民数记 8 – CCB & HCV

Chinese Contemporary Bible (Simplified)

民数记 8:1-26

安置七盏灯

1耶和华对摩西说: 2“你告诉亚伦,安放灯的时候,七盏灯都要照向灯台的前面。” 3亚伦就照耶和华对摩西的吩咐把灯放好,使灯照向前方。 4整座灯台,从灯座到上面的花苞,都是照耶和华对摩西的吩咐用金子锤制而成的。

为利未人行洁净与奉献礼

5耶和华对摩西说: 6“你要把利未人从其他以色列人中分别出来,洁净他们。 7要用以下的方法洁净他们,把洁净水洒在他们身上,叫他们用剃刀剃净全身,洗净衣服,这样他们就洁净了。 8然后叫他们带来一头公牛犊及作素祭的调了油的细面粉,你要另献一头公牛犊作赎罪祭。 9你要招聚以色列全体会众,将利未人带到会幕前, 10带到耶和华面前,会众要按手在他们身上。 11亚伦要把他们献给耶和华,作为以色列人献的摇祭,使他们可以事奉耶和华。 12利未人要按手在那两头公牛的头上,然后你要把一头作为赎罪祭,一头作为燔祭献给耶和华,好为利未人赎罪。 13你要让利未人站在亚伦父子们面前,把他们当作摇祭献给耶和华。 14这样,你就把利未人从其他以色列人中分别出来,使他们归给我。 15利未人被洁净、当作摇祭献上以后,就可以进会幕司职, 16因为在以色列人中,他们完全属于我,我拣选他们归我所有,以代替以色列人所有的长子。 17以色列人所有的长子和头生的牲畜都属于我。我击杀埃及人所有的长子和头生的牲畜那天,已把以色列人所有的长子和头生的牲畜都分别出来,使之圣洁,归给我。 18我现在已拣选利未人代替以色列人所有的长子, 19把他们交给亚伦父子们,替以色列人在会幕中司职,为以色列人赎罪,免得以色列人因接近圣所而遭祸。”

20摩西亚伦以色列全体会众就按照耶和华对摩西的吩咐把利未人献上。 21利未人自洁、洗净衣服后,亚伦把他们当作摇祭献给耶和华,又为他们赎罪,使他们洁净。 22之后,利未人便进入会幕,在亚伦父子们的监督下司职。以色列人照耶和华对摩西的吩咐奉献了利未人。

23耶和华对摩西说: 24“二十五岁以上的利未人都要到会幕司职, 25五十岁时退休。 26退休之后,他们可以协助本族弟兄看守会幕,不用再司职。你要这样给他们分派工作。”

Hindi Contemporary Version

गणना 8:1-26

सात दीप

1तब याहवेह ने मोशेह को आज्ञा दी, 2“अहरोन को यह आज्ञा दो, ‘जब-जब तुम दीपों को दीपदान पर रखो, ये सातों दीप सामने की तरफ़ प्रकाश देंगे.’ ”

3अहरोन ने यही किया. उसने दीपों को दीपदान के सामने की ओर रखा, जैसा याहवेह ने मोशेह द्वारा आज्ञा दी थी. 4इस दीपदान की बनावट इस प्रकार की गई थी: यह पीटे हुए सोने से बनाया गया था. यह इसके आधार से दीप फूलों तक पीटे हुए सोने से बना था. यह ठीक याहवेह द्वारा मोशेह को दिए गए नमूने के अनुसार था, तब उसने दीपदान को उसी के अनुसार बनाया था.

लेवियों का पवित्र किया जाना

5याहवेह ने मोशेह को दोबारा आज्ञा दी: 6“सारे इस्राएल के घराने में से लेवियों को अलग करो तथा उन्हें पवित्र करो. 7उनके शुद्ध करने की प्रक्रिया यह होगी: उन पर पवित्र जल का छिड़काव करो, तथा वे अपनी पूरी देह पर उस्तरा चलाएं, वस्त्रों को धो डालें और वे स्वच्छ हो जाएंगे. 8फिर वे एक बछड़ा लेकर तेल से सने मैदे के साथ अन्‍नबलि के रूप में चढ़ाएं तथा एक अन्य बछड़ा तुम पापबलि के रूप में चढ़ाओगे. 9तुम लेवियों को इस प्रकार मिलनवाले तंबू के सामने प्रस्तुत करोगे. तुम समस्त इस्राएल को इकट्ठा करोगे, 10तथा लेवियों को याहवेह के सामने प्रस्तुत करोगे तथा इस्राएल के घराने लेवियों पर अपने हाथ रखेंगे. 11अहरोन लेवियों को याहवेह के सामने इस्राएलियों की ओर हिलायी हुई भेंट चढ़ाएगा ताकि वे याहवेह की सेवा के लिए ठहर सकें.

