箴言 9 – CCB & HCV

Chinese Contemporary Bible 2022 (Simplified)

箴言 9:1-18

智慧和愚昧

1智慧建造她的房屋,

她凿出七根柱子。

2她宰了牲口,

调了美酒,

设了宴席,

3派婢女出去邀请宾客,

自己在城中高处呼喊:

4“愚昧人啊,到这里来吧!”

她又对无知者说:

5“来吃我做的饭,

喝我调的酒吧!

6你们要抛弃愚昧,就能存活,

要转向悟性之道。”

7纠正嘲讽者,必自招羞辱;

责备恶人,必自招伤害。

8不要责备嘲讽者,免得他恨你;

要责备智者,他必爱你。

9教导智者,他就更有智慧;

指教义人,他就更有见识。

10智慧始于敬畏耶和华,

认识至圣者便是明智。

11智慧可增添你的年日,

加添你的寿数。

12人有智慧,自得益处;

人好嘲讽,自食恶果。

13愚昧的女人喧嚷,蒙昧,无知。

14她坐在自己的家门口,

坐在城中高处的座位上,

15招呼着匆匆前行的过客:

16“愚昧人啊,到这里来吧!”

她又对无知者说:

17“偷来的水甜,偷来的饼香。”

18他们却不知她那里亡魂憧憧,

她的客人已落在阴间的深处。

Hindi Contemporary Version

सूक्ति संग्रह 9:1-18

बुद्धि का आमंत्रण

1ज्ञान ने एक घर का निर्माण किया है;

उसने काटकर अपने लिए सात स्तंभ भी गढ़े हैं.

2उसने उत्कृष्ट भोजन तैयार किए हैं तथा उत्तम द्राक्षारस भी परोसा है;

उसने अतिथियों के लिए सभी भोज तैयार कर रखा है.

3आमंत्रण के लिए उसने अपनी सहेलियां भेज दी हैं

कि वे नगर के सर्वोच्च स्थलों से आमंत्रण की घोषणा करें,

4“जो कोई सरल-साधारण है, यहां आ जाए!”

जिस किसी में सरल ज्ञान का अभाव है, उसे वह कहता है,

5“आ जाओ, मेरे भोज में सम्मिलित हो जाओ.

उस द्राक्षारस का भी सेवन करो, जो मैंने परोसा है.

6अपना भोला चालचलन छोड़कर;

समझ का मार्ग अपना लो और जीवन में प्रवेश करो.”

7यदि कोई ठट्ठा करनेवाले की भूल सुधारता है, उसे अपशब्द ही सुनने पड़ते हैं;

यदि कोई किसी दुष्ट को डांटता है, अपने ही ऊपर अपशब्द ले आता है.

8तब ठट्ठा करनेवाले को मत डांटो, अन्यथा तुम उसकी घृणा के पात्र हो जाओगे;

तुम ज्ञानवान को डांटो, तुम उसके प्रेम पात्र ही बनोगे.

9शिक्षा ज्ञानवान को दो. इससे वह और भी अधिक ज्ञानवान हो जाएगा;

शिक्षा किसी सज्जन को दो, इससे वह अपने ज्ञान में बढ़ते जाएगा.

10याहवेह के प्रति श्रद्धा-भय से ज्ञान का

तथा महा पवित्र के सैद्धान्तिक ज्ञान से समझ का उद्भव होता है.

11तुम मेरे द्वारा ही आयुष्मान होगे

तथा तुम्हारी आयु के वर्ष बढ़ाए जाएंगे.

12यदि तुम बुद्धिमान हो, तो तुम्हारा ज्ञान तुमको प्रतिफल देगा;

यदि तुम ज्ञान के ठट्ठा करनेवाले हो तो इसके परिणाम मात्र तुम भोगोगे.

13श्रीमती मूर्खता उच्च स्वर में बक-बक करती है;

वह भोली है, अज्ञानी है.

14उसके घर के द्वार पर ही अपना आसन लगाया है,

जब वह नगर में होती है तब वह अपने लिए सर्वोच्च आसन चुन लेती है,

15वह उनको आह्वान करती है, जो वहां से निकलते हैं,

जो अपने मार्ग की ओर अग्रगामी हैं,

16“जो कोई सीधा-सादा है, वह यहां आ जाए!”

और निबुद्धियों से वह कहती है,

17“मीठा लगता है चोरी किया हुआ जल;

स्वादिष्ट लगता है वह भोजन, जो छिपा-छिपा कर खाया जाता है!”

18भला उसे क्या मालूम कि वह मृतकों का स्थान है,

कि उसके अतिथि अधोलोक में पहुंचे हैं.