哈巴谷書 1 – CCBT & HCV

Chinese Contemporary Bible 2023 (Traditional)

哈巴谷書 1:1-17

1以下是哈巴谷先知得到的啟示。

哈巴谷的抱怨

2耶和華啊,

我要向你呼救到何時,

你才垂聽呢?

暴虐橫行,我向你呼求到何時,

你才肯拯救?

3你為何讓我目睹罪惡?

你為何對邪惡坐視不理?

我眼前盡是毀滅和暴力,

到處是紛爭和衝突。

4因此律法失效,

正義不彰,

惡人包圍義人,

正義被扭曲。

耶和華的答覆

5耶和華說:「你們環顧列國,

仔細察看,

必驚奇不已,

因為我要在你們的時代行一件事,

即使有人告訴你們,你們也不會相信。

6我要使兇殘、暴虐的迦勒底人興起。

他們要席捲天下,

強佔別人的家園。

7他們任意妄為,

令人膽戰心驚。

8「他們的馬比豹子還快,

比夜間的豺狼還猛。

他們的騎兵從遠方飛馳而來,

如鷹撲食。

9他們殘暴成性,

像狂風一樣撲來,

抓獲的俘虜多如塵沙。

10他們嘲笑君王,譏諷首領,

對一切堅城嗤之以鼻,

修築高臺將其攻取。

11這些罪人如狂風橫掃而過,

他們奉自己的力量為神明。」

哈巴谷再次抱怨

12耶和華,

我的上帝,我的聖者啊,

你從亙古就存在,

你永不消逝1·12 「你永不消逝」另有希伯來文抄本作「我們不會死」。

耶和華啊,你派迦勒底人來審判;

磐石啊,你立他們作施罰者。

13你的眼目極為清潔,

見不得邪惡,

也不能容忍罪惡。

但你為何容忍奸惡之人呢?

惡人吞滅比他們公義的人,

你為何默然不語呢?

14你為何使人像海裡的魚,

像沒有首領的爬蟲呢?

15迦勒底人用鉤子鉤住他們,

用漁網網住他們,

用拖網把他們聚在一起,

並因此而歡喜快樂。

16迦勒底人向漁網獻祭,

向漁網燒香,

因為他們靠漁網而富裕,

食物充足。

17難道他們要無休止地撒網,

無情地毀滅列國嗎?

Hindi Contemporary Version

हबक्कूक 1:1-17

1हबक्कूक भविष्यवक्ता के द्वारा पाया गया भविष्यवाणी का वचन.

हबक्कूक की शिकायत

2हे याहवेह, कब तक, मैं सहायता के लिए गुहार लगाता रहूंगा,

पर आप नहीं सुनते हैं?

या कब तक मैं आपसे पुकारकर कहूं, “हिंसा!”

पर आप बचाते नहीं हैं?

3आप क्यों मुझे अन्याय को देखने के लिये विवश कर रहे हैं?

आप क्यों गलत कामों को सहन कर रहे हैं?

विनाश और हिंसा मेरे सामने आ गयी है;

लड़ाई और झगड़े बहुत हो रहे हैं.

4कानून-व्यवस्था ढीली हो गई है,

और न्याय कभी नहीं मिल रहा है.

दुष्ट लोग धर्मी लोगों पर हावी हो रहे हैं,

जिससे न्याय नहीं मिल रहा है.

याहवेह का उत्तर

5“जाति-जाति के लोगों की ओर देखो और उनकी गतिविधियों पर ध्यान दो,

और तुम बहुत ही चकित होओ.

तुम्हारे ही जीवनकाल में मैं कुछ ऐसा करने पर हूं

कि यदि यह बात तुम्हें बताई भी जाय,

तब भी तुम उस पर विश्वास नहीं करोगे.

6मैं बाबेल के लोगों को खड़ा कर रहा हूं,

जो कि निर्दयी और दुस्साहसी हैं,

वे सारी पृथ्वी पर फैल रहे हैं

ताकि उन स्थानों पर कब्जा कर लें, जो उनके नहीं है.

7वे डरावने और भयानक लोग हैं;

वे स्वयं अपने में कानून हैं,

और वे अपने स्वयं के आदर को बढ़ावा देते हैं.

8उनके घोड़े चीतों से भी ज्यादा तेज,

और संध्याकाल के भेड़ियों से भी क्रूर हैं.

उनके घुड़सवार सैनिक अपने घोड़ों को उतावलेपन से सरपट दौड़ाते हैं;

और उनके घुड़सवार बहुत दूर से आते हैं.

वे झपटकर अपने शिकार को खा जानेवाले गरुड़ की तरह उड़ते हैं;

9वे सब हिंसा करने के इरादे से आते हैं.

उनके उपद्रवी झुंड मरुस्थल के आंधी की तरह आगे बढ़ते हैं

और बंदियों को बालू के समान बटोरते हैं.

10वे राजाओं का उपहास करते हैं

और शासकों की खिल्ली उड़ाते हैं.

वे मिट्टी के ढलान बनाकर गढ़ों से घिरे शहरों पर कब्जा कर लेते हैं;

इस प्रकार वे उन सब शहरों की हंसी उड़ाते हैं.

11तब वे आंधी की तरह निकल जाते हैं और आगे बढ़ते हैं,

वे अपराधी हैं, उनका खुद का बल ही उनका देवता है.”

हबक्कूक की दूसरी शिकायत

12हे याहवेह, क्या आप अनादिकाल से नहीं हैं?

हे मेरे परमेश्वर, मेरे पवित्र परमेश्वर, आपकी मृत्यु कभी न होगी.

हे याहवेह, आपने ही उन्हें न्याय करने के लिए ठहराया है;

हे मेरी चट्टान, आपने ही उन्हें दंड देने के लिये नियुक्त किया है.

13आपकी दृष्टि ऐसी शुद्ध हैं कि उससे बुराई छुप नहीं सकती;

आप बुरे कार्य को सहन नहीं कर सकते.

तो फिर आप विश्वासघाती लोगों को क्यों सहन करते हैं?

आप चुप क्यों रहते हैं, जब दुष्ट जन

अपने से ज्यादा धर्मी जन को नाश करते हैं?

14आपने मनुष्यों को समुद्र में मछलियों के समान,

समुद्र के जीव-जन्तुओं के समान बनाया है जिनका कोई शासक नहीं होता.

15दुष्ट शत्रु उन सबको मछली फंसाने के कांटे से फंसाकर खींचता है,

वह उनको अपने जाल में पकड़ लेता है,

वह उनको अपने मछली के जाल में इकट्ठा करता है;

और इस प्रकार वह आनंद और खुशी मनाता है.

16इसलिये वह अपने जाल के लिये बलि चढ़ाता

और अपने मछली के जाल के आगे धूप जलाता है,

क्योंकि वह अपने जाल के कारण आराम का जीवन जीता

और मनपसंद भोजन का आनंद उठाता है.

17तब क्या वह अपने जाल को खाली करते हुए,

बिना दया के जाति-जाति के लोगों को नाश करता ही रहेगा?