुल के येहिएल के पुत्र शेकानियाह ने एज़्रा से कहा, “हम अपने परमेश्वर के प्रति विश्वासयोग्य नहीं रहे हैं और हमने इस देश के लोगों में से विदेशी स्त्रियों से विवाह कर लिया है. यह सब होने पर भी इस्राएल के लिए अब एक ही आशा बची है. 3इसलिये अब आइए हम अपने परमेश्वर से वाचा बांधें तथा अपनी सभी पत्नियों तथा उनसे पैदा बालकों को छोड़ दें-जैसा कि मेरे प्रधान तथा उनका जिन्हें परमेश्वर के इस आदेश के प्रति पूर्ण विश्वास है, उनकी सलाह है. यह सब व्यवस्था के अनुसार ही पूरा किया जाए. 4आप तैयार हो जाइए! क्योंकि यह अब आपकी ही जवाबदारी है. हम आपके साथ हैं. आप साहस के साथ इसको कीजिए.”
5यह सुन एज़्रा उठे तथा सभी अगुए पुरोहितों, लेवियों तथा सारे इस्राएल को यह शपथ लेने के लिए प्रेरित किया कि वे इस प्रस्ताव के अनुसार ही करेंगे. इसलिये उन्होंने यह शपथ ली. 6तब एज़्रा परमेश्वर के भवन के सामने से उठे और एलियाशिब के पुत्र येहोहानन के कमरे में चले गए. वह उस कमरे में चले ज़रूर गए मगर उन्होंने वहां न कुछ खाया और न कुछ पिया; क्योंकि वह निकाले गए लोगों द्वारा किए गए इस विश्वासघात के लिए दुःखी थे.
7उन सभी ने सारे यहूदिया तथा येरूशलेम में निकालकर लाए लोगों के लिए यह घोषणा की, कि उन्हें येरूशलेम में इकट्ठा होना है, 8तथा जो कोई प्रधानों और प्राचीनों की सलाह के अनुसार तीन दिनों के भीतर वहां उपस्थित न होगा, उसकी सारी संपत्ति ज़ब्त कर ली जाएगी तथा स्वयं उसे बंधुआई से निकल आए लोगों की सभा से निकाल दिया जाएगा.
9तब यहूदिया तथा बिन्यामिन के सारे पुरुष तीन दिनों के अंदर येरूशलेम में इकट्ठा होने को गए. यह अवसर था नवें महीने की बीसवीं तारीख का. सभी इस अवसर पर परमेश्वर के भवन के सामने खुले आंगन में बैठे हुए थे. इस विषय के कारण वे भयभीत थे तथा मूसलाधार बारिश भी हो रही थी, तब उन पर कंपकंपी छाई हुई थी. 10पुरोहित एज़्रा खड़े हो गए तथा उन्हें संबोधित करने लगे, “आप लोगों ने विश्वासघात किया और विदेशी स्त्रियों से विवाह करने के द्वारा आपने इस्राएल पर दोष बढ़ा दिया है. 11तब यही मौका है कि आप लोग याहवेह अपने पूर्वजों के परमेश्वर के सामने अपने पाप स्वीकार करें, तथा उनकी संतुष्टि के लिए उपयुक्त कदम उठाएं. स्वयं को इस देश के मूल निवासियों से तथा विदेशी स्त्रियों से अलग कर लीजिए.”
12ऊंची आवाज में उपस्थित भीड़ ने घोषणा की, “जो आज्ञा! जो कुछ आपने कहा है हम वही करेंगे. 13किंतु हम लोगों की संख्या बड़ी है, फिर यह बरसात ऋतु है, तब हम खुले में खड़े न रह सकेंगे. इसके अलावा यह काम ऐसा नहीं, जो एक अथवा दो दिनों में पूरा हो जाए, क्योंकि हमारे पाप बहुत ही भयंकर हो चुके है. 14हमारे प्रधान सारी सभा की अगुवाई करें तथा वे सभी नगरवासी जिनकी विदेशी पत्नियां हैं, निर्धारित अवसर पर हर एक नगर के प्राचीनों एवं न्यायाध्यक्षों के साथ यहां आ जाएं, कि इस विषय के कारण हमारे परमेश्वर का यह भड़का हुआ क्रोध हम पर से शांत हो जाए.” 15इस प्रस्ताव का विरोध सिर्फ दो व्यक्तियों ने किया: आसाहेल के पुत्र योनातन तथा तिकवाह के पुत्र याहाज़िएल. लेवी शब्बेथाइ ने इन दोनों का समर्थन किया.
16उन सभी बंधुआई से आए लोगों ने एज़्रा द्वारा सुझाई गई योजना का समर्थन किया. पुरोहित एज़्रा ने नामों का उल्लेख करते हुए पितरों के प्रधानों को चुना. ये सभी दसवें महीने के पहले दिन इस विषय से संबंधित सच्चाईयों का परीक्षण करने इकट्ठा हो गए. 17विदेशी स्त्रियों से विवाहित सभी पुरुषों का परीक्षण पहले महीने की पहली तारीख पर पूरा हो गया.