12“फिर लेवी अपने हाथ उन बछड़ों पर रखेंगे और एक को याहवेह के लिए पापबलि तथा अन्य को होमबलि के रूप में भेंट कर देंगे ताकि इससे यह लेवियों के लिए प्रायश्चित बलि होगी. 13तुम लेवियों को अहरोन तथा उसके पुत्रों के सामने खड़ा होने के लिए कहोगे, कि वे याहवेह के सामने हिलाने की भेंट के लिए अर्पण किए जाएं. 14इस प्रकार तुम लेवियों को इस्राएल के घराने से अलग करोगे. लेवी मेरे रहेंगे.

15“यह सब पूरा हो जाने पर लेवी जाकर मिलनवाले तंबू में अपनी-अपनी ठहराई गई सेवाओं में लग सकते हैं; मगर ज़रूरी है कि तुम उन्हें पवित्र कर उन्हें हिलाने वाली भेंट के रूप में अर्पण करोगे; 16क्योंकि वे इस्राएल के घराने में से पूरी तरह मुझे दे दिए गए हैं. मैंने ही उन्हें इस्राएल के घराने में से हर एक स्त्री के गर्भ के पहलौंठों के स्थान पर अपने लिए ले लिया है. 17क्योंकि इस्राएल के घराने में से हर एक पहलौठा मेरा है; चाहे मनुष्य हो अथवा पशु. जिस दिन मैंने मिस्र देश में हर एक पहलौठे को मारा था, मैंने लेवियों को अपने लिए अलग कर लिया था. 18किंतु मैंने लेवियों को इस्राएल के घराने के हर एक पहिलौठों के स्थान पर ले लिया है. 19मैंने लेवी वंशजों को इस्राएल के घराने में से अहरोन तथा उसके पुत्रों को भेंट के रूप में दे दिया है कि वे इस्राएल के घराने के लिए मिलनवाले तंबू की सेवा किया करें तथा इस्राएल के घराने के लिए प्रायश्चित करें, कि इस्राएल के घराने पर पवित्र स्थान के निकट आने पर महामारी न आ पड़े.”

20फिर मोशेह, अहरोन तथा इस्राएल के घराने की पूरी सभा ने लेवियों के संबंध में यही किया जैसा आदेश याहवेह ने मोशेह को लेवियों के संबंध में दिया था. 21दूसरी ओर, लेवियों ने भी स्वयं को अपने पापों से पवित्र किया तथा अपने वस्त्र धो डाले. अहरोन ने उन्हें याहवेह के सामने हिलायी हुई भेंट के रूप में चढ़ाया. अहरोन ने उन्हें शुद्ध करने के उद्देश्य से उनके लिए प्रायश्चित भी किया. 22इसके बाद लेवी मिलनवाले तंबू में अहरोन एवं उसके पुत्रों के साथ अपनी-अपनी ठहराई हुई सेवाएं करने के लिए प्रवेश हुए, जैसा कि लेवियों के विषय में मोशेह को याहवेह की आज्ञा थी. यह सब वैसा ही पूरा कर दिया गया.

23इसके बाद याहवेह ने मोशेह से कहा, 24“लेवी सेवा के लिए यह विधि लागू होगी: पच्चीस वर्ष की आयु से ऊपर वे मिलनवाले तंबू में सेवा प्रारंभ किया करेंगे. 25पचास वर्ष की अवस्था होने पर वे यह सेवा समाप्‍त कर सेवा निवृत्त हो जाएंगे. 26हां, तब मिलनवाले तंबू में अपने भाइयों की सहायता अवश्य कर सकते हैं ताकि सेवा बिना किसी रुकावट के चलती रहे, किंतु वे स्वयं कोई कार्य नहीं करेंगे.”