अंतर्जातीय विवाह के दोषी
18पुरोहितों के उन पुत्रों में से वे, जिन्होंने विदेशी स्त्रियों से विवाह कर लिया था:
ये थे योज़ादक का पुत्र येशुआ तथा उसके भाई:
मआसेइयाह, एलिएज़र, यारिब तथा गेदालियाह. 19उन्होंने शपथ ली कि वे अपनी पत्नियों को छोड़ देंगे. तब इसलिये कि वे दोषी थे, उन्होंने भेड़-बकरियों में से इस दोष से छूटने के लिए एक मेढ़े की बलि चढ़ाई.
20इम्मर के पुत्रों में से थे:
हनानी तथा ज़ेबादिया.
21हारिम के पुत्रों में से थे:
मआसेइयाह, एलियाह, शेमायाह, येहिएल तथा उज्जियाह.
22पशहूर के पुत्रों में से:
एलिओएनाइ, मआसेइयाह, इशमाएल, नेथानेल, योज़ाबाद तथा एलासाह.
23लेवियों में से थे:
योज़ाबाद, शिमेई, केलाइयाह (अर्थात्, केलिता), पेथाइयाह, यहूदाह तथा एलिएज़र.
24गायकवृन्दों में से था:
एलियाशिब;
द्वारपालों में शल्लूम,
तेलेम तथा उरी.
25इस्राएल में पारोश के पुत्रों में से थे:
रामियाह, इज्ज़ियाह, मालखियाह, मियामिन, एलिएज़र, मालखियाह तथा बेनाइयाह.
26एलाम के वंशजों में से थे:
मत्तनियाह, ज़करयाह, येहिएल, अबदी, येरेमोथ तथा एलियाह.
27ज़त्तू के पुत्रों में से थे:
एलिओएनाइ, एलियाशिब, मत्तनियाह, येरेमोथ, ज़ाबाद तथा आजिजा.
28बेबाइ के पुत्रों में से थे:
येहोहानन, हननियाह, ज़ब्बाई तथा अथलाइ.
29बानी के पुत्रों में से थे:
मेशुल्लाम, मल्लूख तथा अदाइयाह याशूब, शेअल तथा येरेमोथ.
30पाहाथ-मोआब के पुत्रों में से थे:
आदना, चेलल, बेनाइयाह मआसेइयाह, मत्तनियाह, बसलेल, बिन्नूइ तथा मनश्शेह.
31हारिम के पुत्रों में से थे:
एलिएज़र, इश्शियाह, मालखियाह, शेमायाह, शिमओन, 32बिन्यामिन, मल्लूख तथा शेमारियाह.
33हाषूम के पुत्रों में से थे:
मत्तेनाइ, मत्तात्ताह ज़ाबाद, एलिफेलेत, येरेमाई, मनश्शेह तथा शिमेई.
34बानी के पुत्रों में से थे:
मआघई, अमराम, उएल, 35बेनाइयाह, बेदेइयाह, चेलुही, 36वानियाह, मेरेमोथ, एलियाशिब, 37मत्तनियाह, मत्तेनाइ, यआसु
38बानी, बिन्नूइ के पुत्रों में से थे:
शिमेई, 39शेलेमियाह, नाथान अदाइयाह, 40माखनादेबाइ, शाशाई, शाराई, 41अज़ारेल, शेलेमियाह, शेमारियाह 42शल्लूम, अमरियाह तथा योसेफ़.
43नेबो के पुत्रों में से थे:
येइएल, मत्तीथियाह, ज़ाबाद, ज़ेबिना, यद्दाइ, योएल तथा बेनाइयाह.
44इन सभी ने विदेशी स्त्रियों से विवाह किया था तथा इनमें से कुछ के इन स्त्रियों से संतान भी पैदा हुई थी.
Покаяние народа и расторжение смешанных браков
1Пока Узайр молился, признаваясь в грехах, плача и падая на землю перед домом Всевышнего, вокруг него собралась большая толпа исраильтян: мужчин, женщин и детей. Они тоже горько плакали. 2И Шехания, сын Иехиила, один из потомков Елама, обратился к Узайру, сказав:
— Мы нарушили верность нашему Богу, женившись на чужеземках из народов, что вокруг нас. Но даже теперь у Исраила ещё есть надежда. 3Итак, давайте заключим с нашим Богом священное соглашение, чтобы удалить от себя всех этих женщин и их детей, по совету моего господина и тех, кто благоговеет перед повелениями нашего Бога. Пусть всё будет по Закону. 4Поднимись, это дело в твоих руках. Мы поддержим тебя, соберись с духом и действуй.
5Узайр поднялся и заставил главных священнослужителей, левитов и весь Исраил поклясться сделать так, как было предложено. И они поклялись.
6Узайр удалился от дома Всевышнего и пошёл в комнату Иоханана, сына Элиашива. Пока он был там, он не ел хлеба и не пил воды, потому что скорбел о неверности переселенцев.
7И в Иудее, и в Иерусалиме объявили, что все переселенцы должны собраться в Иерусалиме, 8а если кто-нибудь не придёт в течение трёх дней, у того — по решению вождей и старейшин — будет отобрано всё его имущество, а сам он будет изгнан из общины переселенцев.
9В течение трёх дней все мужчины Иуды и Вениамина собрались в Иерусалиме. И на двадцатый день девятого месяца (19 декабря 458 г. до н. э.) весь народ сидел на площади перед домом Всевышнего, дрожа из-за этого дела и из-за ливня. 10Священнослужитель Узайр встал и сказал им:
— Вы совершили предательство: вы женились на чужеземках, увеличив вину Исраила. 11Итак, открыто признайтесь Вечному, Богу ваших предков, в своих грехах и исполните Его волю. Отделитесь от народов, что вокруг вас, и от ваших иноплеменных жён.
12Всё собрание ответило громким криком:
— Ты прав! Мы должны сделать, как ты сказал. 13Но здесь много людей и сейчас время дождей, так что мы не можем стоять на улице. Да и дело это не на день и не два, потому что мы в этом сильно согрешили. 14Пусть наши вожди представляют всё собрание. И пусть все в наших городах, кто женился на иноземках, приходят в установленное время вместе со старейшинами и судьями каждого города, пока от нас не отвратится пылающий гнев нашего Бога за это дело.
15Только Ионафан, сын Асаила, и Иахзея, сын Тиквы, а с ними Мешуллам и левит Шаббетай, воспротивились этому. 16Переселенцы сделали, как было предложено. Священнослужитель Узайр выбрал людей, которые были главами семейств, по одному из каждого семейства; все они были названы поимённо. В первый день десятого месяца (29 декабря 458 г. до н. э.) они сели, чтобы разбирать это дело, 17и к первому дню первого месяца следующего года (27 марта 457 г. до н. э.) закончили расследование относительно всех, кто женился на чужеземках.
Список женатых на чужеземках
18Среди потомков священнослужителей на чужеземках женились:
Из потомков Иешуа, сына Иехоцадака, и его братьев: Маасея, Элиезер, Иарив и Гедалия. 19(Они обещали развестись со своими жёнами, и за свою вину каждый принёс барана из своей отары в жертву повинности.)
20Из потомков Иммера: Ханани и Зевадия.
21Из потомков Харима: Маасея, Ильяс, Шемая, Иехиил и Уззия.
22Из потомков Пашхура: Элиоенай, Маасея, Исмаил, Нетанил, Иозавад и Эласа.
23Среди левитов: Иозавад, Шимей, Келая (он же Келита), Петахия, Иуда и Элиезер.
24Из певцов: Элиашив.
Из привратников: Шаллум, Телем и Ури.
25А среди прочих исраильтян:
Из потомков Пароша: Рамия, Иззия, Малхия, Миямин, Элеазар, Малхия и Беная.
26Из потомков Елама: Маттания, Закария, Иехиил, Авди, Иеримот и Ильяс.
27Из потомков Затту: Элиоенай, Элиашив, Маттания, Иеримот, Завад и Азиза.
28Из потомков Бевая: Иоханан, Ханания, Заббай и Атлай.
29Из потомков Бани: Мешуллам, Маллух, Адая, Иашув, Шеал и Иеримот.
30Из потомков Пахат-Моава: Адна, Келал, Беная, Маасея, Маттания, Бецалил, Биннуи и Манасса.
31Из потомков Харима: Элиезер, Ишшия, Малхия, Шемая, Шимеон, 32Вениамин, Маллух и Шемария.
33Из потомков Хашума: Маттенай, Маттата, Завад, Элифелет, Иеремай, Манасса и Шимей.
34Из потомков Бани: Маадай, Амрам, Уил, 35Беная, Бедея, Келухи, 36Ванея, Меремот, Элиашив, 37Маттания, Маттенай и Иаасу.
38Из потомков Биннуи10:37‒38 Или: «Иаасу, 38 Бани, Биннуи».: Шимей, 39Шелемия, Нафан, Адая, 40Махнадевай, Шашай, Шарай, 41Азарил, Шелемия, Шемария, 42Шаллум, Амария и Юсуф.
43Из потомков Нево: Иеил, Маттафия, Завад, Зевина, Иаддай, Иоиль и Беная.
44Все они женились на чужеземках, и некоторые из их жён родили им детей10:44 Или: «и все они отослали своих жён вместе с детьми»..